नोएडा से मोबाइल चुराकर जामताड़ा और मेवात में बेचता था गिरोह, दो सदस्य गिरफ्तार, साथियों की तलाश कर रही पुलिस
उत्तर प्रदेश के नोएडा में कोतवाली सेक्टर-126 पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर समेत पूरे एनसीआर से मोबाइल चोरी कर साइबर जालसाजों को बेचने वाले गिरोह का खुलासा किया है. गिरोह के दो बदमाश लोनी निवासी राहुल कश्यप और सुनील को गिरफ्तार किया है.
Noida : उत्तर प्रदेश के नोएडा में कोतवाली सेक्टर-126 पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर समेत पूरे एनसीआर से मोबाइल चोरी कर साइबर जालसाजों को बेचने वाले गिरोह का खुलासा किया है. गिरोह के दो बदमाश लोनी निवासी राहुल कश्यप और सुनील को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों ने अब तक एक हजार से अधिक मोबाइल साइबर जालसाजों को बेचे हैं. दोनों के पास से 53 मोबाइल फोन बरामद हुए हैं जिनकी कीमत करीब 15 लाख रुपये बताई जा रही है. पुलिस गिरोह के फरार तीन बदमाशों की भी तलाश कर रही है. पुलिस के मुताबिक पकड़े गए दोनों बदमाश फरार साथी अमजद के साथ वर्ष 2013 से नोएडा और एनसीआर में मोबाइल चोरी कर रहे थे. गिरोह मेट्रो स्टेशन, बस अड्डे और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर मोबाइल चोरी करता था.
जामताड़ा और मेवात के साइबर जालसाजों को बेचते थे मोबाइल
गिरफ्तार बदमाश राहुल के खिलाफ दिल्ली और नोएडा के थानों में चोरी और लूट के छह मामले दर्ज हैं, जबकि सुनील के खिलाफ छह मामले क्राइम ब्रांच दिल्ली और एक मामला नोएडा में दर्ज हैं. पुलिस पूछताछ में पता चला है कि आरोपी फरार बदमाश आरिफ और खालिद के माध्यम से जामताड़ा और मेवात के साइबर जालसाजों को मोबाइल बेचते थे. चोरी की इन मोबाइल से जामताड़ा व मेवात से देश-विदेश के लोगों के साथ साइबर ठगी की जाती थी. पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि पिछले कुछ साल से झारखंड के जामताड़ा व यूपी-हरियाणा- राजस्थान बॉर्डर पर मेवात क्षेत्र से चोरी के मोाबइल की डिमांड बढ़ गई थी. इस कारण ये लोग अधिक से अधिक मोबाइल चोरी करने पर काम करते थे. पैसे भी तुरंत मिल जाते थे.
आरोपियों ने स्वीकार किया अपना अपराध
इन आरोपियों ने स्वीकार किया है कि अब तक साइबर जालसाजों को एक हजार से अधिक मोबाइल बेच चुके हैं. नोएडा जोन के एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि नोएडा-एनसीआर से मोबाइल चोरी कर साइबर जालसाजों को बेचने वाले दो बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है. इनका नेटवर्क जामताड़ा व मेवात के साइबर जालसाजों से जुड़ा है. इस गिरोह में शामिल तीन अन्य बदमाशों की गिरफ्तारी के बाद पूरे नेटवर्क का पता चलेगा.