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झारखंड के गढ़वा शहर को जाम मुक्त करने का सपना होगा पूरा ! फोरलेन बाइपास के निर्माण में क्या है पेंच

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से गढ़वा जिले में बाइपास का निर्माण पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड के शंखा से लेकर गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड के खजूरी गांव तक किया जाना है, लेकिन कई रैयतों द्वारा कागजात जमा नहीं किए जा रहे हैं. इससे मुआवजा भुगतान फंसा हुआ है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 4, 2021 1:49 PM

Jharkhand News, गढ़वा न्यूज (पीयूष तिवारी) : रैयतों के बीच आपसी तालमेल के अभाव के कारण गढ़वा शहर को जाम से मुक्त (jam free) करने के लिये बनायी गयी फोरलेन बाइपास (fourlane bypass) निर्माण के मुआवजा भुगतान की योजना अंतिम चरण में फंसी हुयी है. कई रैयत आपस में विवाद की वजह से सहमति पत्र आदि कागजात जमा नहीं कर रहे हैं.

बाइपास के लिये जिन जमीनों का अधिग्रहण (acquisition of land) किया गया है, उनके रैयतों के बीच मुआवजा का भुगतान (payment of compensation) किये जाने का प्रावधान है. गढ़वा जिले में सर्वे खतियान करीब 100 साल पुराना है. इस खतियान के हिसाब से जो रैयत हैं उनके वंशजों के बीच आपस में तालमेल नहीं है. इस वजह से भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र (land ownership certificate) बनाने एवं बैंक खाते में मुआवजा भुगतान करने में परेशानी हो रही है. किसके खाते में मुआवजा की राशि दी जाये, इसको लेकर भू अर्जन विभाग परेशान है. लंबे समय से भुगतान कर विभाग एनएचआई (National Highways Authority of India)को पॉजिशन सौंपने की तैयारी कर रहा है, लेकिन कई रैयत आपस में विवाद की वजह से सहमति पत्र आदि कागजात जमा नहीं कर रहे हैं.

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नियमानुसार मुआवजा भुगतान के लिये भू अर्जन कार्यालय (land acquisition office) में वंशजों की ओर से सहमति पत्र दिया जाता है. उसी के हिसाब से संबंधित व्यक्ति के खाते में भुगतान किया जाता है. उल्लेखनीय है कि गढ़वा जिले में भूमि अधिग्रहण के एवज में करीब 100 करोड़ रूपये का मुआवजा भुगतान करना है. इसमें से 70 करोड़ रूपये का भुगतान रैयतों के खाते में किया जा चुका है. जिले के 1250 रैयतों में से करीब एक हजार रैयतों के बीच मुआवजा राशि वितरित की गयी है. शेष 250 रैयतों के बीच 30 करोड़ रूपये का भुगतान करना शेष रह गया है. इसे 31 अगस्त तक पूरा करने का लक्ष्य भू अर्जन ने लिया है. इस वजह से अभियान मोड में भू अर्जन एवं अंचल की ओर से मुआवजा निष्पादन का कार्य शुरू किया गया है, लेकिन उपरोक्त पेंच की वजह से यह समय पर शत-प्रतिशत हो पाना संभव प्रतीत नहीं हो पा रहा है.

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भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) की ओर से गढ़वा जिले में बाइपास का निर्माण पलामू जिले के विश्रामपुर प्रखंड के शंखा से लेकर गढ़वा जिले के मेराल प्रखंड के खजूरी गांव तक किया जाना है. इसकी कुल लंबाई 22.730 किलोमीटर है. यह बाइपास फोर लेन बनाया जाना है. इसके लिये 16 गांव की कुल 133.42 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है. इसकी निविदा भी एनएचएआई नई दिल्ली की ओर से निष्पादित करते हुये शिवालय कंस्ट्रक्शन कंपनी को कार्य आवांटित कर दिया गया है. बाईपास निर्माण के बीच विश्रामपुर प्रखंड के तोलरा गांव के समीप कोयल नदी पर फोरलेन पुल का निर्माण भी होगा. यह पलामू प्रमंडल का पहला फोरलेन पुल होगा.

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फोरलेन के ठीक पहले डालटनगंज-गढ़वा रोड रेलखंड को पार करने के लिये रेलवे पर ओवर ब्रिज भी बनाया जाना है, जबकि बाईपास सड़क के निर्माण के दौरान गढ़वा-शाहपुर स्टेट हाइवे पर नावाडीह, गढ़वा-गोदरमाना एनएच 343 पर और गढ़वा- चिनिया सड़क में कल्याणपुर गांव के पास व्हीकल अंडरपास बनाया जायेगा. सड़क निर्माण की कुल लागत 760 करोड़ तय की गयी है. इसमें से केंद्र सरकार 40 प्रतिशत और संवेदक 60 प्रतिशत खर्च वहन करेगा. इसके लिये संवेदक की ओर से पीपरा गांव के पास टोल प्लाजा बनाया जायेगा. इस टोल प्लाजा में 20 साल तक टोल टैक्स वसूली की जायेगी.

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इस संबंध में जिला भू अर्जन पदाधिकारी सह एसडीओ जियाउल हक अंसारी ने बताया कि बाईपास के लिये भूमि अधिग्रहण का कार्य जल्द पूरा कर लिया जायेगा. जिन रैयतों के बीच आपास में तालमेल नहीं है और सहमती पत्र प्राप्त नहीं होगा, उसे न्यायालय में भेजकर आगे की कारवाई की जायेगी. उन्होंने बताया कि 30 प्रतिशत राशि का भुगतान ही शेष रह गया है बाकी 70 प्रतिशत राशि का भुगतान किया जा चुका है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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