पश्चिम बंगाल में एडिनो वायरस से 13061 बच्चे हो चुके हैं संक्रमित, 4539 का किया जा रहा इलाज

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एआरआइ पीड़ित बच्चों के लिए सरकारी अस्पतालों में कुल 7,625 बेडों की व्यवस्था की गयी है. 4539 बेडों पर मरीजों की चिकित्सा चल रही है.इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर (1800-313-444-222) पर कॉल कर बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दे सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | March 17, 2023 11:20 AM

राज्य में एडिनो वायरस (Adeno Virus) के प्रकोप को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने टोल फ्री नंबर जारी किया है. पेडियाट्रिक इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर (1800-313-444-222) पर कॉल कर बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी जानकारी दे सकते हैं. यह हेल्पलाइन 24 घंटे खुली रहेगी. राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम द्वारा गुरुवार को जारी की गयी स्टेटस रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी. रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में सर्दी, खांसी, बुखार और सांस लेने में दिक्कत यानी एक्यूट रिस्पेटरी इंफेक्शन (एआरआइ) से पीड़िति 13,061 बच्चे गत ढाई महीने में सरकारी अस्पतालों में भर्ती हुए.

फिलहाल 4539 बच्चों का इलाज विभिन्न सरकारी अस्पतालों में चल रहा है. राज्य में अब तक 19 बच्चों की मौत हुई है. इनमें से 13 की मौत कोमोरबिडिटी से और छह बच्चों की मौत एडिनो वायरस से हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न सरकारी अस्पतालों में सांस की समस्या को लेकर पहले प्रतिदिन करीब 800 बच्चे भर्ती होते थे. अब यह संख्या घटकर प्रतिदिन करीब 600 हो गयी है. वहीं, राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों, जिला, अनुमंडल अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में फीवर क्लीनिक खोले गये हैं.

सरकारी अस्पतालों में बेडों का हाल

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, एआरआइ पीड़ित बच्चों के लिए सरकारी अस्पतालों में कुल 7,625 बेडों की व्यवस्था की गयी है. 4539 बेडों पर मरीजों की चिकित्सा चल रही है, जबकि गुरुवार तक कुल 3080 बेड खाली थे. राज्य में जनरल पेडियाट्रिक बेडों की संख्या पांच हजार है. पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआइसीयू) में 654, निओनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट ( एनआईसीयी) में 223 और सिक न्यूबॉर्न क्रिटिकल यूनिट (एसएनसीयू) में 1748 बेड हैं. गुरुवार तक जनरल पेडियाट्रिक में 2050, पीआइसीयू में 395 , एनआइसीयू में 58, एसएनसीयू में 577 बेड खाली थे.

स्वास्थ्य विभाग के सुझाव

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मार्च से अप्रैल के बीच बच्चे एक्यूट रिस्पेटरी इंफेक्शन के शिकार होते हैं. इस कारण बच्चों की छाती व गले में संक्रमण हो जाता है. इस कारण बुखार, गले में दर्द, नाक से पानी बहना, कमजोरी हो सकती है. डायरिया की भी समस्या हो सकती है. ऐसे में बच्चों को बार-बार ओआरएस व अन्य तरल पदार्थ पिलाने की सलाह दी गयी. बुखार होने पर बच्चों को पेरासेटामोल 10-15 मिलीग्राम चार घंटे के अंतराल पर दिये जाने का भी सुझाव दिया गया है. बुखार पांच से अधिक रहने पर बच्चे को तुरंत शिशु विशेषज्ञ के पास ले जायें.

रोकथाम के लिए टॉस्क फोर्स की दूसरी बैठक

एडिनो वायरस की रोकथाम के लिए मुख्य सचिव के नेतृत्व में गठित टास्क फोर्स की दूसरी बैठक गुरुवार को हुई. पहली बैठक सोमवार को बैठक हुई थी. टॉस्क फोर्स के सदस्य राज्यभर के सरकारी अस्पतालों पर नजर रख रहे हैं. टॉस्क फोर्स के सुझाव पर घर पर बच्चों की चिकित्सा के लिए एडवाइजरी जारी की गयी है.

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