कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल का चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस में टकराव बढ़ रहा है. दोनों दल एक-दूसरे के नेताओं को अपने पाले में करके 2021 में बंगाल का रण जीतने की कोशिशों में जुटे हैं. अमित शाह की मेदिनीपुर रैली में भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी समेत 34 नेताओं को अपने पक्ष में कर लिया, तो अब तृणमूल ने भाजपा के पुराने और समर्पित नेताओं पर डोरे डालने शुरू कर दिये हैं.
तृणमूल कांग्रेस व टीम पीके को लगता है कि भाजपा के नेता अतिआत्मविश्वास से लबरेज हैं. इसलिए यही मौका है, जब पार्टी के पुराने और समर्पित कार्यकर्ताओं को तृणमूल के खेमे में लाया जा सकता है. इसलिए टीम पीके खामोशी से अपने अभियान में जुटी हुई है. सूत्र बता रहे हैं कि जल्दी ही भाजपा के घर में तृणमूल बहुत बड़ी सेंधमारी करने जा रहा है. तृणमूल के लिए चुनावी रणनीति बना रहे पीके एंड टीम के निशाने पर वे नेता होंगे, जो इन दिनों भाजपा में दरकिनार हो चुके हैं. या खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.
पार्टी में नये लोगों के आने से जो लोग अलग-थलग पड़ गये हैं, टीम पीके उन्हें किसी भी तरह से तृणमूल में शामिल करा लेना चाहती है. टीम पीके तृणमूल के शीर्ष नेतृत्व को यह समझा चुके हैं कि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी जिन लोगों ने कभी भाजपा का साथ नहीं छोड़ा, वैसे लोग आजकल पार्टी में उपेक्षित हैं. हालांकि, ऐसे लोगों का जनाधार उनके क्षेत्र में बरकरार है. इसलिए, यदि ये लोग तृणमूल में आ जायें, तो पार्टी को चुनावों में फायदा होगा.
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टीम पीके टीएमसी नेता को समझा चुके हैं कि जो लोग पार्टी छोड़कर जा रहे हैं, उन पर कई तरह के भ्रष्टाचार के आरोप हैं. वहीं, भाजपा से जो लोग आयेंगे, वे बिल्कुल बेदाग हैं. उनका जनाधार भी है. इससे पार्टी की छवि भी निखरेगी और जनसमर्थन में भी इजाफा होगा. इसलिए भाजपा के पुराने लोगों से संपर्क किया जा रहा है. जिन लोगों से संपर्क किया जा रहा है उनमें टंडन परिवार के साथ-साथ आनंद किशोर सिंह एवं मानव दत्त जैसे लोग शामिल हैं.
टंडन परिवार के स्वर्गीय हरिकिशन टंडन ने जनसंघ व भाजपा के शुरुआती दिनों में पार्टी की तन-मन-धन से मदद की थी. उनकी पत्नी आशा टंडन लंबे समय तक प्रदेश भाजपा महिला मोर्चा की जिम्मेवारी संभालते हुई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तक बनीं. उनके पुत्र आदित्य टंडन ने भी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां निभायीं. दो काशीपुर-बेलगछिया विधानसभा सीट से भाजपा के टिकट पर चुनाव भी लड़े. आज के समय में यह परिवार पूरी तरह से पार्टी में हाशिये पर चला गया है.
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यही हाल भाजपा युवा मोर्चा के पूर्व उपाध्यक्ष आनंद किशोर सिंह और बड़ाबाजार के मानव दत्त शर्मा का भी है. टीम पीके की रडार पर भाजपा के ऐसे ही नेता और कार्यकर्ता हैं. इस बाबत पूछे जाने पर आदित्य टंडन ने कहा कि सभी दलों के लोगों के साथ उनके मधुर संबंध हैं. भाजपा की सक्रिय राजनीति करने की वजह से ही सभी दलों के लोग उन्हें जानते हैं. उन्होंने कहा कि अभी पार्टी उनका उपयोग नहीं कर रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि अन्य दलों के लोग उनके संपर्क में हैं.
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को इस बात का आभास है कि पार्टी में एक खास वर्ग को तवज्जो दी जा रही है, जबकि कुछ लोगों की उपेक्षा हो रही है. प्रदेश स्तर के नेताओं को इस बाबत शीर्ष नेताओं ने साफ कर दिया है कि पार्टी के पुराने ऐसा नेता, जिन्हें दरकिनार किया जा चुका है, उन्हें सक्रिय किया जाये. उनके अनुभवों का लाभ लें, ताकि चुनावों में पार्टी को नुकसान न हो और सत्तारूढ़ दल इसका फायदा न उठा सकें.
Posted By : Mithilesh Jha