गुजरात में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए बेटी बचाओ और गौरव नारी नीति जैसी करीब डेढ़ दर्जन योजनाएं लंबे समय से क्रियान्वित हैं तथा कई क्षेत्रों में इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आये हैं, लेकिन जब बात चुनावी राजनीति की आती है तो इस पश्चिमी प्रदेश में महिलाएं आज भी पीछे ही हैं.
गुजरात राज्य गठन के बाद अबतक 9 फीसदी महिलायें भी नहीं पहुंच पायीं विधानसभा
गुजरात राज्य के गठन के बाद अब तक हुए सभी 13 विधानसभा चुनावों में से किसी भी चुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बनने वाली महिला उम्मीदवारों की संख्या नौ फीसदी के आंकड़े को नहीं छू सकी है. निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, साल 1962 के पहले विधानसभा चुनाव से लेकर 2017 के विधानसभा चुनाव तक गुजरात में सिर्फ तीन मौके ही ऐसे आए जब महिला विधायकों की संख्या 9 फीसदी के करीब पहुंची. हालांकि, इस दौरान गुजरात में महिलाओं की आबादी और उनके मतदान प्रतिशत में उत्तरोत्तर वृद्धि होती गई, कुछ एक अपवादों को छोड़ दें तो.
1985 में सबसे अधिक 16 महिलायें जीतकर पहुंची विधानसभा
पहली बार 1985 में 182 सदस्यीय विधानसभा में 16 महिलाएं जीतकर पहुंचीं. इस चुनाव में 42 महिलाएं मैदान में थीं जबकि महिलाओं के मतदान का प्रतिशत 44.35 प्रतिशत था. कुल 1.92 करोड़ मतदाताओं में महिलाओं की संख्या करीब 95 लाख थी. इसके बाद 2007 और 2012 के चुनावों में एक बार फिर 16 महिलाएं चुनकर विधानसभा पहुंचीं. पिछले विधानसभा चुनाव (2017) में यह आंकड़ा गिरकर 13 पर रह गया.
मौजूदा गुजरात चुनाव में 126 महिलाओं को मिली टिकट
मौजूदा गुजरात विधानसभा चुनाव में सर्वाधिक 126 महिलाओं को राजनीतिक दलों ने अपना उम्मीदवार बनाया और 66.11 प्रतिशत महिलाओं ने मतदान किया. गुजरात के इस चुनावी सफर में ये आंकड़े महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी की कहानी बयां करते हैं.
सबसे अधिक महिला विधायक उत्तर प्रदेश में, दूसरे स्थान पर बंगाल
वर्तमान में सबसे अधिक महिला विधायक उत्तर प्रदेश में हैं. साल 2022 में 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कुल 47 महिलाओं ने जीत दर्ज की. इसके बाद पश्चिम बंगाल है. 2021 विधानसभा चुनाव में यहां 40 महिलाओं ने जीत दर्ज की थी. यहां विधानसभा की 294 सीट हैं. बिहार में 2020 में 243 सीट के लिए हुए चुनाव में 26 महिलाओं ने जीत दर्ज की थी. राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव में 24 महिलाएं जीती थीं जबकि इसी साल मध्य प्रदेश में 21 महिलाएं चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचीं.
ऐसा रहा गुजरात विधानसभा में महिलाओं की भागिदारी का रिकॉर्ड
वर्ष 1960 में गुजरात के गठन के बाद 1962 के चुनाव में 19 महिलाओं ने अपनी राजनीतिक किस्मत आजमाई और उनमें से 11 सफल रही. हालांकि, इसके बाद हुए 1967 के विधानसभा चुनाव में सीट संख्या 154 से 168 हो गई लेकिन केवल आठ महिलाएं ही विधानसभा की चौखट लांघ सकीं. 1972 के चुनाव में तो यह आंकड़ा सिर्फ एक रह गया. इस चुनाव में 21 महिलाएं मैदान में थीं. साल 1975 के चुनाव में एक बार फिर विधानसभा सीट की संख्या में इजाफा हुआ और यह 181 हो गई. लेकिन इसके अनुरूप महिला विधायकों की संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हुई. इस चुनाव में 14 महिलाएं मैदान में थीं लेकिन केवल तीन ही जीत दर्ज कर सकीं. इसके बाद 1980 में 182 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 24 में पांच, 1990 में 53 में चार, 1995 में 94 में सिर्फ दो और 1998 में 49 में से केवल चार महिलाएं ही जीत दर्ज कर सकीं.
आनंदी बेन पटेल 2014 में बनीं गुजरात कदी पहली महिला मुख्यमंत्री
गुजरात को आनंदी बेन पटेल के रूप में 2014 में पहली महिला मुख्यमंत्री मिलीं, नरेंद्र मोदी जब देश के प्रधानमंत्री बने तो उनकी जगह पर आनंदी बेन को सीएम बनाया गया. हालांकि उनका कार्यकाल भी बहुत छोटा रहा.
भाषा इनपुट के साथ