Jharkhand News (धनबाद) : श्रमिक संगठन जनता मजदूर संघ (जमसं) को लेकर सिंह मैंशन परिवार में विवाद बढ़ता जा रहा है. पिछले दिनों जमसं के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह ने संघ के बैनर और नाम का इस्तेमाल करने का आरोप लगाते हुए पूर्व मंत्री बच्चा सिंह समेत अन्य के खिलाफ कतरास थाने में लिखित शिकायत की थी. अब चाचा ने भी मोर्चा खोल दिया है.
पूर्व मंत्री बच्चा सिंह ने अपनी ही भाभी सह झरिया की पूर्व विधायक कुंती देवी (पति स्वर्गीय सूर्यदेव सिंह) पर जनता मजदूर संघ के सदस्यता शुल्क के करोड़ों रुपये के गबन का आरोप लगाया है. शनिवार को धनबाद एसएसपी से लिखित शिकायत कर कानूनी कार्रवाई शुरू की गयी है.
श्री सिंह ने लिखित शिकायत में कहा है कि जनता मजदूर संघ का बैंक खाता स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की झरिया शाखा में है. इसी खाते में संघ के सदस्यों का सदस्यता शुल्क जमा करने का नियम है. जनता मजदूर संघ के आंतरिक विवाद के कारण बैंक प्रबंधन ने राशि निकासी पर रोक लगा दी है.
बैंक प्रबंधन के अनुसार, जब तक कोर्ट से कोई फैसला नहीं आ जाता है, तब तक जमसं के खाते से कोई निकासी नहीं होगी. लेकिन, सदस्य मजदूरों से सदस्यता शुल्क तथा संघ की दूसरी आमदनी इस खाते में जमा होती रहेगी. नियम के मुताबिक, जब तक सक्षम न्यायालय से कोई फैसला नहीं आ जाता है, तब तक कोई भी जमसं के नाम से देश के हिस्से में दूसरा बैंक खाता नहीं खुलवा सकता है.
लेकिन, कुंती देवी ने केनरा बैंक, मटकुरिया धनबाद स्थित शाखा में जमसं का एक गैरकानूनी, अवैध तथा फर्जी खाता खुलवा कर संघ के सदस्यों की सदस्यता शुल्क की राशि BCCL से प्राप्त कर उसका गबन कर रही हैं. यही नहीं ट्रेड यूनियन रजिस्ट्रार को इसी बैंक खाते का ऑडिट रिपोर्ट तथा सालाना रिटर्न दिखाकर धोखा दिया जा रहा है.
बच्चा सिंह ने कहा कि जनता मजदूर संघ की स्थापना वर्ष 1977 से लेकर 2010 तक के ऑडिट रिपोर्ट तथा रिटर्न जो सक्षम अधिकारी के पास जमा किया गया है. उसमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की झरिया शाखा के खाता नंबर का ही जिक्र है. इस अकाउंट में लाखों रुपये मजदूरों से सदस्यता शुल्क के बाबत वसूली गयी राशि अभी भी जमा है. इसकी जानकारी पिछले 10 वर्षों से कुंती देवी ने ऑडिटर को नहीं दी है.
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जनता मजदूर संघ के संयुक्त महामंत्री सिद्धार्थ गौतम उर्फ मनीष सिंह ने कहा कि संघ का 15 साल पुराना अकाउंट है. संघ पूरी पारदर्शिता के साथ सरकार के समक्ष हर साल ऑडिट रिपोर्ट और रिटर्न जमा कर रहा है. संघ की आय व व्यय का पूरा ब्यौरा पब्लिक फोरम पर है. कोई भी RTI के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकता है.
उन्होंने कहा कि रही बात बच्चा सिंह द्वारा लगाये गये आरोपी की, तो 15 सालों से वह कहां सोये हुए थे. संगठन के नाम पर उनकी दुकानदारी बंद हो गयी है. इसलिए बौखला गये हैं. पिछले 15 साल से जमसं के नाम पर फर्जी यूनियन चला कर मजदूरों का शोषण व जमसं को बदनाम करते आये हैं.
फर्जी यूनियन का पैड छपवा कर सदस्यता शुल्क के नाम पर मजदूरों से लाखों-करोड़ों रुपये की उगाही की है. उसका हिसाब तो पहले दें. रही बात जनता मजदूर संघ की, तो संगठन सदस्यता शुल्क हो या किसी प्रकार का चंदा, सभी चेक के माध्यम से लेता है. इसका सारा आय व व्यय का ब्यौरा सरकार के पास है.
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Posted By : Samir Ranjan.