Makar Sankranti 2024: मकर संक्रांति का पर्व सूर्य देवता और फसल से जुड़ा है. मकर संक्रांति का पर्व पूरे भारत में उल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते है, इस साल 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति पर सूर्य का मकर राशि में गोचर होगा. इस साल 15 जनवरी 2024 को मकर संक्रांति मनाई जाएगी. सूर्य देवता जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उस दिन को ‘संक्रांति’ के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति का पर्व अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है. आइए जानते है मकर संक्रांति को किस राज्य में किस नाम और परंपरा के साथ मनाया जाता है.
उत्तर भारत में मकर संक्रांति और खिचड़ी के नाम से मनाया जाता है. उत्तर भारत में इस दिन उड़द दाल और चावल की खिचड़ी खाई जाती है, इस दिन तिल, गुड़ और मूंगफली का महत्व होता है. मकर संक्रांति के दिन स्नान के बाद लोग दान करते हैं और फिर घी के साथ खिचड़ी खाते हैं.
गुजरात में मकर संक्रांति को उत्तरायण के नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति को बड़े धूमधाम के साथ यहां उत्तरायण का त्योहार मनाया जाता है. गुजरात में उत्तरायण दो दिन तक मनाया जाता है, इस त्योहार में यहां काइट फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, इस खासमौके पर उंधियू और गुड़ की चिक्की खाने का महत्व है.
पंजाब और हरियाणा में मकर संक्रांति को माघी लोहड़ी के रूप में मनाया जाता है. मकर संक्रांति के एक दिन पहले लोहड़ी का त्योहार मनाया जाता है. आग जलाकर उसके आसपास घूमते हुए पूजा की जाती है फिर रेवड़ी, मूंगफली और पॉपकॉर्न बांटे जाते हैं.
दक्षिण भारत में मकर संक्रांति को पोंगल के नाम से जाना जाता है. पोंगल को लेकर बड़ा उत्साह होता है और इसे पूरे 4 दिनों तक मनाया जाता है. पहले दिन भोगी पोंगल, दूसरे दिन सूर्य पोंगल, तीसरे दिन मट्टू पोंगल और चौथे दिन कन्या पोंगल के तौर पर आयोजन होता है. यहां रंगोली बनाई जाती है. खास पकवान चावल की मीठी गुड़ वाली खीर बनाई जाती है.
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मकर संक्रांति को केरल में मकर विलक्कू के रूप में मनाया जाता है, इस दिन खासतौस से लोग सबरीमाला मंदिर के पास मकर ज्योति के दर्शन करते हैं. सूर्य देव की उपासना की जाती है.
मकर संक्रांति को कर्नाटक में ‘एलु बिरोधु’ कहा जाता है, इस दिन कई धार्मिक अनुष्ठान किए जाते हैं. यहां महिलाएं आसपास के करीब 10 परिवारों के साथ एलु बेला यानि ताजा फल, गन्ने, तिल, गुड़ और नारियल का आदान-प्रदान करती हैं.