चतरा के मां भद्रकाली मंदिर परिसर में बनेगा सबसे ऊंचा प्रेयर व्हील, लेजर शो समेत कई अन्य चीजों का होगा निर्माण
झारखंड सरकार देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से चतरा के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर परिसर क्षेत्र को विकसित करने की योजना पर कार्य कर रही है. 600 करोड़ रुपये की लागत से इस क्षेत्र को विकसित किया जायेगा, ताकि अधिक से अधिक पर्यटक यहां आ सके.
Jharkhand News (विजय शर्मा, इटखोरी, चतरा) : पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से झारखंड सरकार चतरा जिला अंतर्गत इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनायेगी. विश्व पटल पर मां भद्रकाली मंदिर को विकसित करने के लिए सरकार 600 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इसके तहत 200 करोड़ खर्च कर मंदिर परिसर में ही विश्व का सबसे ऊंचा प्रेयर व्हील बनाया जायेगा. इसके अलावा ऑडिटोरियम, म्यूजियम, म्यूजिकल लेजर लाइट, फाउंटेन का निर्माण किया जायेगा. ऑडिटोरियम में 5000 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी. वहीं, लेजर शो के माध्यम से मां भद्रकाली मंदिर के इतिहास को दर्शाया जायेगा.
इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्रों में पर्यटकों को आकर्षित करने की योजनाओं पर कार्य शुरू हो गया है. इसी कड़ी में झारखंड के पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल ने इन क्षेत्रों का निरीक्षण किया. इस दौरान भगवान शीतलनाथ की जन्म कल्याणक भूमि (जैन मंदिर), बौद्ध स्तूप, सहस्त्रशिवलिंगम व म्यूजियम को देखा. इसके अलावा मोहाने नदी को भी देखा. साथ ही पूरे परिसर में पर्यटन विकास की संभावनाओं को देखा गया. इस बीच म्यूजियम में रखे प्राचीनकालीन अवशेषों को देखकर पर्यटन सचिव काफी खुश हुए. वहीं, सांसद सुनील सिंह ने उन्हें महत्वपूर्ण बातों से अवगत भी कराया. बाद में सभी अधिकारियों को मोमेंटम भेंट किया गया. इस मौके पर डीसी अंजली यादव, खेल विभाग के निदेशक नीतीश कुमार सिंह और पर्यटन विभाग के प्रबंध निदेशक आर रोनिटा ने भी मां भद्रकाली मंदिर परिसर का भ्रमण किया.
देशी और विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से मां भद्रकाली मंदिर और उसके आसपास के क्षेत्र को विकसित करने की तैयारी शुरू हो गयी है. एक ओर जहां मंदिर में परिसर में सबसे ऊंचा प्रेयर व्हील बनेगी, वहीं ऑडिटाेरियम, म्यूजियम, म्यूजिकल लेजर लाइट, फाउंटेन आदि का भी निर्माण होना है, ताकि पर्यटक इस ओर आकर्षित हो सकें. बता दें कि राज्य सरकार की कंसल्टेंट कंपनी आईडेक ने इस मास्टर प्लान को वर्ष 2017 में तैयार किया है.
Also Read: बालू की तस्करी से नदियों का अस्तित्व खतरे में, एनटीजी की रोक के बाद भी कार्रवाई का डर नहीं पूर्व सीएम रघुवर दास भी कर चुके हैं बैठकमालूम हो कि इटखोरी को विश्व पटल पर लाने और देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के उद्देश्य से वर्ष 2017 में ही इसका मास्टर प्लान तैयार हो गया था. तत्कालीन सीएम रघुवर दास और तत्कालीन मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने मंदिर परिसर में बैठक भी की थी. बावजूद इसके योजना धरातल पर नहीं उतर सकी.
इटखोरी के मां भद्रकाली मंदिर और उसके अासपास के क्षेत्र को विकसित करने के कारण कई रैयतों का जमीन भी जा रहा है. पर्यटन सचिव अमिताभ कौशल के इटखोरी आने पर स्थानीय रैयतों ने मुआवजा राशि के लिए पर्यटन सचिव श्री कौशल को मांग पत्र भी सौंपा है.
Posted By : Samir Ranjan.