Teachers Day 2020 : लोहरदगा (गोपीकृष्ण कुंवर) : शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य के कारण लोहरदगा के शिक्षक किशोर कुमार वर्मा की पहचान आज राज्य स्तर पर है. शिक्षा के साथ संस्कार की बुनियाद पर उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की इमारत खड़ी कर दी है. कभी खस्ताहाल स्कूल में बच्चे नदारद थे. आज जिले में इसकी अपनी पहचान है.
1944 में स्थापित राजकीय हरिजन पाठशाला, जो वर्तमान में राजकीय कृत मध्य विद्यालय, लोहरदगा के नाम से जाना जाता है, उसकी हालत बहुत खराब रहने पर तत्कालीन शिक्षकों और ग्राम शिक्षा समिति ने सामूहिक निर्णय लेकर युवा और जुझारू शिक्षक किशोर कुमार वर्मा को वर्ष 2007 में प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाने का आग्रह विभाग से किया था. तब मात्र कुछ छात्र स्कूल में थे. इन्होंने प्रभारी बनने के बाद धीरे-धीरे स्कूल की तस्वीर बदल दी.
आस-पास के प्राइवेट स्कूलों के बच्चों की तरह सरकारी स्कूल के छात्रों का स्वाभिमान जागृत करने के लिए इन्होंने सर्वप्रथम सरकारी स्कूल में ड्रेस कोड के तहत टाई बेल्ट और बैज पहना कर मनोबल को ऊंचा करने का सराहनीय प्रयास किया. इसका प्रभाव पड़ना स्वाभाविक था. नये सत्र में एडमिशन के लिए छात्रों की बाढ़ आ गयी. लगभग 800 से ऊपर नामांकन हो गया.
Also Read: Teachers Day 2020 : झारखंड के तीन शिक्षकों को राष्ट्रपति ने किया सम्मानित, ऑनलाइन मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारशिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से श्री वर्मा गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला जाकर सांध्यकालीन अध्यापन का कार्य करने लगे और उसमें सीनियर छात्रों का सहयोग लेकर स्वयं घूम-घूम कर पढ़ाने लगे. इसमें भारत स्काउट गाइड की इकाई स्कूल में खोली गयी और उसमें छात्रों को जिम्मेदारी का अहसास करा कर स्कूल की व्यवस्था बेहतर करने का प्रयास करने से बच्चों में अनुशासन के साथ जिम्मेदारी का संस्कार भरने का सराहनीय कार्य करने लगे.
Also Read: Teachers Day 2020 : खूंटी की बच्चियों की पढ़ाई का सारा खर्च उठाकर कामयाब बनानेवाली दिव्यांग शिक्षिका मेरी हस्सा पूर्तिश्री वर्मा ने इसमें गायत्री परिवार को जोड़कर पवित्र संस्कार और योगा कार्यक्रम की शुरुवात भी की. हरिजन स्कूल के बच्चे शिक्षा की बुलंदियों को छूने लगे तथा प्रत्येक वर्ष राज्य मेधा छात्रवृति परीक्षा में कभी 8 तो कभी 7 छात्र परीक्षा पास करने लगे. एक छात्र राकेश मिंज तो फुटबॉल में राज्यस्तरीय स्कूली प्रतियोगिता का प्रतिनिधित्व किया और चार छात्राओं ने तो कमाल करते हुए भारत स्काउट गाइड में राष्ट्रपति पुरस्कार के लिए नामित होकर सरकारी विद्यालय का नाम रोशन कर दिया.
Also Read: Teachers Day 2020 : जमशेदपुर की शिक्षिका इशिता डे को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारयही नहीं छात्र उज्ज्वल गोयल और मोहित गुप्ता ने नेतरहाट स्कूल में नामांकन के लिए चयनित होकर जिले में सरकारी स्कूल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को साबित कर दिया. तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सुबोध प्रसाद ने स्कूल को गोद लेकर आगे बढ़ाने और दूर दराज के बच्चों का शहरी क्षेत्रों में नामांकन कराने एवं हॉस्टल स्थापित करवाने में महत्वपूर्ण सहयोग दिया.
Also Read: Teachers Day 2020 : बोकारो की शिक्षिका डॉ निरूपमा कुमारी को मिला राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कारकिशोर कुमार वर्मा ने नक्सली क्षेत्र के बच्चों की शिक्षा के लिए स्कूल में हॉस्टल खोला और बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का साहसिक प्रयास किया. वर्ष 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल और केंद्रीय शिक्षा मंत्री कपिल सिब्बल के हाथों राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त कर इन्होंने जिले का मान बढ़ाया. किशोर कुमार वर्मा ने खस्ताहाल स्कूल को आज A ग्रेड और 5 स्टार के साथ रेल बोगी का वर्ग कक्ष बनाकर नवाचार से छात्रों की रुचि बढ़ायी. वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री पुरस्कार से भी इन्हें नवाजा गया है.
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