गोरखपुर में कुछ महीने पहले तीन लोगों को मौत की घाट उतारने वाला आत्माराम हाथी एक बार फिर मदमस्त हो गया है. आत्माराम को कुसमी जंगल के विनोद वन में रखा गया है. आत्माराम की देखरेख में रखे गए महावत को वह नहीं पहचान रहा है. महावत की सूचना के बाद पशु चिकित्सक की टीम लगातार हाथी की निगरानी कर रही है. चिकित्सकों के अनुसार ढाई महीने तक उसकी देखरेख की जाएगी.
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हाथी के मदमस्त होने की सूचना के बाद विनोद वन के आसपास रहने वाले लोग परेशान है. उनका कहना है कि अगर रात के समय हाथी बाहर निकल गया तो बड़ी घटना हो सकती है. फिलहाल हाथी के आने के बाद 17 फरवरी से ही विनोद वन दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया है. बीच में हाथी के सही होने पर कुछ लोग उधर से आ जा रहे थे. वन विभाग के अनुसार हाथी के मदमस्त होने के बाद से फिर विनोद वन की तरफ आना-जाना बंद कर दिया गया है. सिर्फ महावत और पशु चिकित्सा की टीम ही उधर जाएगी.
गोरखपुर चिड़ियाघर में उच्च अधिकारियों के निर्देश के बाद हाथी का बाड़ा बनने वाला था. इसके लिए राज्य निर्माण निगम की टीम ने प्रस्ताव भी भेजा था. वन विभाग के अनुसार बाड़ा बनाने के लिए संशोधित प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है. अनुमोदन मिलने के बाद बाड़े का निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा. बता दें कि 16 फरवरी 2023 को मोहम्मदपुर माफी में कलश यात्रा के दौरान हाथी आत्माराम बिदक गया था. और दो महिलाओं समेत तीन लोगों को उसने मार डाला था.
घटना की सूचना के बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची थी और रेस्क्यू कर हाथी को पकड़ कर 17 फरवरी को विनोद बना ले आई थी. तभी से हाथी वन विभाग की देखरेख में हैं. अब एक बार फिर 8 महीने के बाद हाथी मदमस्त हो गया है. सुरक्षा की दृष्टिकोण से वन विभाग ने उसके चारों पैरों में जंजीर बांध दिया है. आत्माराम की देख रेख के लिए तीन महावत रखे गए हैं. लेकिन हाथी आत्माराम मदमस्त होने के कारण वह अपने महावत को भी नहीं पहचान रहा है. महावत ने इसकी सूचना वन विभाग की टीम और पशु चिकित्सक को दी है. चिकित्सकों की टीम अब हाथी की निगरानी कर रही है.
वन अधिकारी विकास यादव ने बताया कि हाथी की देखरेख करने वाले महावत मुस्तफा ने एक सप्ताह पहले सूचना दी थी. कि हाथी सामान्य नहीं दिख रहा है. चिड़ियाघर के पशु चिकित्साधिकारी डॉक्टर योगेश प्रताप सिंह को इसकी सूचना दी गई. जिसके बाद डॉक्टर योगेश प्रताप की टीम हाथी की देखरेख कर रही.
रिपोर्ट– कुमार प्रदीप, गोरखपुर