रांची : कोरोना काल में राज्य के निजी अस्पताल अब संक्रमितों से मनमाना पैसा नहीं वसूल पायेंगे. स्वास्थ्य विभाग ने कैपिंग का प्रस्ताव तैयार कर लिया है. इसके तहत संक्रमितों के इलाज से जुड़ी सभी तरह की दरें निर्धारित कर दी गयी हैं. इसके लिए देश के विभिन्न राज्यों में लागू दरों का आकलन किया गया है. तैयार प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के पास भेज दिया गया है. चूंकि मंत्री खुद कोरोना से संक्रमित हैं. ऐसे में उनके स्वस्थ हाेने के बाद ही इस पर सहमति मिलने की उम्मीद है. उनकी सहमति मिलने के बाद प्रस्ताव की अधिसूचना जारी कर दी जायेगी.
गौरतलब है कि प्रभात खबर ने 21 अगस्त के अंक में निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना संक्रमितों से मनमाना पैसा वसूले जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी. इसके बाद से निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे संक्रमितों ने बिल की जानकारी लेनी शुरू कर दी है. परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन से कमरे का किराया व अन्य मदों में लिये जा रहे पैसों का हिसाब मांगना शुरू कर दिया है. परिजनों द्वारा पूछा जा रहा है कि जब एक या दो नर्सें ही सेवा देती हैं, तो प्रत्येक मरीज से पीपीइ किट और सैनिटाइजेशन का पैसा क्यों लिया जा रहा है? इस पर अस्पतालों द्वारा अलग-अलग दलील दी जा रही है.
ज्यादा पैसा वसूलने वाले अस्पतालों पर होगी कार्रवाई : निजी अस्पतालों द्वारा संक्रमितों से मनमाना पैसा लेने की खबर प्रकाशित होने के बाद विभाग ने स्पष्ट किया है कि निजी अस्पताल के लिए कोरोना संक्रमितों के इलाज की दर निर्धारित करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है. एनएबीएच व नॉन-एनएबीएच अस्पताल के लिए दर निर्धारित कर ली गयी है. ज्यादा पैसा वसूलने पर अस्पतालों पर कार्रवाई की जायेगी.
प्रस्ताव को पहले ही स्वास्थ्य मंत्री को भेजा गया है, लेकिन वह बीमार हैं. उनके स्वस्थ होते ही प्रस्ताव पर सहमति मिलने की उम्मीद है. निजी अस्पताल के लिए जाे दर तय की गयी है, वह अभी नहीं बतायी जा सकती है.
डॉ नितिन मदन कुलकर्णी, स्वास्थ्य सचिव
-
तैयार प्रस्ताव को स्वास्थ्य मंत्री के पास भेजा गया
-
मंत्री खुद कोरोना संक्रमित हैं, उनके स्वस्थ होने का इंतजार
केंद्र को उम्मीद, दिसंबर तक आयेगी कोरोना की वैक्सीन : कोरोना से बचाव की कोशिशों के बीच भी संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा है. इस बीच सभी की नजरें कोरोना वैक्सीन पर टिकी हैं. अमेरिका, रूस, ब्रिटेन के अलावा भारत में भी कोरोना वैक्सीन पर काम चल रहा है. यदि सब ठीक रहा, तो भारत इस साल के आखिर तक कोरोना की वैक्सीन हासिल कर लेगा. देश में बनीं व ट्रायल से गुजर रहीं वैक्सीन इस साल दिसंबर अंत तक उपलब्ध हो सकती हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने यह उम्मीद जतायी है. एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक की बनायी वैक्सीन कोवैक्सिन साल के आखिर तक उपलब्ध हो सकती है. वहीं, विशेषज्ञों की टीम ने 50 लाख डोज का पहला ऑर्डर देने की तैयारी कर ली है. सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों, सुरक्षा बलों को वैक्सीन मिलेगी.
Post by : Pritish Sahay