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टाइट जींस पहनकर लॉन्ग ड्राइव करना साबित हुआ जानलेवा, मौत के मुंह से वापस लौटा युवक!

ये वाकया हमें ये याद दिलाता है कि लंबी ड्राइव्स के दौरान बीच-बीच में हिलना-डुलना कितना जरूरी है. हर एक या दो घंटे में रुककर थोड़ा चलना-फिरना और स्ट्रेचिंग करना खून के प्रवाह को बढ़ाता है और थक्कों को बनने से रोकता है.

सौरभ शर्मा की ये कहानी इस बात का सचेत करने वाली मिसाल है कि कैसे तंग कपड़े और लॉंग ड्राइव्स हमारे लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं. दिल्ली से ऋषिकेश और वापस की 300 मील से ज्यादा की सफर के दौरान तंग जींस पहनना और ऑटोमैटिक कार चलाते हुए एक ही पोजीशन में बैठे रहना, 30 साल के इस बिजनेसमैन के लिए लगभग जानलेवा साबित हुआ.

जींस पहन कर लॉन्ग ड्राइव करने के बाद शुरू हुई परेशानी

उसने भले ही ड्राइविंग के दौरान कोई दिक्कत महसूस न की हो, लेकिन असली मुसीबत ट्रिप के बाद शुरू हुई. लंबे समय तक एक ही स्थिति में बैठने से सौरभ के पैरों और पेल्विस में खून जम गया. ये जमा हुआ खून बाद में एक खतरनाक थक्का बन गया, जिसे मेडिकल भाषा में डीप वेन थ्रोम्बोसिस (DVT) कहते हैं.

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फुफुसीय इम्बोलिज्म बीमारी

यह थक्का टूटकर फेफड़ों तक पहुंचा और वहां रक्त प्रवाह अवरुद्ध कर दिया. इस रुकावट, जिसे फुफुसीय इम्बोलिज्म कहते हैं, ने सौरभ के दिल और दिमाग तक ऑक्सीजन पहुंचने का रास्ता रोक दिया. नतीजा ये हुआ कि वो सांस लेने के लिए हांफने लगा और बेहोश हो गया. जब उसे ऑफिस की सीढ़ियों पर बेहोश पाया गया, तब जाकर इस खतरे का पता चला.

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कार्डियक अरेस्ट

अस्पताल में पता चला कि सौरभ का रक्तचाप और नाड़ी खतरनाक रूप से नीचे गिर चुकी थी, और उसे कार्डियक अरेस्ट हो चुका था. 45 मिनट के सीपीआर के बाद ही डॉक्टरों ने उसे वापस लाया. जांचों से पता चला कि असल में DVT ही इस सबकी वजह था.

पीड़ित युवक को डायलिसिस की जरूरत पड़ी

डॉक्टर नवीन भामरी, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख, बताते हैं, “सौरभ के लंबे समय तक कम रक्तचाप ने उसकी किडनियों को भी नुकसान पहुंचाया. उसे 24 घंटे डायलिसिस की जरूरत पड़ी. हमें पूरा यकीन है कि ड्राइविंग के दौरान उसकी तंग जींस और स्थिर पैर की स्थिति ने ही इस रक्त के थक्के का निर्माण किया.”

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लॉन्ग ड्राइव में ब्रेक जरूरी

ये वाकया हमें ये याद दिलाता है कि लंबी ड्राइव्स के दौरान बीच-बीच में हिलना-डुलना कितना जरूरी है. हर एक या दो घंटे में रुककर थोड़ा चलना-फिरना और स्ट्रेचिंग करना खून के प्रवाह को बढ़ाता है और थक्कों को बनने से रोकता है. आप 15 मिनट का छोटा ब्रेक भी लें, इससे न सिर्फ रक्त संचार बेहतर होगा, बल्कि थकान भी कम होगी.

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लॉन्ग ड्राइव के समय ढीले ढाले कपड़े पहनें

इसके अलावा, ढीले-ढाले और आरामदायक कपड़े पहनना भी जरूरी है. लेकिन ध्यान रहे कि ये ढीले कपड़े पैडल में न फंसें, नहीं तो ये एक और खतरा बन सकते हैं. सतर्क रहें और पैरों में किसी तरह का दर्द या सूजन महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.

सौरभ का अनुभव एक चेतावनी

सौरभ का अनुभव एक चेतावनी है कि लंबी ड्राइव्स पर सिर्फ मनोरंजन और स्नैक्स का ही इंतजाम नहीं करना चाहिए, बल्कि आरामदेह कपड़ों और बीच-बीच में रुकने का प्लान भी बनाना चाहिए. ये सावधानियां ना सिर्फ थकान दूर करेंगी, बल्कि लंबी यात्रा को सुरक्षित और सुखद भी बनाएंगी.

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