Teachers’ Day 2021 : सरकारी स्कूल जर्जर, कभी पेड़ तो कभी पुआल के मचान के नीचे बच्चों को पढ़ाते हैं टीचर
गांव में बिजली व नेटवर्क नहीं हैं. स्कूल भवन जर्जर है. इस कारण वे कभी पेड़ के नीचे, तो कभी पुआल के मचान के नीचे बच्चों को पढ़ाते हैं. ये इलाका नक्सल प्रभावित भी है.
Teachers’ Day 2021, खूंटी न्यूज (चंदन कुमार) : झारखंड के खूंटी जिले के अंतिम छोर खूंटी, सिमडेगा और चाईबासा सीमा पर स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओलंगेर के शिक्षक हेमंत कुमार सिंह के लिए बच्चों को शिक्षा देना बेहद चुनौतीपूर्ण है. जहां स्कूल स्थित है वहां तक पहुंचने के लिए न तो कोई सड़क है और न कोई साधन. सड़क की स्थिति ऐसी है कि उसमें दो पहिया भी चलाना मुश्किल है. ऊपर से पूरा क्षेत्र घोर नक्सलग्रस्त और दुर्गम पहाड़ी के ऊपर बसा हुआ है. ऐसे में जर्जर स्कूल के कारण वे पुआल के मचान के नीचे वे बच्चों को पढ़ाते हैं.
चुनौती सिर्फ इतने में समाप्त नहीं होती है. गांव में बिजली और नेटवर्क भी नहीं हैं. स्कूल का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. स्कूल भवन में खिड़की, दरवाजा तो छोड़िये, फर्श तक नहीं है. ऐसे में शिक्षक हेमंत कुमार सिंह बच्चों को गांव के उदित सिंह के बरामदे में पढ़ाते हैं. दुर्गम क्षेत्र होने के कारण वे स्वयं भी उदित सिंह के घर पर ही किराये में रहते हैं. हालांकि बच्चों की पढ़ाई के लिए मकान मालिक कोई किराया नहीं लेते हैं.
हेमंत कुमार सिंह कई बार पेड़ की छांव में तो कई बार पुआल के मचान के नीचे ही अपनी क्लास लगा देते हैं. स्कूल से संबंधित बैठक और अन्य कार्यक्रम में खुले में ही आयोजित होती है. लॉकडाउन में भी वे अपने कर्तव्य से पीछे नहीं रहे हैं. घर-घर जाकर बच्चों के बीच किताब वितरित कर रहे हैं. शिक्षक हेमंत कुमार सिंह का राजकीय प्राथमिक विद्यालय ओलंगेर में 2016 में पदस्थापन हुआ था. स्कूल में फिलहाल कुल 20 बच्चे नामांकित हैं. कोरोना महामारी को लेकर स्कूल लंबे समय से बंद है.
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