Jharkhand news: लोगों को सुरक्षा देनेवाला आज खुद असुरक्षित, हजारीबाग के 4 थानों का नहीं है अपना भवन
jharkhad news: हजारीबाग के चार थानों का हाल बेहाल है. कोई टीन शेड के नीचे संचालित है, तो कोई स्कूल भवन में और कोई भाड़े के भवन में. इसके बावजूद कोई इस दिशा में तत्परता नहीं दिखा रहे हैं.
Jharkhand news: हजारीबाग जिले में सरकारी और खासमहल की सैकड़ों एकड़ भूमि खाली है. बावजूद इसके हजारीबाग के चार थानों के पास जमीन नहीं होने कारण अपना भवन नहीं है. इससे यहां पदस्थापित थानेदारों को थाना संचालित करने में परेशानी हो रही है. जबकि सैकड़ों एकड़ सरकारी और गैरमजरूआ जमीन दलालों के कब्जे में है. जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन आज इतना विवश है कि अपनी ही सरकारी जमीन पर थाना भवन निर्माण कराने में असमर्थ है. जिले के चार बड़े थानों का नोटिफिकेशन हुए वर्षों बीत गये. बावजूद जिला प्रशासन ने थाना भवन के लिये अब तक जमीन अधिग्रहण नहीं कर पाया है.
मुफस्सिल, कोर्रा, लोहसिंघना व आंगो थाना का नहीं है अपना भवनहजारीबाग में चार बड़े थाना मुफस्सिल, कोर्रा, लौहसिंघना और आंगो थाना है. इन चारों थाना का अपना भवन नहीं है. मुफस्सिल थाना 10 नवंबर, 1982 को हजारीबाग जिला में स्थापित हुआ था. तब से खासमहल की जमीन पर बने पुराने भवन में भाड़े पर संचालित हो रहा है. अब तक इस थाना में 36 थाना प्रभारियों का पदस्थापन हुआ है. चरही थाना से मुफस्सिल थाना की दूरी 20 किमी है. यह एनएच-33 हजारीबाग रामगढ़-पथ पर स्थित है. अब खासमहल की लीजधारी को थाना खाली कराने का आदेश प्राप्त है. मुफस्सिल थाना में करोड़ों रुपये की जब्त छोटे-बड़े वाहन और कोयला है.
शहरी क्षेत्र मेें स्थित लौहसिंघना थाना क्षेत्र का नोटिफिकेशन 2016 में हुआ है. यह थाना टीन के शेड में संचालित है. इसमें सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है. थाना में मोर्चा, सिपाही बैरक, रसोई घर, हाजत व शौचालय समेत कई संसाधन उपलब्ध नहीं है. यह थाना अतिसंवेदनशील इलाके में संचालित हो रहा है. इस थाना का अपना भवन नहीं है. बरसात के दिनों में थाना में सभी दस्तावेजों को भींगने से बचाने के लिये थानेदार व पुलिस कर्मियों को परेशानी होती है. लौहसिंघना थाना के सटे ओकनी तालाब है. बरसात के दिनों में तालाब का पानी थाना में घुस जाता है.
Also Read: झारखंड में 110 वर्ग किलोमीटर बढ़ा वन क्षेत्र तो देश में दो साल में 2261 वर्ग किलोमीटर बढ़ी हरियाली कोर्रा थाना डीवीसी के जर्जर भवन में संचालितशहरी क्षेत्र में कोर्रा थाना स्थित है. इस थाने का भी अपना भवन नहीं है. इसका नोटिफिकेशन 2016 में हुआ है. कोर्रा थाना डीवीसी के जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. इस थाना में बैरक, रसोई, हाजत व शौचालय की व्यवस्था नहीं है. बरसात के दिनों में थाना संचालित करने में पुलिस पदाधिकारियों को फजीहत उठानी पड़ती है.
आंगो थाना प्राथमिक विद्यालय में संचालितशहर से 30 किमी दूर अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में स्थित आंगो थाना है. यह थाना आंगो प्राथमिक विद्यालय में 2016 से संचालित हो रहा है. विद्यालय और थाना एक ही भवन में संचालित होने से विद्यार्थियों को पठन-पाठन में परेशानी होती है. वहीं, आंगो थाना को विद्यालय भवन में संचालित करने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इस थाना में भी मोर्चा, बैरक, थाना प्रभारी कक्ष, हाजत नहीं है. अस्थायी रूप से यह थाना संचालित हो रहा है. आंगो थाना का अपना भवन नहीं होने से काफी परेशानी होती है. उग्रवाद प्रभावित इलाके होने के कारण एक कंपनी आईआरबी और एक कंपनी सैट के जवानों को रखा गया है.
मुफस्सिल, कोर्रा, लौहसिंघना और आंगो थाना भवन निर्माण के लिये जमीन चयन की प्रक्रिया जारी होने की बात सभी तत्कालीन पुलिस अधीक्षकों द्वारा एक दशक से कही जा रही है. एसपी मनोज रतन चौथे ने कहा कि थाना भवन निर्माण के लिये सरकारी जमीन चयन की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि जमीन के लिये हजारीबाग डीसी को पत्र लिखकर मांग की है. इधर, मुफस्सिल थाना के भवन निर्माण के लिये एनएच-33 हजारीबाग-बरही पथ फोरलेन बाईपास स्थित चानों मे भूमि चयन किया गया है. इसे कंटीले तार से घेर दिया गया है. भूमि चयन किये गये 6 माह बीत जाने पर भी भवन निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है.
Also Read: झारखंड के रामगढ़ में जारी है गजराज का आतंक, 4 दशक में 60 लोगों की ले ली जान, सुरक्षा के क्या हैं इंतजामरिपोर्ट : शंकर प्रसाद, हजारीबाग.