शिक्षक भर्ती घोटाला: कुंतल घोष ने बनायी थी एसएससी व मध्य शिक्षा पर्षद की फर्जी वेबसाइट
संचालन में पार्थ चटर्जी व अन्य करते थे मदद. हालांकि, घोटाले की जांच शुरू होने के बाद इन फर्जी वेबसाइटों को बंद कर दिया गय. घोटाले में दो फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल किया गया था.
शिक्षक भर्ती घोटाला काफी पेशेवर तरीके से किया गया. सीबीआइ अधिकारियों ने यह दावा किया है. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि परीक्षार्थियों को अपने जाल में फंसाने के लिए इस मामले में गिरफ्तार कुंतल घोष ने मध्य शिक्षा पर्षद की फर्जी वेबसाइट बनायी थी. जिस पर वे तमाम जानकारियां अपलोड की जाती थीं, जो परीक्षार्थी जानना चाहते थे.
इन फर्जी वेबसाइटों के संचालन में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी समेत अन्य आरोपी भी मदद करते थे. सीबीआइ की ओर से गुरुवार को कोर्ट में पेश की गयी रिपोर्ट से यह भी बताया गया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए उम्मीदवारों की मेरिट लिस्ट भी जारी की जाती थी, जिसे बाद में असली वेबसाइट पर भी अपलोड किया जाता था. फर्जी वेबसाइट से असली वेबसाइट मॉनिटर होती थी.
हालांकि, घोटाले की जांच शुरू होने के बाद इन फर्जी वेबसाइटों को बंद कर दिया गय. घोटाले में दो फर्जी वेबसाइटों का इस्तेमाल किया गया था. एक पर स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) की जानकारी अपलोड की जाती थी और दूसरे पर माध्यमिक शिक्षा पर्षद की. इस खेल में शिक्षा पर्षद से जुड़े कई अधिकारियों के भी शामिल होने के सबूत मिले हैं.
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जांच अधिकारियों का मानना है कि इस घोटाले को इतने पेशेवर तरीके से अंजाम दिया गया कि कोई असली और फर्जी वेबसाइट में फर्क नहीं कर सकता था. सीबीआइ की तरफ से इससे संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी गयी है.
पूरी जानकारी के लिए गूगल को पत्र लिखेगी सीबीआइ
फर्जी वेबसाइटों के संबंध में विस्तृत जानकारी जुटाने के लिए सीबीआइ ने गूगल को पत्र भेजने का फैसला लिया है. सीबीआइ का कहना है कि इस मामले की जांच शुरू होने पर इस नकली वेबसाइट को इंटरनेट से हटा दिया गया है. किस आइपी एड्रेस से इन वेबसाइटों को बनाया गया था और किस आइपी से इसका संचालन किया जाता था, गूगल को पत्र भेजकर इस बारे में विस्तृत जानकारी हासिल की जायेगी.