मेरठ : उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में बुधवार को एक हैरान करने वाला मामला सामने आया. लॉकडाउन के उल्लंघन के डर से जब दूल्हे ने बारात लेकर ससुरालन जाने में असमर्थता जतायी तो दुल्हन खुद अपने परिवार के पांच लोगों के साथ अपनी ससुराल पहुंच गयी. यह देख दूल्हे के घर वालों ने सभी का स्वागत किया और मंदिर में दोनों नव दंपतियों ने भगवान महादेव को साक्षी मानकर सात फेरे लिए. इस शादी की खास बात ये रही कि दूल्हे पक्ष ने कोई दान दहेज लड़की पक्ष से नहीं लिया. फेरे होने के बाद मंदिर से ही विदा होकर दुल्हन अपनी ससुराल चली गयी.
सज गया था मंडप, बंट गये थे कार्डश्रद्धापुरी निवासी नरेंद्र सिंह ने अपने बेटी निकिता की शादी करीब चार महीने पहले दौराला कस्बा निवासी सोनू अहलावत पुत्र ब्रजमोहन के साथ तय की थी. शादी की तारीख 15 अप्रैल तय की गयी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन कर रखा था. ऐसे में 15 अप्रैल को लॉकडाउन खुलने की आस में दोनों ही घरों में शादी की तैयारियां चल रही थी. शादी के लिए मंडप, बैंड बाजा, हलवाई आदि भी बुक कर दिये गये थे. लेकिन जब प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को बढ़ाकर 3 मई कर दिया तो दोनों ही परिवार मुश्किल में आ गये.
दूल्हा पक्ष शादी की तारीख आगे बढ़ाने की बात करने लगा लेकिन दुल्हन तय समय पर ही शादी की बात करने लगी. दूल्हे पक्ष ने बरात लेकर आने में असमर्थता जतायी तो बुधवार को तय समय पर दुल्हन खुद ही अपने परिवार के पांच लोगों की बरात लेकर दूल्हे के घर पहुंच गयी.मंदिर में विधि विधान से शादी हुई .
दुल्हन अपने साथ माता-पिता, मामा व बहन को ले गयीदुल्हन निकिता अपने साथ अपने माता-पिता के अलावा मामा और बहन को लेकर दूल्हे के घर पहुंची. जहां उनका दूल्हे पक्ष ने स्वागत किया। उसके बाद तय हुआ कि मंदिर में आज ही दोनों के फेरे करा दिये गये. जिसके बाद लड़का और लड़की पक्ष मटौर गांव के दौराला मार्ग स्थित झारखंडेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे. यहां मंदिर के पुजारी ने मंत्रोच्चारण के बीच सभी रीति रिवाज से दोनों की शादी संपन्न करायी.