हावड़ा. हावड़ा से अमृतसर जा रही 13049 अमृतसर एक्सप्रेस के मिलिटरी कोच में एक नाबालिग के साथ दुष्कर्म के मामले में सोमवार को हावड़ा के पॉक्सो कोर्ट के जज सौरव भट्टाचार्य ने तीन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा का एलान किया. दोषी करार दिये गये सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान बालक राम यादव और पंकज कुमार को उम्रकैद तथा भारतीय सेना के जवान मंजरीश त्रिपाठी को 10 साल सश्रम कारावास की सजा सुनायी गयी है. तीनों पर कुल साढ़े तीन लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. यह जानकारी मुख्य सरकारी अधिवक्ता सोमनाथ बनर्जी ने दी.
27 दिसंबर, 2015 को दमदम की रहने वाली 13 साल की एक नाबालिग फेसबुक फ्रेंड से मिलने के लिए घर से निकल गयी. उसे लुधियाना जाना था. वह हावड़ा स्टेशन पहुंची. यहां वह अमृतसर एक्सप्रेस के मिलिटरी कोच में सवार हो गयी. ट्रेन खुलने के बाद तीनों जवानों ने उससे पहले दोस्ती की और उसे जबरन शराब पिलायी. इसके बाद शराब की नशे में धुत नाबालिग को बाथरूम के पास ले जाकर सामूहिक दुष्कर्म किया. उस समय पीड़िता के पिता दुर्गापुर में एक बड़े पद पर थे.
पिता ने बेटी के लापता होने की सूचना तुरंत पुलिस को दी. इसी बीच, मधुपुर जीआरपी के थाना प्रभारी को कोलकाता की रहने वाली एक नाबालिग के लापता होने की सूचना मिली ही थी कि उसी रात करीब नौ बजे ट्रेन मधुपुर स्टेशन पहुंची. ट्रेन को तय समय से अधिक रोक कर जीआरपी ने तलाशी अभियान शुरू किया, लेकिन नाबालिग का कोई सुराग नहीं मिला. जीआरपी अधिकारियों की नजर ट्रेन के मिलिटरी कोच पर गयी. कोच के दोनों दरवाजे बंद थे. जीआरपी ने मिलिटरी जवानों को दरवाजा खोलने के लिए कहा. दरवाजा खुलते ही पुलिस अंदर गयी.
पुलिस ने देखा कि एक नाबालिग अचेत हालत में शौचालय के पास पड़ी है और उसके सामने मंजरीश त्रिपाठी नामक एक जवान बैठा हुआ है. पुलिस को समझने में देर नहीं लगी. जीआरपी ने नाबालिग को हिफाजत में लिया और मंजरीश को हिरासत में लेकर ट्रेन को रवाना कर दिया. बताया जा रहा है कि ट्रेन एक घंटे तक मधुपुर स्टेशन पर रुकी थी. पीड़िता का मेडिकल कराने के लिए देवघर अस्पताल भेजा गया. डॉक्टरों ने दुष्कर्म होने की पुष्टि की. खबर परिजनों को दी गयी.
चूंकि पीड़िता का घर कोलकाता में था और वह हावड़ा स्टेशन से ट्रेन पर सवार हुई थी, इसलिए मधपुर जीआरपी ने इस मामले को हावड़ा जीआरपी के हवाले कर दिया. मंजरीश को गिरफ्तार कर हावड़ा लाया गया और पूछताछ शुरू की गयी. पीड़िता को भी देवघर से लाकर हावड़ा जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. मामले की जांच शुरू हुई. गिरफ्तार आरोपी से पूछताछ करने के बाद बाकी दो आरोपियों को गुवाहटी से गिरफ्तार कर लिया गया. हावड़ा कोर्ट में मामले की सुनवाई शुरू हुई. सोमवार को अदालत ने तीनों अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए सजा का ऐलान कर दिया.