धनबाद : वर्ष के सबसे लंबे दिन रविवार को लगने वाला ग्रहण का समय अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग होगा. भारत में यह सूर्य ग्रहण दिखाई देने के कारण इसका सूतक मान्य रहेगा. सूर्य ग्रहण में सूतक काल 12 घंटे पहले ही लग जाता है. ऐसे में ग्रहण शनिवार रात को 10.40 बजे के करीब सूतक लग जायेगा. यह सूतक ग्रहण की समाप्ति पर खत्म होगा. आर्यभट्ट प्रेषण एवं शोध संस्थान ने प्रत्येक शहर में सूर्य ग्रहण शुरू होने से लेकर इसके समाप्त होने तक की जानकारी शेयर की है.
82 प्रतिशत ढका रहेगा सूर्य : धनबाद के लोगों को 26 दिसंबर 2019 दो दिखा था. उस सूर्य ग्रहण के दौरान करीब 45 प्रतिशत हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया गया था. इस बार रविवार को सूर्य का 82 प्रतिशत तक हिस्सा चंद्रमा द्वारा ढक लिया जायेगा. यहां ग्रहण कुल तीन घंटे 33 मिनट तक रहेगा. यहां सूर्य ग्रहण वलयाकार स्वरूप में दिखेगा.
इस विधि से देख सकते हैं : सूर्य ग्रहण खुली आंखों से नहीं देखना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि इसका बुरा असर आंखों पर पड़ सकता है. सूर्य ग्रहण को सुरक्षित तकनीक या तो एल्युमिनेटेड मायलर, ब्लैक पॉलिमर, शेड नंबर 14 के वेल्डिंग ग्लास या टेलिस्कोप द्वारा सफेद बोर्ड पर सूर्य की इमेज को प्रोजेक्ट करके कर उचित फिल्टर का उपयोग कर देखा जा सकता है.
आज मंदिरों में नहीं होगी मंगला आरती : रविवार को लगनेवाले सूर्य ग्रहण को लेकर कोयलांचल के मंदिरों में मंगला आरती के साथ सुबह की पूजा नहीं होगी. लॉकडाउन में वैसे तो भक्तों का मंदिर में प्रवेश वर्जित है. पुजारियों द्वारा ही मंगला आरती एवं पूजा पाठ किया जा रहा है. ग्रहण के 12 घंटे पहले सूतक काल प्रारंभ होने से मोक्ष काल तक मंदिरों में पूजा नहीं होगी.
शक्ति मंदिर के संयुक्त सचिव सुरेंद्र अरोड़ा ने बताया कि सूतक काल मंदिर के पट बंद होने के बाद से प्रारंभ हो रहा है. खड़ेश्वरी मंदिर के पुजारी मनोज पांडेय ने बताया सूतक काल में मूर्तियों का स्पर्श पूजा पाठ वर्जित होता है. भूईंफोड़ मंदिर के पुजारी सुरेश पांडे बताते हैं कि लॉकडाउन में मंदिर परिसर में भक्तों का आवागमन नहीं के बराबर है. ग्रहण काल की समाप्ति के बाद मंदिर को धोया जायेगा.
अध्यात्म के अनुसार यह न करें :
पंडित गुणानंद झा के अनुसार ग्रहण के दौरान कई कार्य वर्जित हैं. उक्त अवधि में ऐसा कार्यों से बचना चाहिए.
मूर्ति का स्पर्श न करें
अन्न जलादि का सेवन न करें
दूध, बचे खाद्य पदार्थ में तुलसी पत्ता, कुश डाल कर रखें
गर्भवती विशेष सावधानी बरतें
ग्रहण काल में ये करें :
ग्रहण के समय गुरुमंत्र का जाप करें.
ईश्वर से प्रार्थना, भजन कीर्तन करें.
वृद्ध. बच्चे बीमार जल-भोजन का सेवन कर सकते हैं
ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान कर दान करें.
अन्न, वस्त्र, द्रव्य का दान ब्राह्मण को करें.