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बड़कागांव में 7वें दिन भी हाथियों का आतंक जारी, एक व्यक्ति को रौंदा, फसलों को भी पहुंचाया नुकसान

Jharkhand news, Hazaribagh news, बड़कागांव (हजारीबाग) : हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव वन क्षेत्र के विभिन्न गांव में हाथियों ने 7 दिनों से आतंक मचा रखा है. इससे ग्रामीणों की नींद हराम हो गयी है. वहीं, वन विभाग हाथी भगाने को लेकर भी परेशान हैं. फिर भी हाथी नहीं भाग रहे हैं. जंगलों से लौटकर हाथी दोबारा गांव की ओर रात में हमला करने लगते हैं. इस दौरान हाथी ने एक ग्रामीण को रौंद कर मारा डाला.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 17, 2020 5:26 PM

Jharkhand news, Hazaribagh news, बड़कागांव (हजारीबाग) : हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव वन क्षेत्र के विभिन्न गांव में हाथियों ने 7 दिनों से आतंक मचा रखा है. इससे ग्रामीणों की नींद हराम हो गयी है. वहीं, वन विभाग हाथी भगाने को लेकर भी परेशान हैं. फिर भी हाथी नहीं भाग रहे हैं. जंगलों से लौटकर हाथी दोबारा गांव की ओर रात में हमला करने लगते हैं. इस दौरान हाथी ने एक ग्रामीण को रौंद कर मारा डाला.

बड़कागांव वन थाना क्षेत्र के गोंदलपुरा पंचायत स्थित सेहदा गांव निवासी मनसा गंझु के पुत्र 28 वर्षीय जागो गंझु बादम रावतपारा से सब्जी खरीदकर घर लौट रहा था. इसी बीच सेहदा जंगल में हाथियों ने जागो गंझू पर हमला कर दिया. हाथियों ने चारों ओर से घेर कर उसे पटक-पटक कर मार डाला. इसके बाद हाथियों ने अपने पैरों तले रौंद दिया.

बताया जाता है कि बड़कागांव थाना क्षेत्र में गोंदलपुरा, हाहै बलोदर, सेहदा, चपरी, रुद्दी, नापोखुर्द, इसको के गांव में पिछले 7 दिनों से दर्जनों घर एवं मवेशियों को हाथियों ने अपनी चपेट में लिया. इससके करीब 80 लाख रुपये की क्षति हुई है. ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का 30 से 32 का झुंड हजारों एकड़ में लगी लाखों की फसल को बर्बाद कर नुकसान पहुंचाया है.

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मुआवजे की मांग

इस संबंध में समाजसेवी कालेश्वर साव, नापोखुर्द मुखिया सोनी देवी, चंद्रिका सांव, बादम पंचायत पसस प्रतिनिधि राजा खान, मुखिया दीपक दास, गोंदलपुरा पंचायत मुखिया पानो देवी, पूर्व मुखिया श्रीकांत निराला ने किसानों के फसल एवं क्षतिग्रस्त घरों के लोगों को प्रधानमंत्री आवास के साथ मुआवजा एवं मृतक परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग वन विभाग से की गयी है.

2 वर्षों से हाथियों का बढ़ा है गुस्सा

कटते जंगलों से जंगली जानवर भी परेशान हैं. हाथियों का भी गुस्सा बहुत हद तक बढ़ी है. महीने दर महीने हाथियों का आतंक गांव में बढ़ने लगा है. 15 नवंबर, 2018 को हाथियों ने 3 लोगों को कुचल कर मार डाला था. इसमें से सिमरातरी निवासी 40 वर्षीय तुलसी महतो, लीलू साव एवं मिर्जापुर के मोहम्मद हबीब को हाथियों ने कुचल कर मार डाला था. वहीं 28 जुलाई, 2019 को 10 एकड़ में लगे धान की बिचड़े को नुकसान पहुंचाया एवं 6 घरों को तोड़फोड़ किया था. 28 दिसंबर, 2019 को 20 क्विंटल धान एवं 18 घरों को तोड़ दिया गया था. जनवरी 2020 में 13 हाथियों के झुंड ने 18 दिनों तक उत्पात मचाया था, वहीं 14 घरों को ध्वस्त किया था. साथ ही 15 एकड़ में लगी फसल को नुकसान पहुंचाया था. 12 दिसंबर, 2020 को 14 घरों को ध्वस्त कर दिया था एवं लाखों रुपये की फसल को नुकसान पहुंचाया. 13 दिसंबर, 2020 को रावतपारा गांव में 13 लोगों की घर एवं फसलों को नुकसान पहुंचाया, वहीं बैल को भी मार डाला.

हाथियों को भगाने में वन विभाग का प्रयास जारी

वन विभाग द्वारा वन क्षेत्र पदाधिकारी के द्वारा बंगाल व दुमका से टीम मंगा कर हाथियों को भगाने का प्रयास जारी है. इस संबंध में वन क्षेत्र पदाधिकारी ने कहा कि हाथियों के कॉरिडोर क्षेत्र में अगर ग्रामीण उसे ना छेड़े, तो वह अपने कॉरिडोर के अंदर ही रहेगा और किसी तरह से कोई क्षति नहीं पहुंचायेगा. लेकिन, जिधर हाथियों का झुंड जा रहा है उधर से लोग उन्हें भगाते हुए छेड़छाड़ करते हैं. जिसके आवेश में आकर हाथियों ने घरों, जानवरों व लोगों को क्षति पहुंचा रहे हैं.

Posted By : Samir Ranjan.

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