केडीए में लगा भ्रष्टाचार का दीमक, ग्रीन बेल्ट की जमीन पर जारी किया ले आउट का मानचित्र, अफसरों ने दी सफाई
कानपुर विकास प्राधिकरण ने ग्रीन बेल्ट का भू-उपयोग का नक्शा पास कर दिया है. जो कि पूरी तरह से कानूनन गलत है. क्योंकि ग्रीन बेल्ट की जमीन को भू-उपयोग में नहीं लिया जा सकता है.
कानपुर. शहर की जनता को आवासीय योजनाओं का लाभ देने वाले कानपुर विकास प्राधिकरण के खेल भी अजब-गजब है. कभी डीजल घोटाला तो कभी आवासीय और कामर्शियल जमीनों के विवाद के बाद अब ग्रीन बेल्ट पर भू-उपयोग को लेकर केडीए चर्चा में है. कानपुर विकास प्राधिकरण ने ग्रीन बेल्ट का भू-उपयोग का नक्शा पास कर दिया है. जो कि पूरी तरह से कानूनन गलत है. क्योंकि ग्रीन बेल्ट की जमीन को भू-उपयोग में नहीं लिया जा सकता है. उत्तर प्रदेश शासन के उप सचिव अरुणेश कुमार द्विवेदी द्वारा इस प्रकरण का एक पत्र केडीए अध्यक्ष को प्रेषित किया गया. पत्र में यह निर्देश दिए गए है कि उक्त प्रकरण की जांच कर साक्ष्यों के साथ अभिलेख और आख्या शासन को प्रेषित की जाए. जिसके बाद केडीए में हड़कंप मच गया है.
ग्रीन बेल्ट की जमीन पर कॉमर्शियल भू-उपयोग का नक्शा पासबताते चले कि नवाबगंज निवासी अनूप कुमार शुक्ला ने शिकायती पत्र में कहा है कि ग्रीन बेल्ट की 12000 वर्ग मीटर जमीन पर कॉमर्शियल ग्रुप हाउसिंग के लिए नक्शा भी स्वीकृत किया जा चुका है. हालांकि कानपुर विकास प्राधिकरण के अधिकारी अपनी सफाई देने में जुटे हुए है. केडीए अपर सचिव गुडाकेश शर्मा ने अपनी सफाई में कहा कि इससे पहले भी यह प्रकरण एक व्यक्ति के द्वारा पीआईएल के जरिए हाईकोर्ट में दाखिल किया गया था. जिसे माननीय न्यायालय ने पहले ही दिन उक्त प्रकरण को सुनते हुए खारिज कर दिया था.
केडीए पर सचिव ने आगे बताया की वर्ष 2009 में इसका नक्शा पास हुआ था. तब से लेकर अब तक इसपर सैकड़ो नक़्शे पास हो चुके है. जो शिकायत की गई है, उस पर ग्रुप हाऊसिंग का नक्शा पास हुआ है. उसी पर बिल्डर के द्वारा एनआरआई सिटी के नक़्शे की अनुमति मांगी गई थी और नियमानुसार उसका परिक्षण कर नक्शा पास किया गया था. इसमें कही कोई दिक्कत नहीं है. हालांकि अपर सचिव ने ये भी कहा कि कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए एक गैंग बनाकर कार्य करके प्राधिकरण की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे है.
Also Read: उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक एमपीटी सीटें हासिल करने वाला सीएसजेएमयू पहला विश्वविद्यालय, 2019 से संचालित है कोर्स याचिकाकर्ता ने मीडिया के सामने आने से किया इंकारकेडीए अधिकारियों ने अपनी सफाई में लंबा चौड़ा भाषण दे दिया. जिसके बाद उनकी बताई गई बातों की सच्चाई जानने के लिए प्रभात खबर की टीम ने याचिकर्ता अनूप कुमार शुक्ला के आवास पहुंची. लेकिन उनके ना मिलने पर जब टेलीफोनिक संपर्क किया गया तो उन्होंने मीडिया के समक्ष आने से मना कर दिया. जिससे साफ़ लग रहा है कि कही न कही केडीए की बातों में दम नजर आ रहा है. क्योकि, पीआईएल दाखिल होने के बाद पहली सुनवाई में ही माननीय न्यायालय ने उक्त प्रकरण को खारिज कर दिया था.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी