Jharkhand News, लातेहार न्यूज (चंद्रप्रकाश सिंह) : झारखंड के लातेहार शहर के वार्ड नंबर तीन राजहार निवासी सोमंती देवी (कुंअर) हर महीने बैंक जाकर अपने पेंशन की जानकारी लेती है और हर महीने बैंक में उसे बताया जाता है कि उसकी पेंशन नहीं आयी है. यह क्रम लगभग एक साल से चल रहा है. लाचार असहाय सोमंती को यह पता भी नहीं है कि विभाग ने 2020 में ही उसे अपनी संचिका में मृत घोषित कर उसके जीवन का सहारा पेंशन को बंद कर दिया है. आपको बता दें कि सोमंती के पास राशन कार्ड भी नहीं है कि उसे कुछ राशन भी मिल सके.
सोमंती ने बताया कि वह पेंशन की राशि की जानकारी के लिए के लिए प्रखंड व अंचल कार्यालय का कई बार चक्कर लगा चुकी है, लेकिन अब तक कोई लाभ नहीं हुआ है. किसी ने सोमंती को यह नहीं बताया कि सरकारी कागजों में वह मर चुकी है जिसके कारण उसकी पेंशन बंद कर दी गयी है. सोमंती ने बताया कि उसके पति की मौत पांच साल पहले हो चुकी है. घर में वह अकेली है और मजदूरी कर अपनी आजीविका चलाती है.
कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के कारण काम भी बंद है. इससे वह मजदूरी भी नहीं कर पा रही है. इस कारण उसकी हालत काफी खराब हो गयी है. सोमंती के परिवार में एक पुत्री है जिसकी शादी हो गई है और वह अपनी ससुराल में रहती है. विभागीय जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र में पेंशन को स्वीकृत और विलोपित अंचल कार्यालय के राजस्व कर्मचारी के रिपोर्ट पर ही किया जाता है, लेकिन किस परिस्थिति में सोमंती के जिंदा रहते ही कर्मचारी ने मृत घोषित कर दिया यह तो जांच के बाद ही मामला सामने आयेगा.
इस संबंध में सामाजिक सुरक्षा कोषांग के प्रभारी पदाधिकारी शेखर कुमार ने कहा कि पंचायत सेवक या राजस्व कर्मचारी की रिपोर्ट पर ही किसी की पेंशन बंद की जाती है. किस परिस्थिति में जीवित महिला की पेशन बंद की गयी है. इसकी जांच करायी जायेगी. मामले में दोषी कर्मचारी पर कार्रवाई की जायेगी.
Posted By : Guru Swarup Mishra