कोरोनाकाल में सांसों पर जब संक्रमण का पहरा लगा, तब ऑक्सीजन के भरोसे लोगों की जान बचाने की नौबत आ गयी. उस समय केंद्र सरकार ने एसएनएमएमसीएच, सदर, रेलवे अस्पताल समेत जिले के अन्य सरकारी अस्पतालों में पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगवाया. कोरानाकाल में लगाये गये अधिकांश पीएसए प्लांटों से ऑक्सीजन का उत्पादन कर लोगों की जान बचायी गयी. कोरोना का संक्रमण कम होने के बाद कई पीएसए प्लांट का इस्तेमाल बंद कर दिया गया. वर्तमान में चीन में H9N2 संक्रमण का खतरा फिर से बढ़ा है. यह संक्रमण निमोनिया, अस्थमा के मरीज को बुरी तरह प्रभावित कर रहा है. इसे देखते हुए भारत में भी अलर्ट जारी किया गया है. बावजूद इसके जिला स्वास्थ्य विभाग गंभीर नहीं है. रखरखाव के अभाव में अस्पतालों में लगे पीएसए प्लांटों की स्थिति खराब हो गयी है. कुछ अस्पतालों मेंलंबे समय से इनके इस्तेमाल नहीं होने से इसपर धूल की मोटी परत जम गयी है. जानकार मानते हैं कि यदि चीन में मिला नया वायरस भारत को प्रभावित करता है, तो इसका गंभीर परिणाम धनबाद को भी भुगतना पड़ सकता है. इसलिए धनबाद के पीएसए प्लांट को अपडेट रखना जरूरी है.
जानिए, अस्पतालों में लगे ऑक्सीजन प्लांटों की स्थिति
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एसएनएमएमसीएच : तीन प्लांटों में एक से उत्पादन बंद
शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसएनएमएमसीएच) में तीन ऑक्सीजन प्लांट है. एक हजार क्षमता के दो व 600 लीटर प्रति मिनट की क्षमता का एक प्लांट इंस्टॉल किया गया है. इसमें 600 लीटर प्रति मिनट क्षमता का लगाया गया प्लांट बंद है. एक सर्वो मशीन के कारण इससे उत्पादन शुरू नहीं हो पा रहा है.
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सदर अस्पताल : तीन में एक से उत्पादन, वार्डों में सिलिंडर से ऑक्सीजन सप्लाई
धनबाद सदर अस्पताल में तीन पीएसए प्लांट लगाये गये हैं. 300 लीटर प्रति मिनट की क्षमता के दो व एक हजार लीटर प्रति मिनट की क्षमता का एक प्लांट लगाया गया है. यहां सिर्फ 300 लीटर प्रति मिनट वाले एक प्लांट से उत्पादन जारी है. अन्य ऑक्सीजन प्लांट बंद है. विभिन्न वार्डों में ऑक्सीजन की कमी सिलेंडर के जरिए दूर की जाती है.
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रेलवे : कबाड़ में तब्दील होते जा रहे पीएसए प्लांट
रेलवे अस्पताल में 1000 क्षमता का पीएसए प्लांट लगाया गया है. कोरोना संक्रमण कम होने के बाद से इसका इस्तेमाल बंद है. रखरखाव के अभाव में पीएसए प्लांट कबाड़ में तब्दील होता जा रहा है. धूल की मोटी परत पीएसए प्लांट के मशीनों पर जमी हुई है. इससे पूर्व मॉकड्रिल में भी प्लांट शुरू नहीं हो पाया था. बाद में प्लांट इंस्टॉल करने वाली एजेंसी ने इसे दुरुस्त किया था.
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