25.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बसंत पंचमी पर रहेगा पंचक का साया, जानिए इस दौरान क्यों नहीं किए जाते है शुभ कार्य

Panchak 2024: पंचक की शुरुआत हो चुकी हैं, इस साल बसंत पंचमी पर पंचक का साया रहेगा. पंचक कई प्रकार के होते हैं अग्नि, चोर, मृत्यु, राज और रोग पंचक. हर पंचक का अपना महत्व है.

Panchak 2024: हिंदू धर्म में कोई भी कार्य करने से पहले सही मुहूर्त और समय देखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में जहां शुभ कार्य करने के लिए कुछ शुभ दिन माने गए हैं, तो वहीं कुछ अशुभ दिन भी हैं. पंचक को भी अशुभ दिनों में ही गिना जाता है. वही इस साल बसंत पंचमी पर पंचक रहेगा. कहा जाता है कि पंचक में शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. क्योंकि पंचक में किए गए काम का परिणाम सफल नहीं होता है. पंचक की शुरुआत हो चुकी हैं. 10 फरवरी दिन शनिवार की सुबह 10 बजकर 2 मिनट से पंचक लग गए हैं. ये 14 फरवरी के दिन सुबह 10 बजकर 44 मिनट तक रहेगा, इन दिनों में आप कोई भी शुभ काम नहीं कर पाएंगे.

क्यों पंचक में नहीं करने चाहिए शुभ काम

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जब चन्द्रमा धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती नक्षत्र में विचरण करता है तो उसे पंचक कहते हैं. इन सभी नक्षत्रों (Nakshatra) को पार करने में चंद्रमा को करीब 5 दिन लगते हैं, इसलिए इन पांच दिनों को पंचक का नाम दिया गया है. हर 27 दिन के बाद पंचक लगते हैं, इसे बहुत अशुभ समय माना जाता है. मान्यता के अनुसार पंचक में शादी, घर बनाना, गृह प्रवेश जैसे काम करने से बचा जाता है. अगर आप कोई शुभ काम कर रहे हैं तो उसे करना अच्छा नहीं माना जाता है. पंचक में दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए. अगर आप इस दौरान दक्षिण में यात्रा करते हैं तो उसका परिणाम बुरा हो सकता है.

पंचक कितने प्रकार के होते हैं?

पंचक कई प्रकार के होते हैं अग्नि, चोर, मृत्यु, राज और रोग पंचक. हर पंचक का अपना महत्व है, लेकिन बुधवार और गुरुवार के दिन से शुरू होने वाले पंचक को अशुभ नहीं माना जाता. पंचक पांच नक्षत्रों का मेल है, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद, पूर्वाभाद्रपद, रेवती, पूर्वा भाद्रपद और धनिष्ठा नक्षत्र. जब चंद्रमा इन पांच नक्षत्रों से गुजरता है तो उसे पंचक कहते हैं.

Also Read: शुभ योग के दुर्लभ संयोग में मनेगी बसंत पंचमी, जानिए सरस्वती पूजा के लिए मुहूर्त और पूजा विधि
पंचक नक्षत्र और इनके प्रभाव

  • शतभिषा नक्षत्र में क्लेश और शारीरिक कष्ट झेलना पड़ता है.

  • रेवती नक्षत्र में धनहानि के योग बनते हैं.

  • उत्तर भाद्रपद में जुर्माना और कर्ज की समास्या आती है.

  • पूर्वाभाद्रपद में रोग का योग बनता है.

  • धनिष्ठा नक्षत्र में अग्नि का भय रहता है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें