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BBMKU धनबाद में यूजी सेमेस्टर दो की परीक्षा की कॉपी का अधूरा मूल्यांकन कर रहे शिक्षक

बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में हाल में संपन्न हुए यूजी सेमेस्टर वन (सत्र 2021-24) के मूल्यांकन कार्य में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. कुछ शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का आधा-अधूरा ही मूल्यांकन किया है.

BBMKU News: बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय में हाल में संपन्न हुए यूजी सेमेस्टर वन (सत्र 2021-24) के मूल्यांकन कार्य में शिक्षकों की बड़ी लापरवाही सामने आयी है. कुछ शिक्षकों ने उत्तर पुस्तिकाओं का आधा-अधूरा ही मूल्यांकन किया है. इसका खुलासा विवि के परीक्षा विभाग द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं की जांच के दौरान हुआ है.

रैंडमली जांच से मामला आया सामने

परीक्षा विभाग यूजी सेमेस्टर का रिजल्ट निकालने की तैयारी कर रहा है. इसी दौरान मूल्यांकन के बाद लौटायी गयी उत्तर पुस्तिकाओं को रैंडमली देखा जा रहा था. इसी दौरान कुछ ऐसे उत्तर पुस्तिकाएं सामने आयी हैं, जिनका पूरी तरह से मूल्यांकन नहीं हुआ था. इनका पुन: मूल्यांकन कराया जायेगा. जिस शिक्षक ने उक्त उत्तर पुस्तकाओं का मूल्यांकन किया है, उनसे ही मूल्यांकन कराया जायेगा.

हिंदी या अंग्रेजी में नहीं लिखी परीक्षा तो रिजल्ट पेडिंग

यूजी सेमेस्टर वन की परीक्षा के जिन विद्यार्थियों ने लैंग्वेज पेपर को छोड़ अन्य विषयों की परीक्षा हिंदी या इंग्लिश में नहीं लिखा है. उनका रिजल्ट पेंडिंग हो सकता है. इसकी वजह है कि कई शिक्षकों ने ऐसे उत्तर पुस्तिकाओं को बिना जांचे ही विवि को लौटा दिया है. इस तरह के कुछ पेपर ऊर्दू ऑनर्स के छात्रों के मिले हैं. इन छात्रों ने हिस्ट्री या पॉलिटिकल साइंस की परीक्षा ऊर्दू में लिखी है. ऐसे उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन नहीं हुआ. बता दें कि विवि ने लैंग्वेज विषयों को छोड़ कर अन्य विषयों की परीक्षा देने का माध्यम हिंदी या इंग्लिश अनिवार्य कर दिया है. इस संबंध में विवि के परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि यह नियम यूजीसी के गाइडलाइन के आधार पर बनाया गया है. अब ऐसे छात्रों के रिजल्ट को पेंडिंग रखा जा रहा है.

बदलते परिवेश के लिए बायोइंफॉर्मेटिक्स

आज तेजी से बदलते तकनीक से कोई अछूता नहीं है. इसकी छाप हर जगह दिख रही है. पिछले कुछ अर्से में बायोइंफॉर्मेटिक्स के क्षेत्र में काफी बदलाव आया है. इसकी मदद से तैयार किये गये डाटाबेस से जेनेटिक समस्याओं का अध्ययन किया जा सकता है. इससे मानव जीवन को बेहतर बनाया जा सकता है. यह कहना है बीबीएमकेयू के प्रतिकुलपति डॉ पीके पोद्दार का. वह सोमवार को बीबीएमकेयू के जूलॉजी, जीवन विज्ञान और पर्यावरण विज्ञान व आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित छह दिवसीय व्यावहारिक कार्यशाला के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे. विवि के डीन साइंस डॉ. एसके सिन्हा ने आयोजन के उद्देश्यों की जानकारी दी. कार्यक्रम में जूलॉजी विभाग के सेमेस्टर तीन व जीवन विज्ञान व पर्यावरण विज्ञान व आपदा प्रबंधन के सेमेस्टर-दो के छात्र शामिल थे. कार्यशाला में सैद्धांतिक और व्यावहारिक सत्र दोनों की जानकारी दी गयी. छात्रों को अपने लैपटाप या स्मार्ट फोन पर प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. रिसोर्स पर्सन के तौर पर निटजा बायो वेंचर, हैदराबाद के प्रतिनिधि शामिल हुए. सफल आयोजन में डा. नविता गुप्ता व अन्य शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी रही.

पोस्टर मेकिंग में गोल्ड लानेवाली मोमिता सम्मानित

प्रतिकुलपति और डीन साइंस ने जंतु विज्ञान की सेमेस्टर तीन की छात्रा मोमिता चौधरी को सम्मानित किया. पर्यावरण दिवस पर विज्ञान भारती की ओर से आयोजित ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में मोमिता ने गोल्ड मेडल हासिल किया है.

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