शिक्षक घोटाला: कोर्ट में छलका पार्थ चटर्जी का दर्द, कहा- ‘मैं निर्दोष हूं, मीडिया ट्रायल का हो रहा हूं शिकार’
बंगाल में हुए शिक्षक घोटाले में गिरफ्तार पार्थ चटर्जी ने पीएमएलए अदालत में कहा कि मैं निर्दोष हूं और मीडिया ट्रायल का शिकार हो रहा हूं.
कोलकाता. विशेष पीएमएलए अदालत ने धन शोधन मामले में आरोपी राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी कथित करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी की न्यायिक हिरासत की अवधि 14 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी है. दोनों को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने गिरफ्तार किया है. पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को उनकी जेलों से डिजिटल माध्यम से अदालत के समक्ष पेश किया गया.
पार्थ चटर्जी ने खुद को बताया निर्दोष
दोनों में से किसी ने भी अदालत में जमानत अर्जी नहीं दी थी. बैंकशाल अदालत में धन शोधन निरोधक कानून (पीएमएलए) अदालत के न्यायाधीश ने चटर्जी और मुखर्जी दोनों की न्यायिक हिरासत अवधि 14 फरवरी तक के लिए बढ़ा दी. पार्थ ने खुद को निर्दोष बताया. उन्होंने कहा: मेरा मन जानता है कि मैं निर्दोष हूं. मैं मीडिया ट्रायल का शिकार हो रहा हूं. समाज में मेरी छवि को खराब करने की कोशिश की जा रही है. मैं बड़ी साजिश का शिकार हुआ हूं. अदालत मेरी बातों पर गौर करे और मुझे जमानत देने पर विचार करे.
लंदन में मेरा मकान मिला तो मुझे फांसी पर लटका दें
शिक्षक भर्ती घोटाले में मंगलवार को राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) की तरफ से वर्चुअल माध्यम से बैंकशाल कोर्ट स्थित पीएमएलए अदालत में पेश िकया गया. अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि 14 फरवरी तक बढ़ा दी. उधर, मंगलवार को ही पश्चिम बंगाल प्राथमिक शिक्षा पर्षद के पूर्व अध्यक्ष एवं तृणमूल कांग्रेस विधायक माणिक भट्टाचार्य को भी बैंकशाल कोर्ट स्थित सीबीआइ की विशेषअदालत में पेश किया गया.
माणिक ने सीबीआई पर उठाए सवाल
अदालत सूत्र बताते हैं कि पेशी के दौरान माणिक भट्टाचार्य ने अदालत परिसर में हुंकार भरी. उन्होंने कहा कि सीबीआइ कह रही है कि लंदन में मेरे नाम पर बंगला है. मेरे नाम पर दो पासपोर्ट जारी किये गये हैं. अगर यह सही है तो सीबीआइ अदालत में इससे जुड़ा सबूत पेश करे. मुझे इस जुर्म में फांसी पर लटका दें. मैं दावे के साथ कहता हूं कि नदिया में मेरे नाम पर एक मकान है, अब सीबीआइ नदिया को लंदन में शामिल कर रही हो तो और बात है.
इस राज्य के बाहर दूसरे राज्य में मेरे नाम पर कोई प्रॉपर्टी नहीं है. मेरे नाम पर जारी पासपोर्ट की तिथि समाप्त हो चुकी थी. मैंने अपना पासपोर्ट रिन्यू करवाया है, इसे सीबीआइ दो पासपोर्ट बता रही है. मुझे समाज में बदनाम करने की साजिश रची जा रही है. समाज में मेरी छवि जो खराब हो रही है, उसकी भरपाई कौन करेगा? गौरतलब है कि कलकत्ता हाइकोर्ट के निर्देश पर सीबीआइ शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही है.