Prayagraj News: तालाब में मूर्ति विसर्जन करते समय तीन छात्रों की मौत, पांच की जान बचाने में हुए कामयाब
शेख अहमदपुर सहसों ग्राम सभा से दोपहर जब दो बजे दर्जनों लोग चैत्र नवरात्रि के समापन पर झूसी अंदावा तालाब में मूर्ति विसर्जन करने आए थे. मूर्ति विसर्जन के दौरान अचानक पैर फिसलने से 8 लोग गहरे पानी में डूबने लगे.
Prayagraj News: चैत्र नवरात्र की समाप्ति पर सोमवार की दोपहर सरायइनायत थाना क्षेत्र अंतर्गत झूंसी अंदावा तालाब में माता की मूर्ति विसर्जित करने आए तीन किशोर की पैर फिसलने के बाद गहरे पानी में जाने से डूबकर मौत हो गई. हालांकि, पांच को मौके पर मौजूद लोगों ने किसी तरह बचा लिया. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ने गोताखोरों की मदद से शव बाहर निकलवाया.
गहरे पानी में उतरने से हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक, शेख अहमदपुर सहसों ग्राम सभा से दोपहर जब दो बजे दर्जनों लोग चैत्र नवरात्रि के समापन पर झूसी अंदावा तालाब में मूर्ति विसर्जन करने आए थे. मूर्ति विसर्जन के दौरान अचानक पैर फिसलने से 8 लोग गहरे पानी में डूबने लगे. मौके पर मौजूद लोगों ने तत्परता दिखाते हुए 5 लोगों को किसी तरह बाहर निकाल लिया. मगर 3 किशोर गहरे पानी में चले गए. लोगों की चीख पुकार सुन ग्रामीण भी मदद के लिए पहुंच गए. वहीं घटना की सूचना पर पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी भी मौके पर पहुंच गए.
गोताखोरों की मदद से शव निकाला गया बाहर
पुलिस प्रशासन की सूचना पर पहुंचे गोताखोरों ने तालाब से एक के बाद एक तीनों किशोरों के शवों को बाहर निकाला. तीनों के शवों को स्वरूप रानी अस्पताल ले जाया गया. जहां परीक्षण के बाद डॉक्टर ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. मृतकों में अनिल कुमार 18 साल पुत्र शिव बहादुर गौतम अनिल पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ा था. वह जन्म से ही गूंगा-बहरा था. अनिल कक्षा आठवीं का छात्र था और कोरोना के दौरान उसकी पढ़ाई बाधित हो गई थी.
बुझ गया घर का इकलौता चिराज
इस हादसे में प्रमोद कुमार उम्र 13 साल पुत्र धर्मराज की भी मौत हो गई. वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. वह कक्षा पांचवी में पढ़ाई कर रहा था. घर के इकलौते चिराग के चले जाने से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. 16 साल के अंकित पुत्र शिव बाबू निवासी शेख अहमदपुर सहसो थाना थरवई की भी डूबने से मौत हो गई. इस ह्रदय विदारक घटना से अंकित के मां-बाप व रिश्तेदारों का भी रो-रोकर बुरा हाल था. घटना के बारे में जिसने भी सुना और देखा सभी की आंखें नम हो गई. घटना के संबंध में फूलपुर SDM अमरीश बिंद ने कहा की मूर्ति विसर्जन के संबंध में कमेटी द्वारा पूर्व में सूचना नहीं दी गई थी. यह महज एक इत्तिफाक है. यदि पूर्व से सूचना होती तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाते. मूर्तियों की स्थापना शारदीय नवरात्र में की जाती है.