Aligarh News: यूपी विधानसभा चुनाव में इस बार प्रत्याशी टेक्नोलॉजी के माध्यम से कर रहे प्रचार-प्रसार
यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर इस बार प्रत्याशी होर्डिंग, फ्लेक्स, रैली को भूलकर टैक्नोलॉजी के माध्यम से जनता को लुभा रहे हैं. अलीगढ़ के 7 विधानसभाओं में 61 प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, कैमरा, माइक्रोफोन से युक्त चुनाव प्रचार वार रूम तैयार किया है.
Aligarh News: इस बार के यूपी विधानसभा चुनाव 2022 में प्रत्याशी बड़े-बड़े होर्डिंग, फ्लेक्स, रैली को भूलकर जनता जनार्दन पर अलग तरह का फॉर्मूला अपना रहे हैं. प्रत्याशी टैक्नोलॉजिकल प्रचार माध्यमों का इस्तेमाल कर जनता को लुभा रहे हैं. इसे देख ऐसा लग रहा है, जैसे प्रत्याशियों में एप वार छिड़ गया हो. जिस प्रत्याशी को स्मार्ट फोन में कॉल के अलावा कुछ नहीं आता था, आज वह इस ऐप वार में सेनापति नियुक्त कर रहे हैं.
होर्डिंग, बैनर नहीं आ रहे नजर
इस बार के विधानसभा चुनाव में पुराने पारंपरिक हार्डिंग, बैनर, फ्लेक्स, टेंप्लेट रैलियां, सभाएं नजर नहीं आ रही हैं. पहले के चुनावों में जनपद के शहर और ग्रामीण क्षेत्र को बड़े-बड़े प्रचार माध्यमों से पाट दिया जाता था. इस बार प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के माध्यमों पर अलग-अलग तरीके इस्तेमाल किया हैं.
छिड़ा है ऐप वार
अलीगढ़ के 7 विधानसभाओं में 61 प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, कैमरा, माइक्रोफोन से युक्त चुनाव प्रचार वार रूम तैयार किया है. इनको देखने के लिए सेनापति के रूप में प्रभारी भी नियुक्त किए गए हैं. कोई भी प्रत्याशी ऐसा नहीं है, जिसने मोबाइल के किसी ना किसी ऐप का उपयोग अपने चुनाव प्रचार के लिए ना कर रखा हो. मोबाइल के ऐप में अपने चुनाव प्रचार सामग्री को जनता तक परोसा जा रहा है. सुबह चुनाव प्रचार के निकलने से पहले और रात को चुनाव प्रचार करके आने के बाद तक मोबाइल ऐप पर प्रत्याशी की भागदौड़ नजर आती है.
इन ऐप पर हो रहा ऐसे प्रचार
भारतीय जनता पार्टी के अलीगढ़ आईटी सेल संयोजक विक्रांत गर्ग ने प्रभात खबर को बताया कि चुनाव प्रचार के लिए मोबाइल के ऐप व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, यूट्यूब, कू, सिग्नल का उपयोग अधिक हो रहा है. व्हाट्सएप पर 1-1 विधानसभा में 2000- 2000 ग्रुप बनाए गए हैं, जिसमें 250-250 मेंबर जुड़े हुए हैं. व्हाट्सएप पर ब्रॉडकास्ट बनाकर इसकी सीमा और बढ़ जाती है. व्हाट्सएप पर इसी प्रचार को स्टेटस पर शेयर किया जाता है.
फेसबुक पर पोस्ट डाल कर, फेसबुक के पेज ग्रुप बनाकर प्रचार किया जा रहा है. टि्वटर पर पोस्ट डाल कर, ट्वीट कर प्रत्याशी प्रचार कर रहे हैं. इंस्टाग्राम पर प्रचार की छोटी-छोटी जेपीजी इमेज, रील डालकर प्रचार किया जा रहा है. यूट्यूब पर चुनाव प्रचार के वीडियो बनाकर शेयर किया जा रहा है. टेलीग्राम पर भी विधानसभा बार कई ग्रुप बनाकर के पब्लिसिटी की जा रही है. कू ऐप का भी इस्तेमाल चुनाव प्रचार के लिए किया जा रहा है.
रिपोर्ट- चमन शर्मा, अलीगढ़