धनबाद जिले के निरसा, झरिया व बाघमारा कोयलांचल में कोयले का अवैध कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है. पिछले दिनों बीसीसीएल के बेनीडीह केकेसी मेन साइडिंग में सीआइएसएफ व कोयला तस्वीरों के बीच मुठभेड़ में चार लोगों की मौत के बाद जिले में कुछ दिनों तक कोयला के अवैध कारोबार पर अंकुश तो लगा, पर एक बार फिर से कोयले की तस्करी परवान पर है. ना सिर्फ साइकिल, जुगाड़ व मोटरसाइकिल, बल्कि भारी संख्या में हाइवा व 14 चक्का गाड़ियों से कोयला ले जाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक धंधेबाज विभिन्न आउटसोर्सिंग परियोजनाओं से हर दिन सैकड़ों गाड़ी कोयले की अवैध निकासी करा रहे हैं. सर्वाधिक कोयला बीसीसीएल के बरोरा स्थित फुलारिटांड़, ब्लॉक-टू, गोविंदपुर व कतरास एरिया के एफडब्ल्यूएम कांटापहाड़ी, सिजुआ कनकनी, बांसजोड़ा, कुसुंडा एरिया के ऐना, गोंदुडीह, लोदना एरिया के एमटीएसटी, बस्ताकोला के राजापुर, कुइंया व इजे एरिया के फोर व थ्री पिट परियोजना से ले जाया जा रहा है.
जानकारी के मुताबिक कोयला चोरों के आतंक से कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियां भी परेशान हैं. नाम नहीं छापने की शर्त पर कुछ ने बताया कि कई बार आउटसोर्सिंग प्रबंधन द्वारा कोयला चोरी को लेकर एफआइआर दर्ज कराने की कोशिश की गयी, पर कभी भी मामला दर्ज नहीं किया गया. तरह-तरह के मामले बता दिये गये. हद तो यह कि पुलिस की ओर से सबकुछ चलते रहने की नसीहत भी दे दी गयी. इस पर कुछ आउटसोर्सिंग कंपनियों ने ऑनलाइन एफआइआर दर्ज कराया, पर कुछ नहीं हुआ.
कोयला तस्करी को लेकर धनबाद पुलिस, जिला प्रशासन व सीआइएसएफ की संयुक्त कार्रवाई होती रहती है. इस क्रम में लगभग हर रोज अवैध कोयला भी जब्त होता है. बीच-बीच में तीनों ही इकाई अलग-अलग भी कार्रवाई करती है. इसमें भी चोरी के खिलाफ उन्हें सफलता मिलती है, पर इन मामलों के कमजोर निष्पादन के कारण चोरों के हौसले टूटने की जगह और बुलंद हो जाते हैं. दरअसल, छापेमारी में आरोपी चिह्निति होते हैं, पकड़े भी जाते हैं, लेकिन अधिकांश मामलों में पुलिसिया कार्रवाई की गति इतनी सुस्त होती है कि आरोपितों की जगह जेल में नहीं बन पाती. इस वजह से उनके हौसले बुलंद ही रहते हैं.
जिले में कोयले के अवैध कारोबार के संचालन को लेकर लाइसेंस बांटने की जिम्मेदारी फिर से राय उर्फ शर्मा जी ने संभाल रखी है. कोयले के डिमांड को देखते हुए अवैध कारोबार के लाइसेंस फीस में इन दिनों बढ़ोतरी कर दी गयी है. जानकारी के मुताबिक कोयला तस्करों से कोयला सहित प्रति ट्रक 1,20,000 से 1,40,000 रुपये तक की वसूली हो रही है, जबकि पूर्व में 80-90 हजार रुपये की वसूली होती थी. दूसरी ओर अवैध धंधेबाज व भट्ठा संचालकों से 50 लाख से एक करोड़ रुपये तक की वसूली हो रही है. जानकारों के अनुसार वर्तमान में अवैध कारोबारियों से अलग से भी 30-30 लाख रुपये के अतिरिक्त चढ़ावा की डिमांड की जा रही है. दूसरी ओर अधिक लाइसेंस फी देने का हवाला देकर कोयला तस्करों ने अब 10-12 की जगह 14 चक्का ट्रक से कोयले की ढुलाई कर दी है. इसके पीछे उनका तर्क है कि जब वो अधिक पैसा देंगे तो अधिक कोयला की ढुलाई क्यों नहीं करेंगे.
