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गड़बड़झाला : जिस जमीन के दिखा एनबी इंटर महिला कॉलेज ने ली मान्यता, वह है खाली, कक्षाएं चल रहीं दूसरी जगह

झरिया कोयलांचल के पाथरडीह स्थित नीहार भारती इंटर महिला कॉलेज ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को गलत जानकारी देकर स्थायी प्रस्वीकृति हासिल कर ली है.

अशोक कुमार, धनबाद : झरिया कोयलांचल के पाथरडीह स्थित नीहार भारती इंटर महिला कॉलेज ने झारखंड एकेडमिक काउंसिल को गलत जानकारी देकर स्थायी प्रस्वीकृति हासिल कर ली है. इंटर कॉलेज को संचालित करने वाले भारतीय विद्या आश्रम ट्रस्ट ने जैक को जमीन कहीं और दिखायी, जबकि कॉलेज भवन का निर्माण किसी और जमीन पर कर लिया. मान्यता मिलने के बाद कॉलेज अभी जिस प्लॉट पर चल रहा है, वह बीसीसीएल के लीज होल्ड एरिया में स्थित है. कॉलेज संचालन के लिए 30 वर्षों के लीज पर ली गयी जमीन मौजूदा परिसर से करीब एक किलोमीटर दूर पाथरडीह मौजा में ही है. कॉलेज के यहां दो प्लॉट हैं. प्लॉट संख्या 126 में 33 डिसमिल जमीन और प्लॉट संख्या में 246 में 109 डिसमिल जमीन है. यह जमीन अभी खाली है.

बताया जाता है कि जमीन के लीज पेपर में गलत जानकारी दी गयी है. लीज के कागजात में भारतीय विद्या आश्रम ट्रस्ट के सचिव दीपक मिश्रा ने खुद को अध्यक्ष बताया है. जैक में जमा ट्रस्ट के कागजात में श्री मिश्रा ने खुद को इसका सचिव बताया है. जैक के पास मौजूद ट्रस्ट के निबंधन के कागजात के अनुसार, ट्रस्ट के अध्यक्ष शालीग्राम पांडेय हैं. ट्रस्ट के चार सदस्य रिश्तेदार हैं. सचिव दीपक मिश्रा के अलावा उनकी पत्नी प्राखी ओझा, अध्यक्ष शालीग्राम पांडेय और सदस्य विकास मिश्रा करीबी रिश्तेदार हैं. सचिव ने अपनी पत्नी प्राखी ओझा को प्रभारी प्राचार्या बना रखा है.

विवादों से पुराना नाता : पिछले वर्ष कॉलेज के एक शिक्षक ने संस्थान सिर्फ इसलिए छोड़ दिया था, क्योंकि कथित तौर पर उस पर वेतन का 50 प्रतिशत ट्रस्ट को देने का दबाव बनाया गया था. उस शिक्षक ने सचिव के साथ बातचीत का ऑडियो भी रिकॉर्ड कर लिया था. बाद में यह ऑडियो वायरल भी हुआ. हालांकि ऑडियो की सत्यता प्रभात खबर प्रमाणित नहीं करता है, लेकिन इसमें कथित सचिव को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि इस कॉलेज के सभी कर्मियों को वेतन का 50 प्रतिशत ट्रस्ट को देना होता है. याद रहे कि कॉलेज के शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों को सरकारी अनुदान से ही वेतन दिया जाता है.

क्षेत्र का एकमात्र महिला इंटर कॉलेज : नीहार भारती महिला कॉलेज पाथरडीह क्षेत्र का एक मात्र महिला इंटर कॉलेज है. अभी कॉलेज में करीब 150 के करीब छात्राएं नामांकित हैं. वहीं सत्र 2020-21 के लिए नामांकन प्रक्रिया अभी जारी है. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा कॉलेज के लिए बनाये गये शासी निकाय की वर्तमान अध्यक्ष झरिया विधायक पूर्णिमा सिंह हैं व सचिव दीपक मिश्रा हैं.

