The Kerala Story: योगिता बिहानी ने फिल्म की सक्सेस पर तोड़ी चुप्पी, कहा- जो देखना चाहते है वो आएंगे जो नहीं…
द केरल स्टोरी को लेकर विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है. अब योगिता बिहानी ने फिल्म की सफलता के बारे में बात की और ये भी बताया कि उनके पिता काफी डरे हुए हैं. उन्हें लग रहा है कि मुझे कोई कुछ कर न दें.
सुदीप्तो सेन की ओर से निर्देशित ‘द केरल स्टोरी’ को लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा है. फिल्म जबसे सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, तब से ये विवादों में घिरी हुई है. कई राज्यों में इसे बैन कर दिया गया है, हालांकि दर्शकों को फिल्म काफी ज्यादा पसंद आ रही है. बता दें कि कहानी केरल की तीन महिलाओं के बारे में है, जिनका ब्रेनवॉश किया जाता है और इस्लाम में परिवर्तित हो जाती हैं. फिर उन्हें आईएसआईएस में शामिल होने के लिए ले जाया जाता है. अब बॉलीवुड अभिनेत्री योगिता बिहानी ने द केरल स्टोरी के सक्सेस पर बात की है.
योगिता बिहानी ने फिल्म के सक्सेस पर कही ये बात
द केरला स्टोरी में योगिता ने निमाह मैथ्यूज नाम की एक हठी लड़की की भूमिका निभाई है. डीएनए संग फिल्म की सफलता पर अपनी प्रतिक्रिया साझा करते हुए, योगिता कहती हैं, “मैं और अदा बस दूसरे दिन बात कर रहे थे. हमने बड़ी भावनाओं से फिल्म बनाई है.” कॉलेज प्रोजेक्ट, जिसे हमने पूरे समर्पण के साथ किया और हमने प्रस्तुत किया. हमें कभी नहीं पता था कि ऐसा होगा. हम सभी सदमे में हैं कि लोगों ने फिल्म को इतना अच्छा रिसपांस दिया है”.
योगिनी बिहानी बोली- मेरे पापा काफी डरे हुए हैं
शानदार प्रतिक्रिया के बावजूद, द केरल स्टोरी की दर्शकों के एक वर्ग द्वारा आलोचना की गई है. इसपर योगिनी बिहानी ने साझा किया कि उनके पिता उनके लिए डरे हुए हैं, इस प्रकार वह केवल उनके साथ पॉजिटिव प्रतिक्रिया साझा कर रही है. उन्होंने कहा, “आज, मेरे पिता डरे हुए हैं. इन विवादों के कारण, वह मुझसे पूछते हैं ‘तुम आराम से जा रही हो ना?’ मैं उन्हें अच्छी चीजें ही बताती हूं, मैं उन्हें विश्वास दिलाती हूं कि सब कुछ ठीक चल रहा है. यहां सब कुछ बढ़िया है.
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किसी को फिल्म पसंद आई, तो ठीक नहीं तो…
योगिता ने नेगेटिव प्रतिक्रियाओं और इसे प्रोपेगेंडा फिल्म कहने वाले लोगों पर अपनी प्रतिक्रिया भी साझा की है. उन्होंने कहा, “हमने यह फिल्म इन तीन लड़कियों की कहानी बताने के लिए बनाई है. हम चाहते थे कि लोग जागरूक हों कि ऐसा भी हो सकता है. हम बचे लोगों या पीड़ित को सशक्त बनाना चाहते थे. उन्हें आश्वस्त करने के लिए कि हम आपको सुनते हैं और हम हैं यहां उनका समर्थन करने के लिए, बस इतना ही. बाकी जो लोगो को लगता है, मुझे नहीं लगता कि मैं इसका जवाब दे सकती हूं, क्योंकि वह फिल्म का एजेंडा नहीं था.” योगिता ने आगे कहा, “हर किसी की अपनी राय होती है, और हम उसका सम्मान करते हैं. अगर वे फिल्म देखना चाहते हैं, तो वे आएंगे और देखेंगे, लेकिन अगर वे नहीं चाहते हैं, तो हम उसका भी सम्मान करते हैं. हम किसी की राय नहीं बदल सकते.”