बंगाल में शिक्षिका ने पढ़ाया ‘यू’ फॉर ‘अगली’, सरकार ने किया निलंबित, जानें क्यों
शिक्षक (teacher) जो भी शिक्षा (education) देते हैं बच्चे (children) उस अपने जीवन में उतारते हैं और उनके अंदर इसी प्रकार की भावना जागृत होती है. इसलिए शिक्षक छात्रों को अच्छी बात सीखाते हैं. पर पश्चिम बंगाल (West bengal) के कोलकाता (Kolkata ) में दो शिक्षिकाओं की करतूत ने शिक्षकों पर सवाल खड़े कर दिये हैं. क्योंकि उन दोनों शिक्षिकाओं पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों को जो शिक्षा दी वो रंगभेद (Apartheid) नियम का उल्लंघन है. दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्वी वर्धमान जिले में दो शिक्षिकाओं को प्री-प्राइमरी (Pre-primary) के छात्रों को अंग्रेजी वर्णमाला की पुस्तक में सांवले रंग के लोगों के लिए अपमानजनक हिस्से को पढ़ाने के आरोप में निलंबित कर दिया.
शिक्षक जो भी शिक्षा देते हैं बच्चे उस अपने जीवन में उतारते हैं और उनके अंदर इसी प्रकार की भावना जागृत होती है. इसलिए शिक्षक छात्रों को अच्छी बात सीखाते हैं. पर पश्चिम बंगाल के कोलकाता में दो शिक्षिकाओं की करतूत ने शिक्षकों पर सवाल खड़े कर दिये हैं. क्योंकि उन दोनों शिक्षिकाओं पर आरोप है कि उन्होंने बच्चों को जो शिक्षा दी वो रंगभेद नियम का उल्लंघन है. दरअसल पश्चिम बंगाल सरकार ने पूर्वी वर्धमान जिले में दो शिक्षिकाओं को प्री-प्राइमरी के छात्रों को अंग्रेजी वर्णमाला की पुस्तक में सांवले रंग के लोगों के लिए अपमानजनक हिस्से को पढ़ाने के आरोप में निलंबित कर दिया.
मामला यह है कि शिक्षिका द्वारा संबंधित अक्षर से जुड़े शब्दों और छवियों को छात्रों को समझाने के लिए जिस पुस्तक का इस्तेमाल किया गया उस पुस्त में ‘यू’ अक्षर से ‘अगली’ शब्द लिखा हुआ है. जिसका अर्थ बदसूरत होता है. इसके साथ ही अक्षर के बगल में छपा चित्र सांवले रंग के एक लड़के का है. हालांकि इस पर सफाई देते हुए शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी ने संवाददाताओं को कहा कि यह पुस्तक शिक्षा विभाग द्वारा निर्दिष्ट पाठ्यपुस्तकों का हिस्सा नहीं है. स्कूल ने स्वयं यह किताब अपने पाठ्यक्रम में शामिल की है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि छात्रों के मन में पूर्वाग्रह स्थापित करने वाले किसी भी कृत्य को हम कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
West Bengal suspends two at Bardhaman school after book terms dark-skinned as 'ugly'
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— ANI Digital (@ani_digital) June 12, 2020
सूत्रों ने बताया कि यह मामला उस वक्त सामने आया था जब एक छात्र के पिता अपने बच्चे को उस किताब से घर में पढ़ा रहे थे. जब उन्होंने इसे देखा तब उन्होंने दूसरे अभिभावकों को इस बात की जानकारी दी. इसके बाद शिक्षा विभाग को किताब में लिखी जानकारी के बारे में बताया गया. तब जाकर यह कार्रवाई हुई है. फिलहाल कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर लागू किये गये लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हैं.
Posted By: Pawan Singh