Loading election data...

The Trial review: प्यार, क़ानून और धोखा में काजोल का नहीं चला जादू… सतही है यह रिश्तों की कहानी

The Trial Pyaar Kaanoon Dhokha review: रूपहले परदे की सितारा अभिनेत्री काजोल ने ओटीटी प्लेटफार्म पर अपनी शुरुआत लघु फिल्म देवी से की थी, जिसने जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थी. प्यार, क़ानून और धोखा शीर्षक वाली यह कहानी कोर्टरूम ड्रामा से ज़्यादा रिश्तों की थी.

By कोरी | March 7, 2024 12:43 PM

काजोल का ओटीटी पर डेब्यू

रूपहले परदे की सितारा अभिनेत्री काजोल ने ओटीटी प्लेटफार्म पर अपनी शुरुआत लघु फिल्म देवी से की थी, जिसने जबरदस्त सुर्खियां बटोरी थी. उसके बाद वह ओटीटी की फिल्म त्रिभंगा में भी वाहवाही ही अपने नाम कर गयी, इसलिए जब वेब सीरीज ट्रायल- प्यार, क़ानून और धोखा से उनका नाम जुड़ा , तो उम्मीदें बढ़ गयी थी. प्यार, क़ानून और धोखा शीर्षक वाली यह कहानी कोर्टरूम ड्रामा से ज़्यादा रिश्तों की थी, लेकिन कमजोर स्क्रीनप्ले ने कहानी को दोनों ही मोर्चे पर सतही कर दिया है. जिस वजह से यह एक औसत सीरीज बनकर रह गयी है. जिससे यादगार होने की उम्मीद थी.

रिश्तों की है यह कहानी

अमेरिकी वेब सीरीज द गुड वाइफ का यह हिंदी रूपांतरण इस सीरीज की कहानी नोयोनिका सेनगुप्ता( काजोल ) की है. जिसका जज पति(जिशु सेनगुप्ता) एक सेक्स स्कैडल में फंसता है. जिसके बाद वह जेल चला जाता है और उसकी पूरी सम्पति जब्त हो जाती है. जिसके बाद दो बेटियों की मां नोयोनिका की दुनिया ही बदल जाती है. पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से एक दशक पहले वकालत छोड़ चुकी नोयोनिका को एक बार फिर से वकालत की नयी शुरुआत करनी पडती है. एक वक़्त की फेमस वकील, जूनियर के तौर पर अपनी यह शुरुआत करती है. वह आर्थिक मोर्चे पर अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने में जुटी हैं. कामकाज की जगह पर उसकी राह आसान नहीं है. आए दिन उसे एक नयी पॉलिटिक्स से जूझना पड़ता हैं. इस बीच उसके पति का हाई प्रोफाइल केस उस तक पहुंचता है. कैसे वह निजी जिंदगी और प्रोफेशनल लाइफ के बीच संतुलन बिठाती है. यही आगे की कहानी है.

सीरीज की खूबियां और खामियां

आठ एपिसोड वाली यह सीरीज रिश्तों के उधेड़बुन न्याय प्रणाली,टीवी पत्रकारिता को अपने में समेटे हुए है. ऐसा लगा था कि कई परते इन पहलुओं को यह सीरीज सामने लेकर आएगा, लेकिन तीसरे एपिसोड के बाद कहानी बिखर जाती है, कहानी में जो ट्विस्ट है. वह नए नहीं है. ऐसा लगता है कि वह कई बार देख चुके हैं. यह भी यहां महत्वपूर्ण है कि गुड वाइफ का आखिरी सीजन 2016 में आया था और हम इस शो का रूपांतरण 2023 में बना रहे हैं. रिश्तों की उलझी हुई इस कहानी का बैकड्राप कोर्टरूम ड्रामा है, लेकिन एक भी एपिसोड में वह उस तरह से प्रभावी नहीं बन पाया है. जैसा कि कहानी की जरूरत थी. नोयोनिका का किरदार हर केस को बहुत ही आसानी के साथ जीत लेती है. सीरीज का क्लाइमेक्स कमज़ोर है, यह कहीं ना कहीं कहानी की नींव को हिला गया है. यह कहना गलत ना होगा. कहानी के सबप्लॉट्स में सुशांत सिंह राजपूत की मौत का प्रकरण और जूही चावला के 5 जी तकनीक के खिलाफ की गयी जनहित याचिका को भी जोड़ा गया है. वो भी अधपके से रह गए हैं.

जानें क्या है कहानी

एक महिला जो आर्थिक संकट से जूझ रही है, लेकिन उसके आसपास की दुनिया को देखकर लगता नहीं है कि उसे किसी तरह की आर्थिक परेशानी हो भी सकती है. घर से उसके लुक तक, सभी में भव्यता ही भव्यता है. मेकर्स को इस बात पर थोड़ा रियलिस्टिक अप्रोच रखने की जरूरत थी. सीरीज स्क्रीनप्ले के साथ – साथ लाउड बैकग्राउंड म्यूजिक में भी असरहीन रह गया है. संवाद जरूर कहानी के साथ न्याय करते हैं. सीरीज के कैमरावर्क में एक दो जगहों पर कुछ प्रयोग किए गए हैं. डायलॉग बोलते हुए चेहरे नज़र नहीं आ रहे हैं. यह प्रयोग आम दर्शकों को थोड़ा अटपटा सा लगता है.

काजोल का जादू नहीं चला

अभिनेत्री काजोल ने अपनी भूमिका के साथ न्याय किया है, लेकिन उनसे उम्मीदें ज़्यादा थी और यह स्क्रीनप्ले उन उम्मीदों को पूरा नहीं कर पायी हैं. कुब्रा सैत प्रभावी रही हैं. अली खान और गौरव पांडे ने भी अपनी भूमिका को बढ़िया तरीके से निभाया है. शीबा चड्ढा जैसी समर्थ अभिनेत्री के साथ यह सीरीज न्याय नहीं कर पायी है. उनके किरदार पर थोड़ा और काम करने की जरूरत थी. जिशु सेनगुप्ता ऐसे किरदारों में टाइपकास्ट हो चुके हैं. किरण कुमार को एक अरसे बाद स्क्रीन पर देखना अच्छा था. बाकी के कलाकार ने अपने किरदारों में अच्छे रहे हैं.

Also Read: OTT Release This Weekend: वीकेंड में एंजॉय करने के लिए बेस्ट हैं ये 3 वेब सीरीज, काजोल की ‘द ट्रायल’ भी शामिल

Next Article

Exit mobile version