Historical Temple In Uttarakhand: उत्तराखंड अपनी खूबसूरती के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है. वैसे यहां घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगहें हैं. जहां न केवल भारतीय पर्यटक आते हैं बल्कि विदेश से भी लोग सैर करने के लिए आते हैं. यू तो उत्तराखंड में साहसिक खेलों, कैंपिंग, ट्रैकिंग, प्रकृति गतिविधियों और स्कीइंग के लिए कई मशहूर जगहें हैं. मसूरी, देहरादून, नैनीताल, रानीखेत, हरिद्वार, ऋषिकेश, जिम कॉर्बेट, अल्मोडा, चकराता, हेमकुंड साहिब, और औली कुछ ऐसी ही जगहें हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं उत्तराखंड में दुनिया में सबसे जल्दी न्याय देने वाली कोर्ट है, जहां के जज स्वयं भगवान शिव है. आइए जानते हैं विस्तार से.
दुनिया में सबसे जल्दी न्याय देने वाली कोर्ट कहां है
वैसे तो उत्तराखंड में देवी देवताओं के कई चमत्कारिक मंदिर हैं. लेकिन यहां पर एक ऐसा मंदिर है जो लोगों को न्याय दिलाता है. इस मंदिर में स्थापित भगवान को न्याय का देवता और गोलू देवता के नाम से भी जाना जाता है. जो पिथौरागढ हाईवे से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां न सिर्फ भारत से बल्कि विदेश से भी लोग न्याय मांगने के लिए आते हैं. दरअसल उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थिति चितई गोलू देवता के मंदिर को शिव का मंदिर माना है. इसे न्याय का देवता भी कहा जाता है. यहां पर वहीं लोग आते हैं जो न्याय के लिए दर-दर भटकते हैं. बताया तो यह भी जाता है कि लोग यहां पर चिट्ठियां के जरिए न्याय मांगते हैं.
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गोलू देवता देते हैं न्याय
उत्तराखंड में मौजूद गोलू देवता को न्याय का देवता कहा जाता है. इस मंदिर में लोग न्याय मांगने के लिए आते हैं. यहां किसी भी भक्त की मनोकामना कभी अधूरी नहीं रहती हैं. यहां आने वाले लोग चिट्ठी में अपना मन्नत लिखते हैं और भगवान को अर्पित करते हैं. इतना ही नहीं कई लोग तो स्टांप पेपर पर लिखकर अपने लिए न्याय मांगते हैं. जिसे गोलू देवता जज बनकर उन्हें न्याय देते हैं और भक्तों की मन्नत को पूरा करते हैं.
कहां है न्याय देने वाला मंदिर
बताते चलें कि न्याय देने वाला मंदिर ‘चितई गोलू मंदिर’ अल्मोड़ा से आठ किलोमीटर दूर पिथौरागढ़ हाईवे पर स्थित है. यहां गोलू देवता का सबसे खूबसूरत मंदिर है. यहां सेफेद घोड़े पर बैठे सफेट पगड़ी बांधे गोलू देवता की प्रतिमा है, जिनके हाथ में धनुष बाण है. इस मंदिर को न्याय का मंदिर कहा जाता है. यहां दूर-दूर से लोग सिर्फ न्याय मांगने के लिए आते हैं.
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