बोले सचिव, लीज की जमीन पर कॉलेज नहीं : कॉलेज संचालक भारतीय विद्या आश्रम ट्रस्ट के सचिव दीपक मिश्रा ने ट्रस्ट और उन पर लगे आरोपों के संबंध में कुछ आरोपों को स्वीकार करते हुए इस क्षेत्र में एकमात्र महिला इंटर कॉलेज संचालित करने की दुहाई दी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कॉलेज बंद कराने की साजिश कर रहे हैं. दीपक मिश्रा ने यह स्वीकार किया कि कॉलेज उस जमीन पर संचालित नहीं किया जा रहा है, जिसका लीज दिखाकर जैक से स्थायी प्रस्वीकृति ली गयी है.

हालांकि उनका मकसद सिर्फ इस क्षेत्र में रहने वाले गरीब मजदूरों की बेटियों तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पहुंचाना था. उनके ट्रस्ट ने किसी को धोखा देने के लिए ऐसा नहीं किया. श्री मिश्रा ने एक परिवार के लोगों को ट्रस्ट में रखने के आरोप पर कहा कि उन्होंने इस मामले में नियम का उल्लंघन नहीं किया है.

उनके अनुसार, ट्रस्ट के सदस्य एक ही पिता की संतान नहीं होनी चाहिए. इस मामले में भी ऐसा ही है. शिक्षकों व शिक्षकेतर कर्मियों से उनके वेतन का 50 प्रतिशत मांगने के आरोप को उन्होंने गलत बताया. उन्होंने बताया कि शिक्षक-शिक्षकेतर कर्मियों से ट्रस्ट को सहयोग के लिए आग्रह किया जाता है. यह आग्रह भी पांच से 10 प्रतिशत के लिए होता है, लेकिन अगर कोई नहीं दे, तो उन पर दबाव नहीं बनाया जाता है.

जेएसएम डीएवी इंटर कॉलेज का रुका अनुदान : इसी तरह के एक दूसरे मामले में भागा स्थित जेएसएम डीएवी इंटर कॉलेज को मिलने वाले सरकारी अनुदान पर रोक लगा दी गयी है. आरोप है कि कॉलेज की खरीदी गयी जमीन कहीं और है, जबकि उसका संचालन भागा में किया जा रहा है. आरोप के बाद तत्कालीन डीइओ अलका जायसवाल की अनुशंसा पर सरकार ने इसका अनुदान रोक दिया है. अभी मामले की जांच चल रही है. आरोप सिद्ध हो गये, तो कॉलेज की मान्यता रद्द कर दी जायेगी.

मुख्य बातें :-

  • सचिव की पत्नी हैं कॉलेज की प्रभारी प्राचार्या

  • भारतीय विद्या आश्रम ट्रस्ट करता है संचालन

  • बीसीसीएल के लीज होल्ड एरिया में चल रहा कॉलेज

  • जमीन के लीज पेपर में दी गलत जानकारी

अब तक मिला है लाखों का सरकारी अनुदान : नीहार भारती महिला इंटर कॉलेज को जैक से स्थायी प्रस्वीकृति 2016 -17 के सत्र मिली थी. कॉलेज को सरकार की ओर से लाखों का सरकारी अनुदान मिल रहा है. एकेडमिक वर्ष 2019-20 के दौरान कॉलेज को 15.40 लाख रु का सरकारी अनुदान मिला था. चालू सत्र के अनुदान के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा जा रहा है.

कांति मेहता की पत्नी की स्मृति से जुड़ा : यह कॉलेज गांधीवादी श्रमिक नेता व इंटक की रीढ़ रहे कांति मेहता की पत्नी की स्मृति में बना है. कांति मेहता भारतीय राष्ट्रीय खदान मजदूर महासंघ के महासचिव (1960) थे. वर्ष 1993 में बिंदेश्वरी दुबे के निधन के बाद राष्ट्रीय कोयला मजदूर संघ के अध्यक्ष भी बने थे. सक्रिय श्रमिक राजनीति से संन्यास लेने के बाद वह गांधी श्रम प्रतिष्ठान का कार्यभार संभालने पुरी चले गये थे.

मामले की व्यक्तिगत तौर पर कोई जानकारी नहीं है, लेकिन नीहार भारती महिला इंटर कॉलेज पर लगे आरोप काफी गंभीर हैं. मैं खुद इसकी जांच करूंगी. अगर आरोप सही पाये गये, तो मैं कॉलेज की स्थायी प्रस्वीकृति रद्द करने की जैक से अनुशंसा करूंगी.

Post by : Pritish Sahay

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