आगरा. मथुरा कृष्ण जन्म भूमि विवाद के बाद आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों की खुदाई का मामला भी कोर्ट पहुंच गया है. आगरा की अदालत ने कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर की याचिका को स्वीकार कर लिया है. देवकीनंदन ठाकुर को 31 मई को अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है. कोर्ट में अपना पक्ष रखने के लिए कथावाचक ने जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी, छोटी मस्जिद, दीवाने खास, जहांआरा मस्जिद, आगरा किला, यूपी सेंट्रल वक्फ बोर्ड लखनऊ और श्री कृष्ण सेवा संस्थान को नोटिस भेजा है. जामा मस्जिद मामले में देवकीनंदन ने 11 मई को याचिका दाखिल की थी. 31 मई को दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट इस मामले पर फैसला सुना सकता है.
कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर का दावा है कि ‘ आगरा की जामा मस्जिद में जो सीढ़ियां बनी हैं, उनके नीचे श्रीकृष्ण भगवान की मूर्तियां दबी हुई हैं. देवकीनंदन ठाकुर ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि पहले हमारे देश में बाहर से आए मुगल आक्रांताओं ने सनातन धर्म और हिंदू संस्कृति को नुकसान पहुंचाने और अपमानित करने के काम किए थे. 1670 में औरंगजेब ने मथुरा में हिंदू जनमानस के आराध्य भगवान श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर प्राचीन ठाकुर केशव देव मंदिर को तोड़कर उस स्थान पर मस्जिद बनवा दी थी. और केशव देव मंदिर की मूर्तियों को आगरा की जामा मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे दबा दिया. सनातन धर्म और हिंदुओं को अपमानित करते हुए मुस्लिम लोग उन सीढ़ियों पर चढ़कर मस्जिद में जाते हैं.हमारे आराध्य भगवान की पवित्र मूर्तियां आज भी पैरों के नीचे रौंदी जा रही हैं.
श्री कृष्ण जन्मभूमि संरक्षित सेवा ट्रस्ट ने 11 मई को न्यायालय सिविल जज (प्रवर खंड) आगरा में वाद संख्या 518/23 डाला था. जिसमें कोर्ट से आगरा की मस्जिद की सीढ़ियों में दबाई गई भगवान केशव देव की मूर्तियों को वापस दिलवाने की प्रार्थना की है. वहीं ठाकुर देवकीनंदन ने कहा कि मुस्लिम समाज के पास भाईचारा निभाने का 31 मई तक अंतिम अवसर है. वह बड़ा दिल दिखाते हुए कोर्ट में सीढ़ियां खोदने के लिए अपना समर्थन दें. नहीं तो कानून के जरिए हिंदू समाज अपने आराध्य को सीढ़ियों के नीचे से निकालकर मथुरा ले जायेगा.
आपको बता दें कुछ दिन पहले देवकीनंदन ठाकुर ने आगरा में अप्रैल में कथा के दौरान मुस्लिम समुदाय से अपील की थी कि वह भाईचारा निभाते हुए मस्जिद की सीढ़ियां खुदवा कर भगवान केशव देव की मूर्तियों को हिंदू समाज को सौंप दें जिससे मथुरा में उनकी सेवा पूजा की जा सके.कथा वाचक देवकीनंदन ठाकुर ने बताया कि कहा कि हमने सीढ़ी खुदाई में आने वाला खर्च भी देने की बात कही थी.लेकिन समय सीमा पूरी होने के बाद भी मुस्लिम समाज की ओर से कोई सकारात्मक जवाब नहीं आया.अब हमें मजबूरन संविधान का सहारा लेना पड़ा है. इस लड़ाई के लिए श्री कृष्ण जन्मभूमि संचित सेवा ट्रस्ट बनाया गया है जो आगरा के कोर्ट में कानूनी लड़ाई लड़ेगा.