पीठ पर बेटी, हाथ में वैक्सीन कंटेनर लिए नदी पार कर बच्चों के टीकाकरण में जुटी लातेहार की ANM मानती कुमारी

Jharkhand News (लातेहार) : कहते हैं अगर दिल में कतर्व्य के प्रति पूरी निष्ठा व लगन हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है और यह साबित किया है लातेहार जिले के महुआडांड़ की ANM मानती कुमारी ने. मानती प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिम जनजाति एवं आदिवासी परिवार के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2021 6:44 PM
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Jharkhand News (वसीम अख्तर, लातेहार) : कहते हैं अगर दिल में कतर्व्य के प्रति पूरी निष्ठा व लगन हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता है और यह साबित किया है लातेहार जिले के महुआडांड़ की ANM मानती कुमारी ने. मानती प्रखंड के जंगली क्षेत्रों में निवास करने वाले आदिम जनजाति एवं आदिवासी परिवार के इलाज के लिए पूरी तरह समर्पित है.

प्रखंड मुख्यालय से 19 किलोमीटर दूर अक्सी पंचायत के चेतमा ग्राम के उप स्वास्थ्य केंद्र में बच्चों का टीका प्रतिरक्षण के लिए पदस्थापित ANM मानती कुमारी सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित आदिवासी परिवारों को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ देने के लिए काफी संघर्ष कर रही है.

अपने कर्तव्य के निवर्हन के दौरान उसे अपने पीठ पर अपने एक साल की छोटी बेटी को बांध कर जान जोखिम में डाल कर बुढ़ा नदी पार कर पंचायत के तिसिया, गोयरा व सुगाबांध गांव पहुंचती है और बच्चों का टीकाकरण करती है. मानती कुमारी मूलत जिले के चंदवा प्रखंड के अलौदिया गांव निवासी है.

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मानती कहती है कि चेतमा उप स्वास्थ्य केंद्र में वह जनवरी, 2020 से स्वास्थ्य सेवाएं दे रही है. वह बच्चों के टीका प्रतिरक्षण के अलावा ग्रामीणों की भी स्वास्थ्य जांच कर उन्हें चिकित्सीय सलाह देती है. उन्होंने कहा कि जो उसे काम मिला है उसे जिम्मेदारी समझकर करना ही पड़ेगा. उसके इस काम में उसके पति सुनील उरांव काफी मदद करते हैं.

उन्होंने कहा कि वह प्रतिदिन अपने स्कूटी से महुआडांड़ स्थित अपने आवास से 20 किमी की दूरी तय कर चेतमा उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंचती है. महीने में तीन बार चार किलोमीटर पैदल चलकर तिसिया, गोयरा व सुगाबांध गांव जाती है. नदी में कमर तक पानी होने पर ही वह नदी पार करती है. अधिक पानी होने पर वह वापस हो जाती है.

Posted By : Samir Ranjan.

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