Loading election data...

देश अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है : नवीन पटनायक

ओडिशा के पांच श्रमिकों समेत कुल 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए नवीन पटनायक ने बचाव दल को धन्यवाद दिया. सुरंग से बाहर आने की खबर से ही मजदूरों के गांवों व परिजनों में खुशी का माहौल है.

By Prabhat Khabar News Desk | November 29, 2023 6:35 PM

भुवनेश्वर : ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि उत्तराखंड में एक निर्माणाधीन सुरंग के भीतर फंसे सभी 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकाले जाने के बाद यह साबित हो गया कि देश अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और सब कुछ कर सकता है. पटनायक ने लगभग 17 दिनों बाद उत्तराखंड की सिलक्यारा सुरंग से ओडिशा के पांच श्रमिकों सहित कुल 41 श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए बचाव दल को धन्यवाद दिया. सुरंग में फंसे राज्य के पांच श्रमिकों के गांवों में मंगलवार शाम उत्सव जैसा माहौल था. इस दौरान वहां लोगों ने मिठाइयां बांटीं, ढोल बजाए और संगीत की धुन पर नृत्य किया. सुरंग से सुरक्षित बाहर निकाले जाने के बाद पांचों श्रमिकों के परिवार ने राहत की सांस ली और उन्होंने सरकार और बचाव अभियान में शामिल सभी एजेंसियों को धन्यवाद दिया.


मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जाहिर की खुशी

पटनायक ने एक बयान में कहा कि सफल बचाव अभियान के बारे में जानकर मुझे बेहद खुशी हुई. मुझे बहुत खुशी है कि हमारे श्रमिक सुरक्षित घर लौट आएंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने एक टीम और फंसे हुए मजदूरों के परिवार के सदस्यों को उत्तरकाशी जिले में घटनास्थल पर भेजा है. मुख्यमंत्री ने सफल बचाव अभियान के लिए उत्तराखंड सरकार, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सैन्य दलों को धन्यवाद दिया और कहा, इससे साबित होता है कि भारत अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए कुछ भी कर सकता है और सब कुछ कर सकता है. सुरंग में फंसे ओडिशा के पांच मजदूरों में मयूरभंज जिले के खिरोद (राजू) नायक, धीरेन नायक और विश्वेश्वेर नायक, नवरंगपुर के भगवान भतारा और भद्रक के तपन मंडल शामिल हैं. भतारा के गांव तालाबेड़ा में स्थानीय लोगों ने पटाखे फोड़कर और ढोल बजाकर उनके सुरंग से बाहर निकलने का जश्न मनाया.

परिजनों में खुशी का माहौल

श्रमिक की एक रिश्तेदार ने कहा, हमें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि भगवान को सुरंग से सुरक्षित बचा लिया गया. हम इसके लिए ईश्वर को धन्यवाद देते हैं. बचाव अभियान पूरा होने के बाद, बंग्रिपोसी के स्थानीय लोगों ने धीरेन नायक के परिवार के सदस्यों का अभिनंदन किया. धीरेन की पत्नी ने कहा कि उत्तराखंड में डेरा डाले परिवार के सदस्यों का मुझे फोन आया. उन्होंने बताया कि मेरे पति को सुरक्षित बचा लिया गया है. खिरोद के पिता मोचीराम नायक ने अभियान में शामिल कर्मियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि वह अपने बेटे को दोबारा काम करने के लिए उत्तराखंड नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा, मैं राज्य सरकार से मेरे बेटे को यहां काम मुहैया कराने का अनुरोध करता हूं.

टनल से इन्हें निकाला गया :

खिरोद (राजू) नायक- मयूरभंज

धीरेन नायक- मयूरभंज

विश्वेश्वेर नायक-मयूरभंज

भगवान भतारा- नवरंगपुर

तपन मंडल- भद्रक

Also Read: उत्तरकाशी सुरंग हादसा: बिहार के वीरेंद्र ने बताया टनल में कैसे कटे 17 दिन, बिना घबराए अंदर रोज हटाता था मलबा

Next Article

Exit mobile version