Loading election data...

बरेली: नगर निकायों में करोड़ों का टेंडर घोटाला, नए बोर्ड के गठन से पहले किया गया खेल, जानें क्या बोले चेयरमैन

निकाय चुनाव में शपथ ग्रहण समारोह के बाद अभी ठीक से काम शुरू भी नहीं हुआ कि बरेली में बड़ा खेल सामने आया है. यहां बोर्ड के गठन से पहे ही करोड़ों रुपए के टेंडर निकाल कर भ्रष्टाचार को अंजाम दिया गया. अब मामले के खुलासे के बाद हड़कंप मचा और जांच के आधार पर कार्रवाई की बात कही जा रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | May 29, 2023 6:30 AM

Bareilly: उत्तर प्रदेश के बरेली की नगर निकायों में नए बोर्ड के गठन से पहले ही करोड़ों रुपए के टेंडर निकालने का मामला सामने आया है. इससे खफा निकायों के नवनिर्वाचित चेयरमैन ने जांच की मांग की है. हालांकि, स्थानीय निकायों में मेयर और चेयरमैन का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए बोर्ड के गठन होने तक किसी प्रकार के टेंडर, नीतिगत फैसले आदि पर प्रतिबंध लगा हुआ था.

इसका शासनादेश भी जारी किया गया. फिर भी बरेली की कई नगर पालिका और नगर पंचायत के अफसरों ने करोड़ों रुपए के टेंडर मनमाने तरीके से निकाल दिए. यह मामला कमिश्नर और डीएम तक पहुंचा है. इसके बाद टेंडर घोटाले में जांच शुरू हो गई है. इसमें से कुछ निकाय अध्यक्ष ने पूरे प्रकरण की जांच कराने की मांग की है.

आचार संहिता के बाद हुए टेंडर

स्थानीय नगर निकायों में दिसंबर, 2022 से लेकर मार्च, 2023 तक निकायों के अध्यक्ष (चेयरमैन) के कार्यकाल पूरे हो गए थे. इसके बाद शासन से निर्धारित व्यवस्था के अनुसार निकायों का प्रबंध आदि होने लगा. लेकिन, चुनाव आचार संहिता लगते ही तमाम विभागों में खेल शुरू होने की बात सामने आई. इसमें नगर पालिका, और नगर पंचायत सबसे आगे रहे.

Also Read: Aaj Ka Rashifal 29 May 2023 Video: मेष से लेकर मीन राशि, इन्हें मिलेगा किस्मत का साथ, पढ़ें आज का राशिफल
नए बोर्ड की शपथ से पहले निकाले गए टेंडर

नगर निकायों में नया बोर्ड गठन होने से पहले ही कई अधिशासी अधिकारियों ने शासनादेश के विपरीत बिना किसी अनुमोदन के करोड़ों रुपए की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी. हालांकि, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने 04 जनवरी 2023 को एक शासनादेश जारी कर आदेश दिया था कि स्थानीय निकायों में कार्यकाल पूरा होने और नए बोर्ड गठन होने तक किसी प्रकार के नीतिगत मामलों पर निर्णय नहीं किया जाए. स्थानीय निकायों में दैनिक कार्य, और प्रबंधन व्यवस्था के लिए त्रिस्तरीय समिति बना दी जाए और नीतिगत मामलों में परहेज रखा जाए. हर कार्य का अनुमोदन अनिवार्य होगा.

ऐसे सामने आया टेंडर घोटाला

नगर निकायों में शपथ समारोह होने के बाद स्थानीय निकायों में नई सरकार अस्तित्व में आ गई. इसके बाद टेंडर घोटाला सामने आया है.कुछ चेयरमैन ने इस पर तीखी आपत्ति की है. उनका कहना है कि बोर्ड के अस्तित्व में आने से पहले ही टेंडर जारी हो गए. इसकी जांच जरूरी है. दोषियों को दंडित भी होना चाहिए. उनका कहना है कि वह निकाय में अभी नए हैं. मगर, मामला गंभीर है, लेकिन मनमानी नहीं होने देंगे.

शासनादेश की हुई अनदेखी

स्थानीय निकायों में कई अधिशासी अधिकारियों ने शासनादेश को अनदेखा कर नए बोर्ड के गठन होने से पहले ही मनमाने तरीके से टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी. समाचार पत्रों में इसका प्रकाशन भी कराया गया है. बताया जाता है कि टेंडर प्रक्रिया शुरू करने के लिए जिलाधिकारी से अनुमोदन नहीं लिया. प्रतिबंध के बावजूद स्थानीय निकाय अफसरों ने टेंडर प्रक्रिया अपने चहेतों को काम देने के लिए आनन-फानन में निकाली. इसकी शिकायत डीएम शिवाकांत द्विवेदी और कमिश्नर सौम्या अग्रवाल से की गई है. शिकायत मिलने पर इन अधिकारियों ने गंभीरता से संज्ञान भी लिया है.

बहेड़ी चेयरमैन बोलीं, टेंडर घोटाले की कराएंगे जांच

नगर पालिका बहेड़ी से भाजपा की नवनिर्वाचित चेयरमैन रश्मि जायसवाल ने बताया कि उन्होंने शनिवार को ही शपथ ली है. टेंडर मामला संज्ञान में आया है. नगर पालिका परिषद बहेड़ी अधिशासी अधिकारी वीरेंद्र प्रताप सिंह, नगर पालिका बहेड़ी अवर अभियंता (जल) विपिन कुमार ने 26 मई को हाई मास्ट, एलईडी लाइटों की आपूर्ति के लिए टेंडर आमंत्रित किए थे. मामले की जांच कराई जाएगी. आचार संहिता में टेंडर किसके आदेश और किन परिस्थितियों में निकाला गया, इसकी जांच की जाएगी. नियमानुसार नहीं होने पर टेंडर निरस्त कराया जाएगा. मामले में कार्रवाई होगी. क्योंकि नया बोर्ड बन गया है. उसको ही इस तरह टेंडर जारी करने का अधिकार है.

रिपोर्ट- मुहम्मद साजिद, बरेली

Next Article

Exit mobile version