16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

झारखंड में बेटे की प्रताड़ना से तंग 78 वर्षीया बुजुर्ग मां पहुंची वृद्धाश्रम, ये है पीड़ा

Jharkhand News, धनबाद न्यूज (भागवत दास) : झारखंड के धनबाद जिले में बेटों की प्रताड़ना से तंग आकर एक 78 वर्षीया बुजुर्ग महिला अपना घर छोड़कर दक्षिणी टुंडी स्थित लालमणि वृद्धाश्रम जा पहुंची. यह सुनते ही उसके बेटे और गांव वाले वृद्धाश्रम पहुंचे, लेकिन बुजुर्ग महिला आने के लिए तैयार नहीं हुई. इनके तीन बेटे हैं, लेकिन इनकी अनदेखी से तंग आकर ये वृद्धाश्रम पहुंची.

Jharkhand News, धनबाद न्यूज (भागवत दास) : झारखंड के धनबाद जिले में बेटों की प्रताड़ना से तंग आकर एक 78 वर्षीया बुजुर्ग महिला अपना घर छोड़कर दक्षिणी टुंडी स्थित लालमणि वृद्धाश्रम जा पहुंची. यह सुनते ही उसके बेटे और गांव वाले वृद्धाश्रम पहुंचे, लेकिन बुजुर्ग महिला आने के लिए तैयार नहीं हुई. इनके तीन बेटे हैं, लेकिन इनकी अनदेखी से तंग आकर ये वृद्धाश्रम पहुंची.

ये मामला धनबाद जिले के पूर्वी टुंडी प्रखंड अन्तर्गत रघुनाथपुर पंचायत के केशीडीह गांव का है, जहां एक 78 वर्षीया वृद्ध महिला बिलासी देवी अपने साथ रह रहे बेटे की प्रताड़ना तथा अन्य जगहों पर रह रहे दो बेटों की अनदेखी से तंग आकर अचानक बुधवार सुबह दक्षिणी टुंडी के आसनडाबर स्थित लालमणि वृद्धाश्रम पहुंच गई. वृद्धा ने अपनी आपबीती सुनाते हुए कहा कि मैं अपने बेटे सुरेश कुम्हार के साथ केशीडीह गांव में रहती हूँ, लेकिन मेरा बेटा मुझे बहुत प्रताड़ित करता है. इसकी सूचना जब बाकी दो बेटों (बीसीसीएल में नौकरी करता है) एवं (सरकारी नौकरी से रिटायर्ड) को दी, तो उनके द्वारा भी अनदेखी की जाती है. इस हालत में मेरे पास वृद्धाश्रम के अलावा कोई दूसरा सुरक्षित स्थान नहीं है. मैं अब यहीं रहना पसंद करुंगी. मुझे दुश्मन बेटों के पास नहीं जाना है.

Also Read: झारखंड में नाबालिग प्रेमी जोड़े का मुंडवाया सिर, जूते की माला पहनाकर घुमाया पूरा गांव, वीडियो VIRAL

इस संबंध में छोटे बेटे सुरेश कुम्हार का कहना है कि मेरे और दो भाई हैं. उनका भी फर्ज बनता है कि मां को अपने साथ रखें. मैं अकेले जिम्मेदारी नहीं ले सकता. वृद्धा बिलासी देवी ने बताया कि दो सगा बेटा भरत कुम्हार और सुरेश कुम्हार है तथा एक सौतेला बेटा भी है सुबोध कुमार. भरत कुम्हार को मां ने पिता के बदले नौकरी सौंप दी, लेकिन इस बुढ़ापे में सेवा करने का फर्ज नहीं निभाया, जबकि सौतेला बेटा सुबोध कुमार पंचायत सेवक की नौकरी से रिटायर्ड हो चुका है, लेकिन उसका व्यवहार सौतेले जैसा ही है. मैं छोटे बेटे सुरेश कुम्हार के साथ रहती थी, जो पॉल्ट्री फार्म का धंधा करता है, लेकिन बेटा और बहु मिलकर मुझे बहुत दिनों से गाली गलौज, मारपीट तथा प्रताड़ित कर रहे थे. मैं बाकी जिंदगी वृद्धाश्रम में ही चैन से गुजारना चाहती हूं.

Also Read: झारखंड में तीसरे दिन पुलिस-नक्सली मुठभेड़, 15 लाख का इनामी नक्सली बुद्धेश्वर उरांव ढेर !

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें