औरंगाबाद : सदर अस्पताल में हुई एक मौत के बाद डॉक्टर द्वारा मरीज की मौत कोरोना वायरस से बताये जाने के बाद अस्पताल परिसर में कुछ देर के लिए भगदड़ मच गयी. कोरोना वायरस को युवक की मौत का कारण जानते ही मृत युवक के परिजन भी अस्पताल में शव छोड़ कर भाग खड़े हुए. लोगों के समझाने के बाद वे वापस आये. वहीं, अस्पताल प्रशासन ने भी शव को डेड बॉडी रखनेवाले जगह पर ना रखकर बाहर खुले रास्ते मे रख दिया.
कोरोना वायरस से हुई मौत की खबर पूरे शहर में आग की तरह फैल गयी. अस्पताल में मौजूद लोग मास्क पहनकर घूमते नजर आने लगे. अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के एक बयान से अचानक शुरू हुए इस हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद आनन-फानन में जिला प्रशासन के निर्देश पर जिले के सिविल सर्जन को प्रेसवार्ता कर माहौल को संभालना पड़ा. उन्होंने मीडिया को बताया कि अभी कोरोना वायरस को युवक की मौत का कारण नहीं बता सकते. पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है.
मृत युवक जहानाबाद के हरिकिशन साव का 24 वर्षीय पुत्र बंटी कुमार बताया जा रहा है. वह एक सगाई समारोह में कैमरामैन के तौर पर लड़का पक्ष की ओर से समारोह में पहुंचा था. गुरुवार को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गयी थी और अस्पताल पहुंचते ही उसने दम तोड़ दिया. मृत युवक बंटी ने जो लक्षण चिकित्सक को बताया, उसी के आधार पर अस्पताल में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर साकेत कुमार ने मौत के पीछे कोरोना के लक्षण का हवाला दिया. इसके बाद अफरातफरी मच गयी. हालांकि, सिविल सर्जन ने चिकित्सक के दावे को खारिज किया है.