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हजारीबाग के 923 प्राइवेट स्कूल के 15 हजार शिक्षकों का हाल बेहाल, कोरोना काल में आधा दर्जन शिक्षकों की हुई मौत, नहीं ले रहा कोई सुध

Jharkhand News (हजारीबाग) : कोरोना महामारी की मार से हजारीबाग जिले के 923 छोटे व मध्यम वर्ग के प्राइवेट स्कूल के संचालक, कार्यरत शिक्षक व कर्मियों का हाल बेहाल हो गया है. कोरोना वायरस का संक्रमण से बचाव के मद्देनजर सरकार ने 22 मार्च, 2020 से अब तक सभी स्कूल बंद कराया है. इसके कारण सिर्फ हजारीबाग में प्राइवेट स्कूल के 15 हजार से अधिक संचालक, शिक्षक व कर्मी बेरोजगार हो गये हैं. इनकी स्थिति बद से बदतर हो गयी है.

Jharkhand News (शंकर प्रसाद, हजारीबाग) : कोरोना महामारी की मार से हजारीबाग जिले के 923 छोटे व मध्यम वर्ग के प्राइवेट स्कूल के संचालक, कार्यरत शिक्षक व कर्मियों का हाल बेहाल हो गया है. कोरोना वायरस का संक्रमण से बचाव के मद्देनजर सरकार ने 22 मार्च, 2020 से अब तक सभी स्कूल बंद कराया है. इसके कारण सिर्फ हजारीबाग में प्राइवेट स्कूल के 15 हजार से अधिक संचालक, शिक्षक व कर्मी बेरोजगार हो गये हैं. इनकी स्थिति बद से बदतर हो गयी है.

हजारीबाग जिले में कोरोना की चपेट में आने व पैसे के अभाव में अन्य बीमारी के इलाज नहीं करा पाने की स्थिति में आधा दर्जन शिक्षकों की मौत हो गयी. हजारीबाग प्राइवेट स्कूल संगठन के अध्यक्ष, सचिव व अन्य सदस्यों ने ट्वीट कर राज्य सरकार, शिक्षा विभाग से सभी प्राइवेट स्कूल के संचालक, शिक्षक व कर्मियों के लिए आर्थिक सहयोग व पैकेज की मांग किया गया है. बावजूद सरकार की ओर से प्राइवेट स्कूलों के लिए अब तक कोई पहल नहीं किया गया है. कोरोना काल में आर्थिक अभाव में आधा दर्जन शिक्षकों की मौत भी हुई है. मृतक के आश्रितों के लिए सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है.

मृतक शिक्षकों के आश्रितों को नहीं मिला लाभ

घोषित स्वस्थ सुरक्षा सप्ताह में सभी प्राइवेट स्कूल बंद है. जिसके कारण आर्थिक तंगी व कोरोना से 6 शिक्षकों की मौत हुई है. जिनमें कटकमदाग स्थित सुभाष सैनिक हाई स्कूल के रतन कुमार साव, विद्या सागर पब्लिक स्कूल दमोदिह के रामनिरंजन सिन्हा, इचाक देवकुली के बिरसा हाई स्कूल के उमेश कुमार, प्रज्ञा मिडिल हाई स्कूल के देवेंद्र सिंह के अलावे अन्य प्रखंडों में स्थित निजी विद्यालय के शिक्षकों की मौत हुई है.

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923 प्राइवेट स्कूल में 1.80 लाख बच्चे अध्ययनरत

हजारीबाग जिले में 16 प्रखंड है. सभी प्रखंडों में 923 विद्यालय में लगभग 1.80 लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं. इस कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए सभी स्कूल बंद है. आर्थिक तंगी के कारण बच्चों को ऑनलाइन की पढ़ाई करना संभव नहीं है. हालांकि, इनमें कई विद्यालय ऐसे हैं जो ऑनलाइन पढ़ाई करा रही है. स्कूल बंद होने के कारण बच्चे ट्यूशन फी भुगतान नहीं कर रहे हैं.

सरकार प्राइवेट स्कूल को आर्थिक पैकेज दे

प्राइवेट स्कूल संगठन अध्यक्ष विनोद भगत ने कहा कि कोरोना के मद्देनजर 16 महीना से सभी प्राइवेट स्कूल बंद है. ऐसे में विद्यालय संचालक, शिक्षकों व अन्य कर्मियों में भूखमरी की स्थिति है. कई शिक्षक पैसे के अभाव में दम तोड़ दिये हैं. अध्यक्ष ने कहा कि सभी प्राइवेट स्कूल के लिए सरकार आर्थिक पैकेज दें. स्कूलों को जल्द से जल्द खोलने की मांग की गयी है.

इस संबंध में संगठन सचिव प्रभु दयाल कुशवाहा ने कहा कि 16 माह से विद्यालय बंद है. विद्यालय के बिजली बिल, स्कूल वाहन के किस्त बकाया, स्कूल भवन किराया बकाया हो गया है. स्कूल बंद होने से संचालकों का कई तरह का बोझ बढ़ गया है. संगठन सचिव ने कहा कि उक्त सभी समस्याओं से मुख्यमंत्री, शिक्षा विभाग को पत्र व ट्वीट के माध्यम से अवगत कराया गया. बावजूद सरकार अबतक प्राइवेट स्कूल के लिए कोई पहल नहीं किया है.

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वहीं, उपाध्यक्ष छोटेलाल साहू ने कहा कि प्राइवेट स्कूल रोजगार का सृजन किया है. वर्तमान समय में हजारीबाग जिले में निजी विद्यालय में 15 हजार शिक्षक रोजगार से जुड़े हुए हैं. केंद्र सरकार और राज्य सरकार से सहायता राशि की मांग करते हैं. मृतक शिक्षकों के आश्रितों को आर्थिक सहायता की मांग की है.

Posted By : Samir Ranjan.

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