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झारखंड में जमीन खाली नहीं करने पर बुजुर्ग को जिंदा जलाया, जमीन विवाद में फूंक दी झोपड़ी

थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश ने बताया कि सूचना पाते ही पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई थी और इलाज के लिए बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया था, लेकिन अधिक जल जाने के कारण उनकी इलाज के दौरान मौत हो गयी. पुलिस ने कुछ लोगों को चिन्हित किया है. गिरफ्तारी लिए कई ठिकानों पर छापामारी की गयी है.

साहिबगंज, राजा नसीर. जमीन खाली नहीं करने की सजा एक बुजुर्ग को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी है. मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत रामपुर दियारा निवासी मटरु सिंह को किराए की जमीन नहीं खाली करने पर उन्हीं के गांव के कुछ लोगों द्वारा बुधवार रात करीब 11 बजे उनकी झोपड़ी में आग लगाकर उन्हें जिंदा जला दिया गया. फूस के घर में आग लगने से आग की लपटें अचानक बढ़ने लग गईं. आसपास के लोगों ने शोर किया, तो कुछ दूर घर में सोए छोटे बेटे पिता की जान बचाने पहुंचा. बड़ी मशक्कत से गांव वालों की मदद से आग को बुझाया गया, लेकिन 60 वर्षीय मटरू सिंह गंभीर से झुलस गये थे और घर का सारा सामान आग में जलकर राख हो गया था. घर के अंदर एक गाय व गाय के दो बच्चे भी झुलस कर घायल हो गये.

रास्ते में ही बुजुर्ग ने तोड़ा दम

गांव वालों ने इस बात की सूचना मुफस्सिल थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश को दी. थाना प्रभारी घटनास्थल पर पहुंच और मामले की छानबीन में जुट गए. बुजुर्ग मटरू सिंह को इलाज के लिए रात में लगभग 1 बजे साहिबगंज सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ मोहन मुर्मू ने झुलसे मटरू सिंह का प्राथमिक उपचार कर उन्हें बेहतर इलाज के लिए हायर सेंटर रेफर कर दिया. आग से जलने के बाद लहर व जलन बुजुर्ग बर्दाश्त नहीं कर पाए और भागलपुर पहुंचने के 20 किलोमीटर पहले ही दम तोड़ दिया. इस मामले को लेकर मृत बुजुर्ग के पुत्र रुदल सिंह ने बताया कि पिछले 5 वर्षों से हम लोग भुसकारी रजक की जमीन पर परिवार व गोतिया के लोग करीब दस घर बनाकर रह रहे हैं. किराए के रूप में जमीन के मालिक को प्रति वर्ष 3 हजार देते आ रहे हैं. पिछले करीब 2 वर्षों से मेरे ही गांव के कुछ लोग जमीन खाली करवाने को लेकर लगातार हमसे विवाद करते रहते थे.

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गांव के लोगों ने ही लगा दी आग

मृतक के पुत्र ने कहा कि आरोपियों का कहना था कि यहां से मकान हटाओ. हम लोग इस पर खेती करेंगे. इसी बात को लेकर बुधवार शाम छिगोरी सिंह, विश्वनाथ सिंह, सूरज सिंह, उमेश सिंह, संतोष सिंह ने उनके साथ मारपीट की. इसकी लिखित शिकायत मुफस्सिल थाना प्रभारी से की गयी. इसके बाद हम सब अपने-अपने घर चले गए थे. रात 11:10 बजे अचानक से पिताजी के घर में आग की लपटें उठने लगीं. इसे देख मेरा भाई पिताजी को बचाने दौड़ा तो देखा कि सूरज सिंह, उमेश सिंह, छिगोरी सिंह व अन्य 5 लोग वहां से भाग रहे थे. इसके बाद हम लोगों ने गांववालों की मदद से आप पर काबू पाया, फिर पिता को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया, लेकिन इलाज के लिए भागलपुर ले जाने के क्रम में रास्ते में उनकी मृत्यु हो गयी. रुदल सिंह ने बताया कि आग में घर में रखे 45 हजार नकद, दियारा में लगभग दस बीघा जमीन के पेपर सहित अन्य कागजात जलकर राख हो गये.

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गिरफ्तारी के लिए छापामारी कर रही पुलिस

थाना प्रभारी अनुपम प्रकाश ने बताया कि सूचना पाते ही पुलिस मामले की छानबीन में जुट गयी थी और इलाज के लिए बुजुर्ग को अस्पताल लाया गया, लेकिन अधिक जल जाने के कारण उनकी इलाज के दौरान ही मौत हो गयी. इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को चिन्हित किया है. गिरफ्तारी लिए कई ठिकानों पर छापामारी भी की गयी है.

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