धनबाद जिले के बाघमारा क्षेत्र में रोहित, कारू, मुन्ना व टुडू एंड कंपनी का सिंडिकेट सक्रिय है. ये लोग बीसीसीएल के ओपेन कास्ट परियोजना व अवैध माइनिंग से कोयले की तस्करी करा रहे हैं. दूसरी ओर झरिया-सिंदरी क्षेत्र में मुकेश, अनिल, अमन व मंडल एंड कंपनी का सिंडिकेट सक्रिय है. ऐना, बस्ताकोला, गोधर, राजापुर, कुइंया, टासरा आदि क्षेत्र से भी बड़े पैमाने पर बीसीसीएल की आउटसोर्सिंग परियोजनाओं से हाइवा से कोयला टपाया जा रहा है. वहीं निरसा कोयलांचल में रमेश एंड कंपनी व शर्मा जी के सिंडिकेट के लोग तस्करी करा रहे हैं. इसके अलावा कुछ अन्य सिंडिकेट के लोग भी हरी झंडी के इंतजार में हैं.
पुलिस प्रशासन द्वारा जारी आंकड़े के अनुसार जिले में पिछले 35 दिनों में 52 स्थानों पर कोयले के अवैध कारोबार को रोकने के लिए छापामारी की गयी. छापेमारी कभी अकेले तो कभी संयुक्त टीम ने की, पर इस क्रम में लगभग 2415 टन अवैध कोयला ही पुलिस जब्त कर सकी. सबसे ज्यादा छापेमारी निरसा और जीटी रोड पर हुई. इसमें सबसे बड़ी कार्रवाई बरवाअड्डा के बारापिछड़ी में हुई, जहां छापामारी के दौरान 1180 टन कोयला एक ही स्थान पर जब्त किया गया था.
कोयला चोरों के लिए गोविंदपुर थाना क्षेत्र डंपिंग के लिए सेफ जोन बना हुआ है. जीटी रोड पर होने के कारण हाइवा व बड़े ट्रकों से यहां कोयला गिराना आसान है. इसी वजह से क्षेत्र में चोरी के कोयला से दर्जनों भट्ठा गुलजार हैं. जानकारों के अनुसार बाघमारा व झरिया क्षेत्र के आउटसोर्सिंग से हाइवा द्वारा चोरी का कोयला इन क्षेत्रों में पहुंचता है. बेरमो-फुसरो के अवैध धंधेबाजों का भी सुरक्षित डंपिंग जोन गोविंदपुर ही बना हुआ है. हालांकि यहां भी कभी-कभार पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा छापेमारी होती है, लेकिन धंधा बदस्तूर जारी है. जानकारों के अनुसार कुछ माह पूर्व यहां की कई इकाइयों में छापेमारी हुई, प्राथमिकी भी दर्ज की गयी, लेकिन हुआ कुछ खास नहीं. इसी क्रम में खरकाबाद बरवा में भी छापेमारी हुई थी, कोयला भी जब्त किया गया, प्राथमिकी भी हुई, लेकिन कुछ दिनों बाद से सबकुछ सामान्य हो गया. बताया जाता है कि सब ऊपरी पहुंच की कहानी है. इस थाना क्षेत्र में कोयला डंप कर वहां से फर्जी कागजात के सहारे बाहर भेजा जाता है. हद यह है कि फर्जी कागजात बनाने वाला गिरोह भी इस इलाके में सक्रिय है और वही गिरोह फर्जी कागजात उपलब्ध कराता है.
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धनबाद में कोयला चोरों ने एक प्वाइंट के स्थान पर कई अवैध प्वाइंट खोल रखा है और अवैध डीपो बनाकर कोयले का स्टॉक कर रहे हैं. इस तरह के एक दो मामले नहीं बल्कि जीटी रोड से अंदर ग्रामीण क्षेत्र में कई अवैध डिपो चल रहे हैं, पर छापेमारी या कार्रवाई की संख्या देखी जाये, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि चोरी बड़े पैमाने पर, लेकिन छापेमारी आइवाश के लिए होती है.
रिपोर्ट : मनोहर/नीरज, धनबाद