UP Election 2022: सपा गठबंधन दलों से सीट फाइनल होने के बाद घोषित करेगी टिकट, बिथरी और आंवला सीट पर मंथन

मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की निगाह सियासी पार्टियों की घोषणा पर लगी है, लेकिन सपा ने गठबंधन दलों से सीट तय होने के बाद ही विधानसभा में प्रत्याशियों की घोषणा करने का फैसला लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 11, 2021 6:58 PM
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Bareilly News: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव-2022 की अधिसूचना का दिसंबर के अंतिम या जनवरी के प्रथम सप्ताह में ऐलान होना तय है. इस कारण सभी दलों के चुनाव लड़ने वाले दावेदार विधानसभाओं में सुबह से रात तक मेहनत में जुटे हैं. हर कोई खुद को प्रत्याशी मानकर मेहनत कर रहा है. सपा में तो नौ विधानसभा सीट पर सौ से अधिक दावेदार हैं.

मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं की निगाह सियासी पार्टियों की घोषणा पर लगी है, लेकिन सपा ने गठबंधन दलों से सीट तय होने के बाद ही विधानसभा में प्रत्याशियों की घोषणा करने का फैसला लिया है. हालांकि, कुछ सीट सपा के पास ही रहेंगी. इन पर गठबंधन दलों ने दावा नहीं ठोका है.

इससे बरेली की फरीदपुर, नवाबगंज, बहेड़ी, फरीदपुर, भोजीपुरा और कैंट सीट पर जल्द ही प्रत्याशी घोषित होने की उम्मीद है. मगर आंवला, बिथरी, चैनपुर और शहर सीट गठबंधन दलों के दावा ठोकने से फंस गई है. इसलिए इन सीटों पर प्रत्याशी उतारने में देर हो सकती है. महान दल को एक दिन पूर्व ही गठबंधन में आठ सीट मिल चुकी हैं. इसमें से एक सीट बदायूं की बिल्सी विधानसभा फाइनल कर दी गई है.

यहां से महान दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव देव मौर्य के बेटे चंद्र प्रकाश मौर्य और प्रकाश चुनाव लड़ेंगे जबकि बाकी सात सीटों के लिए महान दल ने फर्रुखाबाद, आगरा और बरेली की 3 सीटों पर दावा ठोका है. इसके चलते आंवला और बिथरी में से एक सीट महान दल को मिलनी तय है, जबकि शहर सीट पर आम आदमी पार्टी (आप) ने दावा ठोका है. वैसे भी शहर सीट पर सपा कभी जीत दर्ज नहीं कर पाई है. यहां से आप दल किसी वैश्य और कायस्थ पर दांव लगाने की कोशिश में है. इस सीट पर आप की दिल्ली की एक टीम गोपनीय सर्वे भी कर चुकी हैं.

कांग्रेस को दी थी तीन सीट

विधानसभा चुनाव 2017 में सपा का कांग्रेस से गठबंधन हुआ था.इस चुनाव में सपा ने कांग्रेस को बरेली शहर, कैंट और मीरगंज सीट दी थीं. इसमें सपा के कैंडिडेट न होने पर शहर और कैंट सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मजबूती से लड़े थे, लेकिन मीरगंज में बुरी हार हुई थी.

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रिपोर्ट : मुहम्मद साजिद

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