कोलकाता: भारत सहित पूरी दुनिया में पेगासस स्पाईवेयर की चर्चा है. इसे लेकर बार-बार विरोधी दल के नेता केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं. 22 जुलाई को कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने सभी मंत्रियों को स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम करने का निर्देश दिया था. उन्होंने कहा था कि अगर किसी को कुछ जरूरी बातें करनी है या कहना है, तो आमने-सामने या पत्र द्वारा करें.
अब राज्य के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक ने अपने सभी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना छोड़ दिया है. अब तक वह पांच स्मार्ट फोन का इस्तेमाल करते आ रहे थे. इतना ही नहीं, उन्होंने कहा है कि अब वह व्हाट्सएप संदेशों का इस्तेमाल नहीं करेंगे. इसकी बजाय पत्रों के जरिये सूचनाओं का आदान-प्रदान करेंगे.
बुधवार को मीडिया से रू-ब-रू होते हुए ज्योतिप्रिय मल्लिक ने केंद्र सरकार पर इस्राइल के स्पाइवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और जजों के फोन की टैपिंग का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने अपने फोन के कैमरे में ल्यूकोप्लास्ट लगा दिया है.
ज्योतिप्रिय मल्लिक ने कहा है कि ममता बनर्जी ने अपने फोन को प्लास्टर लगाया, तभी उन्हें महसूस हुआ कि सबसे सुरक्षित फोन बटन वाला फोन ही है. उन्होंने अपने स्मार्टफोन का इस्तेमाल करना छोड़ दिया है. साथ ही उन्होंने अपने कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने सभी को हाथ से पत्र लिखने की आदत डालने का निर्देश दिया है.
यहां बताना प्रासंगिक होगा कि पेगागस स्पाईवेयर के मुद्दे पर लोकसभा और राज्यसभा में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसदों ने हंगामा कर रखा है. ममता बनर्जी भी इस मुद्दे पर केंद्र सरकार पर हमलावर हैं. उन्होंने इस मामले की जांच कराने की मांग की है. केंद्र सरकार ने जांच के आदेश नहीं दिये, तो ममता बनर्जी की बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाइकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस ज्योतिप्रिय भट्टाचार्य और सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस मदन बी लोकुर की अगुवाई में एक जांच आयोग का गठन कर दिया है.
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Posted By: Mithilesh Jha