धनबाद : बदल गये तीन अधिकारी,165 दिन बीते, पर पूरी नहीं हो सकी बेनीडीह एनकाउंटर मामले की जांच

इस मामले में दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला था. दोनों पक्ष से कई एफआइआर भी दर्ज करायी गयी थी. बढ़ते विवाद को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर मामले में रिपोर्ट देने को कहा था. पर अब भी मामला जांच टीम के स्तर पर ही लंबित है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2023 9:07 AM

धनबाद, संजीव झा : बेनीडीह (बाघमारा) एनकाउंटर मामले की प्रशासनिक जांच 165 दिन बाद भी पूरी नहीं हो पायी है. इस मामले में अब तक तीन जांच अधिकारी भी बदल गये, पर मामला फाइलों में ही दबा हुआ है. दरअसल, 19 नवंबर 2022 की रात सीआइएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) व कोयला तस्करों के बीच बेनीडीह रेलवे साइडिंग के पास भिड़ंत हो गयी थी. इसमें चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि कई घायल हुए थे. इस मामले में दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला था. दोनों पक्ष से कई एफआइआर भी दर्ज करायी गयी थी. बढ़ते विवाद को देखते हुए जिला प्रशासन ने एक तीन सदस्यीय जांच टीम गठित कर मामले में रिपोर्ट देने को कहा था. पर अब भी मामला जांच टीम के स्तर पर ही लंबित है.

क्या था मामला

19 नवंबर को रात्रि पाली में करीब 23:45 बजे सीआइएसएफ की क्विक रिस्पांस टीम (क्यूआरटी) ने बेनीडीह रेलवे साइडिंग के पास मोटरसाइकिल से अंबे आउटसोर्सिंग माइंस से कोयला लेकर जा रहे कुछ लोगों को देखा. यह देख उन लोगों ने उन्हें चेतावनी दी, तो वे लोग मोटरसाइकिल छोड़कर भाग गये. टीम का आरोप है कि आधी रात के बाद उनलोगों ने कई लोगों के साथ घातक हथियारों से उन पर हमला किया. हथियार छीनने की कोशिश करने लगे. यह देख अपनी और अपने हथियार की सुरक्षा के लिए टीम के सुरक्षाकर्मी हवाई फायरिंग की कोशिश करने लगे, पर छीना-झपटी में गोली उन लोगों को लग गयी और चार की मौत हो गयी, जबकि तीन घायल हो गये. घायलों में सीआइएसएफ के दो जवान भी थे. वहीं दूसरी ओर लोगों व राजनीतिक दलों के लोगों का आरोप था कि जवानों ने जानबूझ कर गोली मार दी.

सीआइएसएफ की जांच रिपोर्ट भी सार्वजनिक नहीं हुई

इस एनकाउंटर की जांच सीआइएसएफ की टीम ने भी अलग से करायी थी, पर घटना के कारणों की तह तक जाने के लिए गठित कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की रिपोर्ट भी अभी तक सार्वजनिक नहीं हो पायी है.

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एडीएम (विधि-व्यवस्था) के नेतृत्व में बनी थी जांच टीम

एनकाउंटर के बाद उपायुक्त संदीप सिंह ने एडीएम (विधि-व्यवस्था) के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच टीम बनायी थी. टीम में एसडीएम भी थे. घटना के समय यहां अपर समाहर्ता ही एडीएम (विधि-व्यवस्था) के प्रभार में थे. घटना की जांच शुरू भी नहीं हो पायी थी, इसी बीच एडीएम (विधि-व्यवस्था) का प्रभार डीआरडीए के निदेशक (लेखा-प्रशासन) मो मुमताज अली अहमद को मिल गया. श्री अली व अन्य सदस्यों ने एक बार घटनास्थल का दौरा भी किया, कुछ लोगों के बयान भी दर्ज किये, इस बीच यहां राज्य सरकार ने एडीएम (विधि-व्यवस्था) के पद पर कमलाकांत गुप्ता की पोस्टिंग कर दी. सूत्रों के अनुसार नये एडीएम (विधि-व्यवस्था) ने अब तक घटनास्थल का दौरा भी नहीं किया है.

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