IIT Kanpur में तकनीकी और उद्यमशीलता का उत्सव, टेककृति-23 का भी हुआ आगाज

आईआईटी (IIT) कानपुर का टेककृति- 23, एशिया के सबसे बड़े वार्षिक तकनीकी और उद्यमशीलता उत्सवों में से एक है. जिसे 23 मार्च को अपने 29वें संस्करण के साथ शुरू किया गया.

By Radheshyam Kushwaha | March 24, 2023 4:49 PM

कानपुर . आईआईटी (IIT) कानपुर का टेककृति- 23, एशिया के सबसे बड़े वार्षिक तकनीकी और उद्यमशीलता उत्सवों में से एक है. जिसे 23 मार्च को अपने 29वें संस्करण के साथ शुरू किया गया. उद्घाटन समारोह में आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर अभय करंदीकर, प्रो. अर्नब भट्टाचार्यऔर और प्रो.अमिताभ बंद्योपाध्याय मौजूद रहे. उद्घाटन सत्र की शुरुआत दीप प्रज्वलन समारोह के साथ हुई. प्रो. अभय करंदीकर, निदेशक आईआईटी कानपुर ने अनुसंधान और स्टार्टअप संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डाला, जो लंबे समय से आईआईटी कानपुर का प्रमुख फोकस रहा है. उन्होंने छात्रों से प्रौद्योगिकी और राष्ट्र निर्माण के क्षेत्र में योगदान देने के लिए टेककृति’23 के मंच का लाभ उठाने का आग्रह किया.

टेककृति 23 के मंच का लाभ उठाने की अपील

प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने आईआईटी कानपुर में चल रहे कृत्रिम हृदय परियोजना और इसकी आशाजनक भविष्य की संभावनाओं पर बात की. वहीं इस वर्ष के संस्करण का थीम एनिग्मैटिक टेसलेशन है और इसका ‘टेसेलेटो’ नामक एक मैस्काट भी है. इस वर्ष के संस्करण का उद्देश्य टेसेलेशन की आकर्षक दुनिया और प्रौद्योगिकी और नवाचार में इसके अनुप्रयोगों का पता लगाना है. गूढ़ टेसलेशन का विषय प्रतिभागियों को रचनात्मक रूप से सोचने और टेसलेशन की सुंदरता और जटिलता का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने की उम्मीद है. यह उन्हें पैटर्न की पेचीदगियों में तल्लीन करने के लिए प्रोत्साहित करता है की कैसे उनका उपयोग आर्किटेक्चर, रोबोटिक्स और डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है.

टेककृति 23 का ऑफिसियल एंथम कृति का हुआ उद्घाटन

टेककृति 23 का मैस्काट टेसेलेटो, रचनात्मकता और प्रौद्योगिकी के संलयन का प्रतिनिधित्व करता है. एक एनिमेटेड चरित्र के रूप में टेसेलेटो प्रतिभागियों को थोड़ा हट के सोचने के लिए प्रोत्साहित करता है और नवीन दृष्टिकोणों के माध्यम से जटिल समस्याओं को हल करने की चुनौती को स्वीकार कराता है. टेककृति 23 का ऑफिसियल एंथम “कृति” का उद्घाटन समारोह में अनावरण किया गया. जो हिपहॉप कलेक्टिव टीम द्वारा एक रचनात्मक रचना है. अनावरण के बाद एक पारंपरिक नृत्य प्रदर्शन हुआ. जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. प्रो. करंदीकर ने सभी कलाकारों को उनके शानदार प्रदर्शन की सराहना करते हुए स्मृति चिन्ह भेंट किए.

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पहले दिन हुई ये कार्यशालाएं

आयोजन के पहले दिन स्टॉक इन्वेस्टमेंट, जावा प्रोग्रामिंग, वेब डेवलपमेंट और डिजिटल मार्केटिंग सहित विविध विषयों पर चार कार्यशालाएँ आयोजित की गईं.स्टॉक इन्वेस्टमेंट वर्कशॉप का उद्देश्य प्रतिभागियों को शेयर बाजार और उसके कामकाज का अवलोकन प्रदान करना था. कार्यशाला में स्टॉक विश्लेषण, मूल्यांकन तकनीक और जोखिम प्रबंधन रणनीतियों जैसे विषयों को शामिल किया गया. जबकि जावा प्रोग्रामिंग वर्कशॉप का उद्देश्य प्रतिभागियों को जावा प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के मूल सिद्धांतों को पढ़ाना था. वेब डेवलपमेंट वर्कशॉप में प्रतिभागियों को एचटीएमएल, सीएसएस और जावास्क्रिप्ट का उपयोग करके उत्तरदायी और इंटरैक्टिव वेब पेज बनाने के तरीके सिखाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.

वर्कशॉप में वेब पेज बनाने और जावास्क्रिप्ट भी शामिल

वर्कशॉप में वेब डेवलपमेंट की मूल बातें शामिल थीं, जिसमें वेब पेज बनाना, CSS के साथ स्टाइल करना और जावास्क्रिप्ट का उपयोग करके इंटरएक्टिविटी जोड़ना शामिल था. वहीं डिजिटल मार्केटिंग वर्कशॉप का उद्देश्य प्रतिभागियों को डिजिटल मार्केटिंग और इसके विभिन्न चैनलों का अवलोकन प्रदान करना था. वर्कशॉप में सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन (SEO),सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग और कंटेंट मार्केटिंग जैसे विषय शामिल थे. देर रात को इवेंट ग्राउंड में मल्लिका का एक सिम्फनी शो था. जिसे ‘द एडेल ऑफ मुंबई’ के नाम से जाना जाता है.उसके सिम्फनी शो ने जादुई रात का शमा बांध दिया. जो कि, दर्शकों को मधुर लय और दिल को छू लेने वाले गीतों की यात्रा पर ले गई. यह चार दिवसीय उत्सव 26 मार्च तक जारी रहेगा.

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