Loading election data...

Diwali पर खास तरीके से सजता है Golden Temple, ट्रिप पर जाने का करेगा मन

Diwali in Golden Temple: हिंदू धर्म के अनुसार, प्रभु श्रीराम अपनी पत्नि और भाई के साथ पूरे 14 साल का वनवास पूरा कर अपने घर लौटे थे.ऐसे में उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था.

By Shaurya Punj | November 7, 2023 10:33 AM

Diwali  in Golden Temple: अमृतसर का स्वर्ण मंदिर देश-दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन दिवाली पर इसकी अलग ही छटा होती है. इस दिन स्वर्ण मंदिर के ऊपर आतिशबाजी का नजारा जबरदस्त होता है. स्वर्ण मंदिर को सजाया जाता है, जो दिखने को बहुत खूबसूरत लगता है. इस बार भी दीवाली पर शानदार तरीके से अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की खूबसूरती देखी जाएगी

जानें क्यों खास है स्वर्ण मंदिर की दिवाली

हिंदू धर्म के अनुसार, प्रभु श्रीराम अपनी पत्नि और भाई के साथ पूरे 14 साल का वनवास पूरा कर अपने घर लौटे थे.ऐसे में उनके आने की खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाकर उनका स्वागत किया था.वहीं दूसरी ओर सिक्ख धर्म के सिक्ख धर्म के छठें गुरु ‘गुरु हरगोबिंद साहिब’ जी ने इस पावन दिन पर 52 राजाओं को कैद से मुक्त करवाया था.ऐसे में इस दिन को सिख धर्म द्वारा ‘बंदी छोड़ दिवस’ के नाम से मनाया जाने लगा.

क्यों खास है स्वर्ण मंदिर की दिवाली

अमृतसर का स्वर्ण मंदिर देश-दुनियाभर में जाना जाता है, लेकिन दिवाली पर इसकी अलग ही छटा होती है. इस दिन स्वर्ण मंदिर के ऊपर आतिशबाजी का नजारा जबरदस्त होता है. इसके साथ ही मंदिर के परिसर में दिए जलाते हैं, झालरें लगाई जाती हैं. बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. आप यहां एक स्प्रिचुअल दिवाली मनाने आ सकते हैं.

इन शहरों में भी होती है दिवाली की धूम

जालंधर , लुधियाना , बठिंडा , पठानकोट , संगरूर , पटियाला , गुरदासपुर , हा‍ेशियारपुर में भी रोशनी का पर्व दिवाली मनाई जाती है. दीपावली के मौके पर पूरा राज्‍य में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं और पुलिसकर्मी प्रमुख स्‍थलों पर तैनात हैं.

चंडीगढ़ में भी रोशनी के त्‍योहार दिवाली की धूम है और सिटी ब्‍यूटीफुल जगमग-जगमग कर रही है. इस मौके पर घरों और इमारतों को मनमोहक तरीके से सजाया गया है.धार्मिक स्‍थलों को सुंदर तरीके से सजाया गया है और वहां विशेष पूजा व अर्चना हुई है.शहर में दीपावली पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और पुलिस की नजर पटाखे चलाने वालों पर है.    

जानें क्यों स्वर्ण मंदिर है खास

स्वर्ण मंदिर, जिसे हरमिंदर साहिब भी कहा जाता है, एक प्रमुख सिख धर्मिक स्थल है जो अमृतसर, पंजाब में स्थित है. यह मंदिर दुनिया भर के सिख समुदाय के लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र है.

कुछ महत्वपूर्ण जानकारी

इतिहास: स्वर्ण मंदिर का निर्माण पंजाब के प्रसिद्ध सिख गुरु, गुरु अर्जुन देव जी ने 16वीं सदी में करवाया था. मंदिर का प्राचीन भव्य रचना अद्भुत शिल्पीय कार्य, मार्बल और स्वर्ण के सिखरों से खास दिखावट प्रदान करता है.

सोने का अमृत सरोवर

स्वर्ण मंदिर के परिसर में अमृत सरोवर नामक एक पवित्र सरोवर है. इसमें चारों ओर सोने के प्लेटों वाले सिखर दिए गए हैं, जिनसे सरोवर को सोने का रंग प्राप्त होता है. सिख धर्म के अनुयायियों को इस सरोवर के पानी को अमृता जल के रूप में समझा जाता है और वे इसे पवित्र मानते हैं.

धार्मिक महत्व

स्वर्ण मंदिर गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु ग्रंथ साहिब तक के अनुयायियों के लिए धार्मिक तत्वों का महत्वपूर्ण स्थान है. इस मंदिर में सिख धर्म के धरोहर, धार्मिक संग्रहालय और गुरुद्वारे के किरदारों को देखने का अवसर मिलता है.

सिख संगत का स्वागत

स्वर्ण मंदिर में सभी लोगों का समान और नम्र स्वागत किया जाता है, चाहे वे सिख हों या अन्य धर्म के अनुयायी. धर्मशालाएं और लंगर खाने की सुविधा यहां उपलब्ध होती है, जो सभी को एक साथ बैठकर भोजन करने का अवसर प्रदान करता है.

Next Article

Exit mobile version