शिक्षक भर्ती घोटाला: कई प्रभावशाली लोगों के निर्देश पर ही ओएमआर शीट में होती थी कारगुजारी
नीलाद्रि के फोन कॉल में कई ऐसे प्रभावशालियों द्वारा नीलाद्रि से बातें किये जाने से जुड़ी जानकारी भी उसके फोन से जांच अधिकारियों को मिली है.
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच में सीबीआइ ने हाल ही में ओएमआर शीट सप्लाई करनेवाली कंपनी के अधिकारी नीलाद्रि दास को गिरफ्तार किया था. उससे पूछताछ के बाद उसके मोबाइल फोन की जांच करने पर उनके मोबाइल फोन से काफी अहम जानकारी सीबीआइ को मिली है. सीबीआइ सूत्रों का कहना है कि नीलाद्रि जो ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करता था, उसके लिए कई प्रभावशाली उसे इसके लिए निर्देश देते थे.
नीलाद्रि के मोबाइल फोन में उन प्रभावशालियों के साथ नीलाद्रि द्वारा किये जानेवाले चैट की लिस्ट शामिल है. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि नीलाद्रि के फोन में कई ऐसे आवेदनकर्ताओं का लिस्ट एवं उनके बारे में जानकारी मिली है, जो आगे चलकर इस मामले की जांच में काफी मददगार साबित हो सकती है. यही नहीं, जिन आवेदनकर्ताओं को अवैध तरीके से नौकरी दिया जाता था, उसके लिए सपोर्टिंग कागजात भी नीलाद्रि को भेजा जाया था.
नीलाद्रि के फोन कॉल में कई ऐसे प्रभावशालियों द्वारा नीलाद्रि से बातें किये जाने से जुड़ी जानकारी भी उसके फोन से जांच अधिकारियों को मिली है. सीबीआइ सूत्र बताते हैं कि इन जानकारी के बाद उक्त फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा गया है. इस फोन में जिन-जिन प्रभावशालियों के नाम की जानकारी मिली है, उन्हें जल्द वे पूछताछ के लिए बुलायेंगे. इसके अलावा नीलाद्रि के साथ ओएमआर शीट में कारगुजारी करने के मामले में और कौन-कौन शामिल हैं, उन आरोपियों को भी गिरफ्तार करने की तैयारी की जा रही है.
गिरफ्तार अयन सिल के दो कर्मचारियों से इडी ने की पूछताछ
शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हाथों सॉल्टलेक से गिरफ्तार अयन सिल के दफ्तर में काम करनेवाले दो कर्मचारियों से रविवार को इडी ने मैराथन पूछताछ की. इडी सूत्रों का कहना है कि दोनों को रविवार को सॉल्टलेक में स्थित सीजीओ कॉम्पलेक्स में इडी दफ्तर में बुलाया गया था. उन्हें अपने बैंक अकाउंट एवं आयकर विभाग में जमा किये गये रिटर्न की कॉपी भी साथ लाने को कहा गया था.
रविवार को तय समय पर दोनों इडी दफ्तर पहुंचे. यहां रविवार को दोनों से आठ घंटे से ज्यादा पूछताछ की गयी. इडी सूत्रों का कहना है कि दोनों कर्मचारी वर्षों से अयन सिल की कंपनी में काम करते थे. अयन की कंपनी में होनेवाले लेनदेन एवं इस कंपनी के जरिये खरीदे जानेवाले प्रॉपर्टी की भी दोनों को जानकारी थी. इसके साथ ही दोनों अयन के परिवार के भी काफी घनिष्ठ थे. अयन के नाम पर जितनी प्राॅपर्टी है, इसके अलावा कहां-कहां और बेनामी प्रॉपर्टी है, इस बारे में जानकारी हासिल करने के लिए इन कर्मचारियों को बुलाया गया था. खबर लिखे जाने तक रविवार रात आठ बजे तक दोनों से पूछताछ जारी थी.