Agra मेट्रो : ‘टीबीएम’ शिवाजी को किया गया लांच , भूमिगत कार्य में आएगी तेजी
आगरा मेट्रो द्वारा भूमिगत मार्ग में टनल निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के लिए टीबीएम शिवाजी को लांच कर दिया गया है.
आगरा. उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के निर्देशन में आगरा मेट्रो का काम करते समय से पहले पूरा करने के लिए प्रायोरिटी कॉरिडोर के भूमिगत भाग के क्षेत्र में तीसरी टनल बोरिंग मशीन टीबीएम शिवाजी को लांच किया गया है. इस दौरान उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार, निदेशक कार्य एवं संरचना चंद्रपाल सिंह सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
सबसे तेजी से भूमिगत लाइन का निर्माण करने वाली परियोजना
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक सुशील कुमार ने बताया कि आगरा मेट्रो विश्व में सबसे तेजी के साथ भूमिगत लाइन का निर्माण करने वाली परियोजना है. उन्होंने कहा कि शहर वासियों को निर्धारित समय से पूर्व मेट्रो सेवा प्रदान करने के संकल्प को पूरा करने की दिशा में मेट्रो ने एक और कदम बढ़ाया है. आगरा मेट्रो द्वारा भूमिगत मार्ग में टनल निर्माण कार्य को जल्द पूरा करने के लिए टीबीएम शिवाजी को लांच कर दिया गया है.
तीनों एलिवेटेड स्टेशन बनकर तैयार
प्रायोरिटी कॉरिडोर के तीनों एलिवेटेड स्टेशन बनकर तैयार है और यहां आगरा मेट्रो ट्रेन की हाई स्पीड टेस्टिंग की जा रही है. वहीं भूमिगत भाग में तेज गति के साथ निर्माण कार्य जारी है. प्रायोरिटी कॉरिडोर में एलिवेटेड भाग को भूमिगत भाग से जुड़ने के लिए कट एंड कवर प्रणाली के जरिए रैंप का निर्माण किया जा रहा है. इस रैंप क्षेत्र में ताजमहल मेट्रो स्टेशन से कट एंड कवर साइट तक टनल का निर्माण किया जाना है. जिसके लिए टीबीएम शिवाजी लांच की गई है.
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पुरानी मंडी लॉन्चिंग सॉफ्ट से पहले अप लाइन में लांच होगी
यूपी मेट्रो द्वारा रैंप क्षेत्र में टनल निर्माण के लिए टीबीएम शिवाजी को पुरानी मंडी स्थित लॉन्चिंग सॉफ्ट से पहले अप लाइन में लॉन्च किया जाएगा. इसके बाद टीबीएम शिवाजी को कट एंड कवर साइट पर निर्मित रिट्रीवल सॉफ्ट से बाहर निकाला जाएगा. इसके बाद टीबीएम शिवाजी को पुनः डाउन लाइन में टनल निर्माण के लिए लांच किया जाएगा.
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खुदाई पूरी होने के बाद रैंप की बेस स्लैब की कास्टिंग होगी
कट एंड कवर प्रणाली में सबसे पहले रैंप के लिए चिन्हित जगह पर वहां से होकर गुजर रहे यूटिलिटी की जांच की जाती है. इस दौरान यदि कोई यूटिलिटी चिन्ह क्षेत्र में पाई जाती है तो उसे शिफ्ट किया जाता है. इस प्रक्रिया के बाद रैंप निर्माण के लिए डायग्राम बॉल का निर्माण किया जाता है. इसके बाद मशीनों के जरिए निर्धारित ढलान बनाते हुए रैंप की खुदाई की जाती है. खुदाई पूरी होने के बाद रैंप की बेस स्लैब की कास्टिंग की जाती है और इसके बाद रूफ स्लैब को कास्ट करने के लिए कट एंड कवर टनल का निर्माण होता है.