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आरक्षित वर्ग में 82 अंक मिले तो पास माने जायेंगे टेट अभ्यर्थी, अभिजीत गंगोपाध्याय का आदेश फिलहाल बरकरार

प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अनुसार 150 में से 82 अंक वास्तव में 54.67 प्रतिशत है. यानि नियमों के मुताबिक यह 55 प्रतिशत नहीं है. अगर नौकरी चाहने वालों को 1 अंक अधिक मिलता तो प्रतिशत 55.34 होता. इसलिए इस मामले में 55 फीसदी का नियम लागू होता.

By Shinki Singh | September 6, 2023 5:27 PM

प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए टेट में उत्तीर्ण अंकों के संबंध में न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के फैसले को फिलहाल बरकरार रखा गया है. तीसरी बेंच के जज सौगत भट्टाचार्य ने बुधवार को इस पर फैसला सुनाया. टेट में आरक्षित सीटों के मामले में नंबर को लेकर पहले डिवीजन बेंच के दो जजों की राय अलग-अलग होने के कारण मामला तीसरी बेंच के पास गया था. तीसरी बेंच ने उस मामले का निपटारा करते हुए कहा कि इस समय जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के फैसले में हस्तक्षेप नहीं किया जाएगा. पिछले साल 3 नवंबर को न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने आदेश दिया कि 2014 और 2017 में टेट में 82 अंक हासिल करने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को टेट में उत्तीर्ण माना जाना चाहिए.

आरक्षित उम्मीदवारों को टेट में 55 प्रतिशत अंक होना अनिवार्य

2014 से 5 और 2017 से 16, कुल 21 आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थी जिन्होंने टेट में 150 में से 82 अंक प्राप्त किए हैं, उन्हें टेट उत्तीर्ण माना जाए और 2022 की प्राथमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में भाग लेने का अवसर दिया जाए. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के मानदंडों के अनुसार आरक्षित उम्मीदवारों को टेट में 55 प्रतिशत अंक और सामान्य उम्मीदवारों को 60 प्रतिशत अंक मिलने चाहिए. सभी वादी आरक्षित उम्मीदवार हैं और प्रत्येक ने 150 अंकों में से 82 अंक प्राप्त किए हैं.

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प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के 82 अंक वास्तव में 54.67 प्रतिशत के बराबर

प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अनुसार 150 में से 82 अंक वास्तव में 54.67 प्रतिशत है. यानि नियमों के मुताबिक यह 55 प्रतिशत नहीं है. अगर नौकरी चाहने वालों को 1 अंक अधिक मिलता तो प्रतिशत 55.34 होता. इसलिए इस मामले में 55 फीसदी का नियम लागू होता. इसलिए बोर्ड ने आरक्षित वर्ग के लिए 82 के बजाय 83 अंक तय किए. लेकिन वादियों ने दावा किया है कि आरक्षित वर्ग के कई उम्मीदवारों को 2014 और 2017 टेट में 150 में से 82 अंक मिले थे.

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न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के फैसले को रखा गया फिलहाल बरकरार

नियमानुसार 54.67 को 55 अंक गिना जाना चाहिए और यदि वे 55 अंक प्राप्त करते हैं तो उन्हें टेट पास के रूप में मान्यता दी जाएगी. न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय के इस फैसले को चुनौती देते हुए नौकरी के इच्छुक कुछ उम्मीदवार न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार और न्यायमूर्ति सुप्रतिम भट्टाचार्य की खंडपीठ के पास गए. फैसले के दौरान डिविजन बेंच के दो जजों ने अलग-अलग राय दी. जस्टिस सुब्रत तालुकदार के मुताबिक अगर आपको 150 में से 82 नंबर मिलते हैं तो आपको टेट में पास माना जाएगा. वहीं जस्टिस सुप्रतिम भट्टाचार्य ने कहा कि अगर आपको 82.5 या इससे ज्यादा नंबर मिलते हैं, तो आपको टेट मे पास माना जाएगा . मुख्य न्यायाधीश के निर्देशानुसार नियमानुसार मामला न्यायमूर्ति सौगत भट्टाचार्य की तीसरी पीठ के पास गया। जस्टिस सौगत भट्टाचार्य की बेंच में जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के फैसले पर रोक लगाने की मांग को लेकर अर्जी दाखिल की गई थी. उस मामले में जस्टिस सौगत भट्टाचार्य ने यह आदेश दिया.

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