भारत में भगवान शिव के कई ज्योतिर्लिंग स्थापित है जिनकी अलग-अलग महिमा है. देश-विदेश से भक्त इन मंदिरों में दर्शन के लिए आते हैं. ऐसी ही एक जगह है उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में स्थित पांडेश्वर नाथ मंदिर है. जिसकी मान्यता बेहद खास है. आइए जानते हैं इस शिव मंदिर के बारे में विस्तार से.
पांडेश्वर नाथ मंदिर
फर्रुखाबाद के रेलवे स्टेशन मार्ग पर स्थित पाडेश्वर नाथ मंदिर की अलग मान्यता है. बताया जाता है कि इस मंदिर को महाभारत काल के दौरान माता कुंती द्वारा बनवाया गया था. जब फर्रुखाबाद की स्थापना नहीं हुई थी उस दौरान इस क्षेत्र में बड़े रकबे में जंगल हुआ करता था. उस समय यहां पर प्राचीन पीपल का पेड़ मौजूद था. जिसके पास एक चबूतरे पर पांडवों द्वारा शिव ज्योतिर्लिंग स्थापित किया गया था.
पांडव गए थे वनवास
इस मंदिर के बारे में बताया जाता है कि उस समय इसकी स्थापना हुई जब पांडव वनवास के लिए गए थे. तब यहां पर जंगल के पास कुम्हारों रहा करते थे. माता कुंती के साथ पांचों पांडव भी वहीं रहने आए थे. कुंती ने अपने पुत्रों से कहा कि हमें शिव जी की आराधना करनी है. इसके लिए हमें शिवलिंग की जरूरत है. तभी पांचों पांडव सभी दिशाओ को चले गए और शिवलिंग लेकर वापस आए.
Also Read: भारत में बर्फबारी के लिए मशहूर हैं ये जगहें, ठंड में फैमिली और फ्रेंड्स के साथ जरूर जाएं घूमने, देखें Listपांच जगह स्थापित है यहां ज्योर्तिलिंग
बताया जाता है कि जब युधिष्ठिर शिवलिंग लेकर आए तो उसे धौम्य ऋषि द्वारा पांडवों के सामने ही स्थापित किया गया. उसी शिवलिंग को पांडेश्वर नाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है. यहां पर सुबह 4:30 बजे से भक्त आने लगते हैं.
दर्शन मात्र से मनोकामनाएं होती हैं पूरी
बताया जाता है कि गंगा नदी के किनारे पर राजा द्रुपद का किला हुआ करता था. पास मेंही ऋषि धौम्य का आश्रम था. जहां पर पांडवों ने समय व्यतीत किया था. उस समय वहां पर तीन कुआं था, जो कि उस समय पानी की जरूरत को पूरा करते थे. लोग पांचाल नगरी पहुंचकर मां गंगा के यहां से जल भरकर लाते हैं और पांडेश्वर नाथ मंदिर में पहुंचकर उनका रुद्राभिषेक करते हैं. मान्यताओं के अनुसार यहां जो भी भक्त आता है शिवजी उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
Also Read: Darjeeling Famous Places: दार्जिलिंग में घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है, इन जगहों पर सैर करना न भूलें